मंगलवार, 5 अप्रैल 2022

RRR के एक R का मतलब RRR का Review♥️😎🧑‍🏫

 


       लेख✍️ शुरू करने से पहले आपको RRR का असली मतलब बताते हैं जिसे मैंने GOOGLE बाबा से प्राप्त किया हैं। 

RRR का तेलुगु भाषा में अर्थ:- 

रौद्रम रणम रुधिराम”, 

तमिल में “रथथम रणम रौथिराम”, 

कन्नड़ में “रौद्र राणा रुधिरा”, 

मलयालम में “रुधिराम रणम रौद्रम” होता है। 

अंग्रेजी में RRR का Full Form:-


Rise Roar Revolt 

“राईज रौर रिवोल्ट”


और इसका हिंदी में अर्थ होता है-


उदय दहाड़ विद्रोह।


अब हम अपने मुख्य उद्देश्य पर लौटते हैं। यानी RRR के एक R..... मतलब RRR का Review ♥️😎🧑‍🏫



      South की फिल्में जैसी होती थी एकदम वैसी ही है। पहले लोग फिल्में टीवी पर देखते थे तो वो फीलिंग नहीं आती थी। अब सिनेमा-हॉल😎 में देखने लगे हैं तो मजा आने लगा है। Maaza इसलिए आने लगा है कि साउथ फिल्मों में एक्शन भरपूर होता है और एक्शन बड़े परदे पर ही अच्छा लगता है। यही कारण है कि पुष्पा, KGF इत्यादि फिल्में और अब RRR ये सुपर-डुपर हिट होने लगी हैं।


    2009 में एक फ़िल्म आई थी- मगधीरा आप अपने मोबाइल पर उसको Search कीजियेगा। ऐसे आपकी सुविधा के लिए यूट्यूब का लिंक मैंने दे रखा हैं।

Movie Link


      इस फिल्म में RRR के हीरो राम-चरण ने काम किया है। मैने बहुत पहले देखा था TV पर एवं बाद में मोबाइल पर तो कई बार। अगर उसको भी अभी सिनेमा हॉल में लगा दिया जाए तो हाउसफुल चलती रहेगी महीनो सही कह रहे हैं। 


       जो लोग साउथ की फिल्मों का मजाक उड़ाते थे। E-Logical कहकर, अब वही लोग इन E-Logical फिल्मों का लुत्फ उठा रहे हैं। ये मजेदार चीज है। Reality बहुत Boaring होती है। यदि ऐसा नहीं होता तो बहुत सी अच्छी रियलिटी बेस्ड फिल्में बॉलीवुड में आई थीं वह भी Flop होकर गायब हो गईं एक सप्ताह के अंदर ही।


     साउथ की फिल्मों का सफल होने का कारण केवल एक्शन ही नहीं बल्कि इन फिल्मों की एक खास बात ये भी है कि इनमे हीरो कभी हारता नहीं है और ना ही वो मरता है बॉलीवुड फिल्मों की तरह। इन फिल्मों में अच्छे लोग जो अच्छा काम करते हैं, मदद करते हैं दूसरों की, उनकी मौत नही होती बॉलीवुड की तरह। 


      इतना ही नहीं, इन फिल्मों में प्यार-मोहब्बत🥰 को एक दायरे में दिखाया जाता है जबकि बॉलीवुड में अति होने लगा है जिसके चलते लोग परिवार के साथ जाने से कतराने लगे हैं।


      अब आते हैं इस फिल्म पर, तो दो बहुत मजबूत हीरो हैं इस फिल्म में। इतने मजबूत की बाहुबली को भी पटक दें। बाहुबली वाले प्रभास जिस दिन ये फिल्म देखे होंगे उनको महसुस हो गया होगा कि हमसे बहुत ज्यादा ताकतवर त s ई दुन्नोगोटा- एनटीआरवा और राम चरनवा। हैं।

(नन्दमुर्ती तारक रामा राव, प्रख्यात नाम:- Junior NTR) 

पुष्पा का दोनो चप्पल तोड़ कर उसको दौड़ा देगा और तो और उसको भागे रस्ता ना मिलेगा। इतना ताकतवर है इस फिल्म का हीरो सब की KGF वाले भाई साहब भी सिकुड़कर बैठ जायेंगे ई. फिल्मवां देखकर।


     फिल्म की कहानी शुरु होती हैं और एक आदिवासी की बिटिया को उठा लेती है एक अंग्रेजनी।  फिर पूरी अंग्रेजी हुकूमत की बढ़िया से ले लेता है एनटीआर जूनियरवा। इसी पर पूरी फिल्म की कहानी है। पहली बार अंग्रेज सब को किसी फिल्म में लाते-लात कुटा है हीरो जमकर। काल्पनिक ही सही, बड़ा मजा आया देखकर🤣 सुकून मिला।


      दोस्ती की अनोखी कहानी है। दोस्त के लिए जान देने को तैयार हैं दोनो हीरो। अजय देवगन हमेशा की तरह राजा टाइप एक्टिंग किए हैं और आलिया मस्त लग रही है सीता बनकर राम चरण की। श्रिया शरण तो जैसे अजय देवगन की परमानेंट बीबी टाइप ही बन गई हैं दृश्यम के बाद। विदेशी लड़की जो मेन अंग्रेज की बेटी है बहुत सुंदर लग रही है और एनटीआरवा अपने भोलेपन से उसको पटा लेता है और बाद में बियाह भी कर लेता है।


     पिक्चर के शुरुआत में ही राम चरण तीस से चालीस हजार लोग से अकेले भिड़कर भगा देता है। ऐसा सीन इतिहास में आजतक किसी ने नहीं देखा होगा। आप को मजा आयेगा देखकर। अंग्रेजन सब को ऐतना मारा है एनटीआरवा़ और बाद में राम चरणवां की अगर ये फिल्म इंग्लिश में डब करके इंग्लैंड में दिखाया जाए तो अंग्रेजवा सब पगला के भारत पर आक्रमण कर देगा। ऐसे भी इस फिल्म का आधा संवाद तो अंग्रेजीये में हैं आधे को ही डब करना पड़ेगा।


     एक और चीज, निवेदन है🙏 फिल्म देखने वाले लोगों से की पिक्चर को एकदम अंत तक देखें। कुछ लोगों के देखा-देखी लाइट जलते ही थिएटर से निकल मत जाइये। 03 घंटे तक पिक्चर बैठकर देखने वाले लोग अंतिम का 08 मिनट क्यों नहीं देख पाते ? ध्यान दीजिएगा, कहीं आप भी तो उस भीड़ के हिस्सा नहीं। 


      अंतिम तक फिल्म देखिए नहीं तो स्टोरी के अंत में जो चीजें दिखाई गई हैं वो पूछने पर शायद आप बता नहीं पाएंगे और एक्चुअल में कहानी का अंत जान भी नहीं पाएंगे।😀


       यदि अभी तक फिल्म का रिव्यु ही पढ़ रहे हैं  और पिक्चर नहीं देखे हैं तो जाइए देख आइए।  TV,  मोबाइल पर आने के बाद भी मजा नहीं आयेगा जितना सिनेमा हॉल में आता है।

        अंत में मैं अपनी एक बात कहना चाहूंगा कि मैं भी सिनेमा हॉल में जाकर के फिल्म देखने के विशेष पक्ष में नहीं था लेकिन एक दोस्त के कहने पर मैंने ये पिक्चर यानी RRR को सिनेमाघर में जाकर देखा।



     ....और आप सभी से भी कहूंगा की Hall का जो मज़ा है वह मोबाइल एवं TV में नहीं।


धन्यवाद🙏





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