रविवार, 3 अप्रैल 2022

उसको मालूम नहीं आग🔥 सीने की मेरी, मेरा शायर✍️ जो तपेगा तो निखर जायेगा..



"सुईं को धागे में डाल कर रखना, 

मेरे किस्से को भी पाल कर रखना।

लौटते वक़्त काम आएगी,

ये उदासी संभाल कर रखना..!" 

🙏🙏🙏


अपनी शामों में हिस्सा, 
फिर किसी को ना दिया....
इश्क़💗 उनके बिना भी हमने, 
उन्हीं से किया..!!

🙏🙏🙏

किसी के दिल की मायूसी, 
जहाँ से हो के गुजरी है।
हमारी सारी चालाकी वहीं पे, 
खो के गुजरी हैं।

तुम्हारी और मेरी रात में, 
बस फर्क इतना है।
तुम्हारी सो😴 के गुजरी है, 
हमारी रो😓 के गुजरी है।

🙏🙏🙏

तरसतें है ये नैनां मेरे तेरी राह निहारतें हैं।
धड़कनें भी इस दिल की तुम्हें पुकारतें हैं
जितनी लगन से करते हैं याद उस खुदा को
सच उतनी ही शिद्दत् से हम तुम्हें विचारतें हैं।

🙏🙏🙏

उदासी में भी एक अलग ही मज़ा हैं,
जिंदगी जीना ऐसी कौन सी सज़ा हैं।
सुई और धागा हैं एक दूसरे की डोर,
तेरे किस्से को सुनना मेरी जीने की वजह हैं।

🙏🙏🙏

खाली डब्बा एवं खाली बोतल
का एक ही 'स्वभाव' है।
ठेले पर चढ़ते ही एक ही
'भाव' है।

'परिणाम' जो कुछ भी हो
चुनाव का,
'चुनाव' तो आखिर 'चुनाव'
है।
"अनंत"✍️
🙏🙏🙏

उत्तरों से चलकर 'सवालों'
की ओर पहुचों।
'अक्षरों 'से ही कम से कम
'ख़यालों' की और पहुचों।

🙏🙏🙏

आसमां को ज़मीं पर बिछाने लगे,
हम सितारों के पौधे उगाने लगे।
धुन की धूनी रमाने लगे हैं बहुत,
जब से दर पर फ़कीरो के जाने लगे।


"उठा पलकों को जिस ने दिन उगाया था फ़लक पर,
उसी की ज़ुल्फ़ का रातों पे साया हो गया है।

नज़र का एक टुकड़ा छत पे फेंका है किसी ने,
जिसे पढ़ने में पूरा चाँद ज़ाया हो गया है...!"

🙏🙏🙏

“अपनों के अवरोध मिले, 
हर वक्त रवानी वही रही।
‪साँसो में तूफ़ानों की, 
रफ़्तार पुरानी वही रही।

‪लाख सिखाया दुनिया ने, 
हमको भी कारोबार मगर।
‪धोखे खाते रहे और मन की, 
नादानी वही रही।”

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"मुद्दतें गुजरी, तेरी याद भी आई ना हमें
और हम भूल गये हों तुझे, ऐसा भी नहीं" 
फ़िराक़ गोरखपुरी✍️

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"कितना मुश्किल है ख़ुद को ही ख़ुद के 
दिल की सीपी में ढाल कर रखना।
आप के पास तो लाखों होंगे 
मेरे वाला सँभाल कर रखना..!"

🙏🙏🙏

“यह दिया चौरास्ते का ओट में ले लो,
आज आंधी गांव से हो कर गुज़रती है।
कौन शासन से कहेगा ? कौन पूछेगा ?
एक चिड़िया इन धमाकों से सिहरती है।”
दुष्यंत कुमार

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"स्वयं से दूर हो तुम भी, 
स्वयं से दूर हैं हम भी।
बहुत मशहूर हो तुम भी, 
बहुत मशहूर हैं हम भी।

बड़े मग़रूर हो तुम भी,
बड़े मग़रूर हैं हम भी।
अतः मजबूर हो तुम भी, 
अतः मजबूर हैं हम भी।" 

🙏🙏🙏

"जिसकी धुन पर दुनिया नाचे दिल ऐसा इकतारा है।
जो तुमको भी प्यारा है और जो हमको भी प्यारा है।

झूम रही है सारी दुनिया जब कि हमारे गीतों पर 
तब कहती हो प्यार हुआ है, क्या अहसान तुम्हारा है।"

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मुझ पे तो हारने का कुछ भी नहीं,
तू मगर हारकर भी हारेगा !
इक मुझे मारने की कोशिश में,
कितनी आँखों के ख़्वाब मारेगा...?

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“महफ़िल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है।
ख़ुद ही ख़ुद को समझाना तो पड़ता है।
उसकी आँखों से हो कर दिल तक जाना 
रस्ते में ये मयख़ाना🥂 तो पड़ता है...!”


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हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है,
वो हर बात पर कहना कि यूं होता.... 
तो क्या होता।

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“आप के आने से पहले ही यहीं मौजूद है,
वक़्त का पोशीदा रुस्तम हर कहीं मौजूद है।
आज के शाहों की सारी जंग है मौजूदगी,
और शाह ए वक़्त नामौजूद भी मौजूद है..।


🙏🙏🙏

एक दो दिन में वो इकरार कहाँ आएगा 
हर सुबह एक ही अखबार कहाँ आएगा 
आज जो बाँधा है इनमें तो बहल जायेंगे
‪रोज़ इन बाँहों का त्योहार कहाँ आएगा

🙏🙏🙏

ये तेरी बेरुख़ी की हम से आदत ख़ास टूटेगी,
कोई दरिया न ये समझे कि मेरी प्यास टूटेगी।
तेरे वादे का तू जाने मेरा वो ही इरादा है,
कि जिस दिन साँस टूटेगी उसी दिन आस टूटेगी।


🙏🙏🙏

दूर है तू मगर मैं तेरे पास हूँ 
दिल है गर तू तो दिल का मैं एहसास हूँ
प्रार्थना या इबादत या पूजा कोई 
भावना है अगर तू मैं विश्वास हूँ...!!

🙏🙏🙏

ज़ख्म भर जाएंगे, 
तुम मिलो तो सही।
दिन सँवर जाएंगे, 
तुम मिलो तो सही।

रास्ते में खड़े, 
दो अधूरे सपन।
एक घर जाएंगे, 
तुम मिलो तो सही..!

🙏🙏🙏

ये मेरे हाथ में जो फूल का गुलदस्ता है,
ये मेरे पाँव के काँटों पे बहुत हँसता है..


🙏🙏🙏

दिल की कोरी किताब लाया हूँ..
नर्म नाजुक गुलाब🌹लाया हूँ..
तुमने डर-डर के जो लिखे ही नहीं..
उन ख़तों के भी जबाब लाया हूँ!

🙏🙏🙏

रात और दिन का फासला हूँ मैं।
ख़ुद से कब से नहीं मिला हूँ मैं।
ख़ुद भी शामिल नहीं सफ़र में, 
पर।
लोग कहते हैं काफिला हूँ मैं।

मुहब्बत!💗 तेरी अदालत में....

एक शिकवा हूँ, 
एक गिला हूँ मैं।
मिलते रहिए, 
कि मिलते रहने से।

मिलते रहने का सिलसिला हूँ मैं”।

🙏🙏🙏

कोई मंज़िल नहीं जँचती, 
सफ़र अच्छा नहीं लगता।
अगर घर लौट भी आऊँ तो, 
घर अच्छा नहीं लगता।

करूँ कुछ भी मैं अब, 
दुनिया को सब अच्छा ही लगता है।
मुझे कुछ भी तुम्हारे बिन, 
मगर अच्छा नहीं लगता।”

🙏🙏🙏

मुझ पर तेरी उल्फत,
का असर इस कदर से छाया है।
तेरा ही अक्स,
मुझे हर तरफ नजर आया है।

🙏🙏🙏


तुम्हीं पे मरता है ये दिल💗, 
अदावत क्यों नहीं करता।
कई जन्मों से बंदी है, 
बग़ावत क्यों नहीं करता।

अदावत का अर्थ:- शत्रुता।

🙏🙏🙏

कभी तुमसे थी जो, 
वो ही शिकायत है ज़माने से।
मेरी तारीफ़ करता है, 
मुहब्बत💗 क्यों नहीं करता।"

🙏🙏🙏

जिंदगी उस दौर से गुजर रही है,
जहां दिल दुखता है और चेहरा हंसता है….!!

Life is passing through that phase,
Where the Heart💗 hurts and the face laughs….!


🙏🙏🙏


"उसको लगता है मेरा नर्म-सा नाजुक-सा जिगर 
दूरियाँ सह नहीं पाएगा बिख़र जायेगा।
उसको मालूम नहीं आग🔥 सीने की मेरी,
मेरा शायर✍️ जो तपेगा तो निखर जायेगा..

🙏🙏🙏

दिल को सुकून देती हैं हर वो बात,
जिसमें जिक्र उनका होता है।
ठहर जाती है निगाहें वहीं,
जहॉं नाम उनका लिखा होता हैं.....

🙏🙏🙏

ये तेरी बेरुख़ी की हम से आदत ख़ास टूटेगी,
कोई दरिया न ये समझे कि मेरी प्यास टूटेगी,
तेरे वादे का तू जाने मेरा वो ही इरादा है,
कि जिस दिन साँस टूटेगी उसी दिन आस टूटेगी..!

साभार सोशल मीडिया

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