बरसो बाद जब मैं तुमसे मिलूंगा,
सिर्फ मैं ही नही मिलूंगा....।
बरसो से जम रहे कुछ ख़्वाब,
कई बार चाय☕ लिए खिड़की पर हुए बेताब....।
धूप में सुखी हुई कुछ यादें,
बिस्तर के भीतर देर रात तक कि हुई बातें....।
बरसो से "बैटरी लो" कर देने वाले मैसेंज,
घन्टो तलक वीडियो कॉल वाले व्हाटसअप एकाउंट....।
तुम्हारे नाम की अनगिनत चिट्ठियां💌,
कलम✍️ को एकदम से रोक लेने वाली कुछ अधूरी कविताएँ....।
एकदम से नींद खराब कर देने वाली कई रातें,
ये सब भी बरसो बाद तुमसे मिलने आएंगे....।
-विजय✍️
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