नई-नई मोहब्बतों💗 के किस्से निराले होते हैं।
ना दिन को सुकून आता हैं,
ना रात को चैन से सोते हैं।
तेरी पायल की छम-छम,
हमको बहुत लुभाती है।
तेरी जुल्फों के साए में,
होश अपना खोते जाते है।
नई-नई मोहब्बतों💗 के किस्से निराले होते हैं।
ये झरने कल-कल करते हैं,
ये नदियां गीत सुनाती है।
बागों में भंवरे की गुंजन,
हमको बहुत ही भाती है।
फूलों पर भी आई जवानी,
हमको देख इतराती है।
तेरी गलियां हमको तुमसे,
मिलने को बुलाती है।
नई-नई मोहब्बतों💗 के किस्से निराले होते हैं
चांदनी रातो में तारों से,
हम तो रोज बतियाते हैं।
तुमको चांद🌙 कहते हैं,
हम दीवाने🥰 हो जाते हैं।
कल फिर तुमसे मिलना होगा,
इस ख़्याल से खुश हो जाते हैं।
तुम लैला सी लगती हो,
हम मजनूं बन जाते हैं।
नई-नई मोहब्बतों💗 के किस्से निराले होते हैं
कमल राठौर साहिल✍️
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें