विज्ञापन और कम्प्यूटर
(Advertising and Computer)
आधुनिक युग कम्प्यूटर और विज्ञापन का युग है। विज्ञापन निर्माण में कम्प्यूटर की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है। कम्प्यूटर के प्रयोग ने विज्ञापन निमार्ण की जटिलता एवं धीमी गति को सरलता एवं तीव्रता प्रदान की है। अन्य सभी व्यवसायों, शिक्षा, मंनोरंजन, संचार, चिकित्सा, आदि। की तरह ही कम्प्यूटर से विज्ञापन निमार्ण और मुद्रण तकनीक में क्रान्तिकारी परिवर्तन हुआ है। विज्ञापन के विभिन्न माध्यमों की तरह ही दृश्य विज्ञापन निर्माण एवं प्रकाशन में कम्प्यूटर डी.टी.पी. (Desk Top Publication) अर्थात् एक मेज पर प्रकाशन की सभी सुविधाएँ, की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। विज्ञापन (डिजाइन) निर्माण और प्रकाशन तकनीक में कम्प्यूटर आधारित डी.टी.पी. द्वारा डिजाइन (इमेज) निर्माण और उसके प्रकाशन की जटिलता की समस्या का समाधान हुआ है। कम्प्यूटर द्वारा इस प्रक्रिया को सुगमता से पूरा किया जा सकता है। डी.टी.पी. द्वारा डिजाइन (विज्ञापन) निमार्ण एवं प्रकाशन प्रक्रिया इतनी सरल व कम लागत वाली हो गई है कि डिजाइनर अपने चाहे गये आकार में डिजाइन बनाकर अगर उसमें बदलाव करना चाहे तो कुछ ही सैकण्डों में उसमें बदलाव कर सकता है तथा उस डिजाइन में विभिन्न तरह के प्रभाव डालने में भी सुविधा रहती है।
यथा
1. डिजाइन के निमार्ण में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न तत्वों मुख्य शीर्षक, उपशीर्षक, बॉडी कापी, चित्र आदि का सृजन किया जा सकता है तथा इनमें विशेष प्रभाव डाले जा सकते हैं। इन्हें आवश्यकतानुसार बहुत कम समय में ऊपर-नीचे या दायें-बायें रखना एवं इनमें विभिन्न रंगों का प्रयोग भी आसानी से किया जा सकता है।
2. डिजाइन में प्रयुक्त होने वाले तत्वों (जिनका सृजन कम्प्यूटर में नहीं किया गया हो) जैसे- चित्र, सिम्बल, फोटो आदि को स्कैनर द्वारा स्कैन करके उनको आवश्यकतानुसार छोटा-बड़ा बनाकर प्रयोग कर सकते हैं तथा उनमें विशेष प्रभाव भी डाल सकते हैं।
3. डी.टी.पी. द्वारा डिजाइन में प्रयुक्त होने वाले फोन्ट (टाईपफेस) को आसानी से बदला जा सकता है तथा उनमें विभिन्न प्रभाव भी डाले जा सकते हैं। जैसे- इटालिक इम्बोज, छोटा-बड़ा करना, और उनमें छाया-प्रकाश के प्रभाव डालना आदि।
4. इस पद्धति द्वारा डिजाइन का प्रिन्ट निकालकर देखा जा सकता है कि भविष्य में छपने वाला डिजाइन कैसा होगा तथा अगर आवश्यकता हो तो उसमें आसानी से संशोधन भी किया जा सकता है।
5. डी.टी.पी. द्वारा विभिन्न तरह के डिजाइन (विज्ञापन), समाचार-पत्र, पत्रिकाओं एवं पुस्तकों आदि का विभिन्न रंगों में मुद्रण करना एवं उसमें संशोधन करना बहुत आसान हो गया है।
6 . इसके द्वारा डिजाइन के विभिन्न तत्वों मुख्य शीर्षक, उपशीर्षक, बॉडी कॉपी, प्रतीक चिन्ह आदि को आवश्यकतानुसार आसानी से पंक्तिबद्ध (Align) किया जा सकता है।
7. डी.टी.पी. द्वारा टाईप किये गये शब्दों की स्पैलिंग (Spelling) को सुधारा जा सकता है।
8. इसमें आंकड़ों (Data) के आधार पर सभी प्रकार के चार्ट एवं ग्राफ तैयार किये जा सकते हैं।
9. डिजाइनर द्वारा बनाये गये चित्रों में अलग-अलग तरह के प्रभाव जैसे- ड्राइ ब्रुशं, पैन एंड ईक, लोइन ड्राईर्ग, जल रंग, इम्बॉजिंग, ड्रॉप शैडो रंगों एवं छाया-प्रकाश के विभिन्न प्रभाव डाले जाते हैं।
10. बनायी गई डिजाइन को मॉनिटर पर देख कर उसमें आवश्यक संशोधन सुगमता से किये जा सकते हैं।
11 . इसमें टाइप किये गये मैटर को कॉलम्स में भी व्यवस्थित किया जा सकता है तथा बनायी गई डिजाइन या मैटर को आसानी से कुछ ही सैकण्डों में छोटा-बड़ा किया जा सकता है तथा उसे सेव करके (सुरक्षित) रखा जा सकता है।
12. इसके द्वारा किसी भी डिजाइन या पुस्तक के पृष्ठ का मेकअप कर तुरन्त प्रिंट प्राप्त कर उसका प्रकाशन शीघ्रता से प्राप्त किया जा सकता है।
डी.टी.पी. एक कम्प्यूटर आधारित प्रक्रिया है जिसे पूर्ण करने के लिए कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है।
डी.टी.पी. में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख हार्डवेयर
हार्डवेयर (Hardware)
हार्डवेयर कम्प्यूटर निमार्ण में प्रयुक्त होने वाले यांत्रिक उपकरण होते हैं। जैसे- 1. कम्प्यूटर, 2. प्रिन्टर, 3. स्कैनर, 4. मॉडम आदि।
कम्प्यूटर
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो संगृहीत किये गये प्रोग्राम के अनुसार डाटा को ग्रहण करके शत-प्रतिशत सही और तीव्र परिणाम देती है। आजकल प्रचलित पर्सनल कम्प्यूटर के संगठन में लगने वाले उपकरण इस प्रकार हैं -
1. प्रोसेसर/माइक्रो प्रोसेसर (Processor/Micro Processor) - Quad Core 2.3 GHz to 3.5 GHz) - यह कम्प्यूटर का मस्तिष्क होता है जो कम्प्यूटर से सम्बन्धित सभी तरह की लॉजिकल क्रियाओं को क्रियान्वित करता है।
2. मदर बोर्ड (Mother Board) - कम्प्यूटर के सभी हार्डवेयर इससे जुड़े रहते हैं एवं इसके द्वारा ही संचालित किये जाते हैं तथा इसी के द्वारा प्रोसेसर का आउटपुट प्राप्त होता है।
3. रैम (Ram) DDR-3-4GB to 8GB- यह एक अस्थायी मैमोरी है जिसमें संगृहीत डाटा कम्प्यूटर के बन्द होने पर स्वतः ही नष्ट हो जाते हैं।
4. हार्ड डिस्क 500GB to 1TB- इसमें भी सूचनाओं को संगृहीत किया जाता है। यह स्थायी मैमोरी है, जिसे परिवर्तित भी किया जा सकता है।
5. सीडी रोम ड्राइव (CD ROM Drive) 650MB - यह संग्रहण इकाई है जिसमें संगृहीत सूचनाओं को केवल पढ़ा ही जा सकता है।
6. फ्लॉपी डिस्क ड्राइव (FDD) 3.5" - यह भी एक संग्रहण इकाई है जिसका उपयोग इनपुट व आउटपुट दोनों के लिए किया जाता है। वर्तमान में कम ही प्रयुक्त की जाती है।
7. कैबिनेट (Cabinet with SMPS) - इसमें उपर्युक्त (1 से 6 तक) सभी इकाइयाँ रखी जाती हैं, जिसे CPU कहा जाता है।
8. मॉनिटर (Monitor) LED 19" to 21" (IPS Technology) - यह आउटपुट उपकरण है जिसे सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्य करने के लिए मॉनिटर द्वारा संवाद करता है।
9. की-बोर्ड (Key Board) - यह इनपुट उपकरण है जिसका उपयोग सबसे अधिक होता है। इसमें अलग - अलग 104 Keys होती हैं जिनके प्रयोग से कार्य किया जाता है।
10. माउस (Mouse) यह CPU से जुड़ा हुआ छोटा उपकरण है जो कम्प्यूटर स्क्रीन पर किसी विशेष स्थिति को इंगित करता है। इसमें तीन बटन होते हैं, इसे हाथ से चलाया जाता है।
11. स्पीकर (Speaker), UPS आदि आवश्यकतानुसार।
12. पेन ड्राइव- 4GB से 16GB यह भी एक संग्रहण इकाई है जिसका इनपुट एवं आउटपुट दोनों के लिए उपयोग किया जाता है।
प्रिन्टर (Printer)
यह आउटपुट उपकरण है। कम्प्यूटर में बनाये गये डिजाइन एवं आंकड़ों की छपाई के लिए एक प्रिन्टर की आवश्यकता होती है। सामान्यतः दो तरह के प्रिन्टरों का प्रयोग अधिक किया जाता है लेजर प्रिन्टर एवं इंकजेट प्रिन्टर।
लेजर प्रिन्टर (Laser Printer):-
इस प्रिन्टर में डिजाइन की छापाई के लिए लेजर किरणों का प्रयोग होता है। लेजर किरणें प्रिन्टर में फोटो सैन्सेटिव सतह पर पड़ती हैं और वहाँ पर डिजाइन की आकृति बनती है तथा यह आकृति टोनर से कार्बन कणों को आकर्षित करती है जिनमें स्याही होती है। ये कार्बन कण आकृति पर चिपक जाते हैं और इनसे डिजाइन प्रिन्ट होता है। यह प्रिन्टर इंकजैट प्रिन्टर की अपेक्षा अधिक महंगे होते हैं। इस प्रिन्टर द्वारा छपाई उच्च कोटि एवं तीव्र गति से की जाती है। अधिकतर इसका प्रयोग ब्लैक एण्ड व्हाइट छपाई के लिए ही करते हैं क्योंकि रंगीन लेजर प्रिन्टर महंगा होता है।
इंकजेट प्रिन्टर (Inkjet Printer)
इस प्रिन्टर में प्रिन्ट करने के लिए नोजल द्वारा कागज पर स्याही को छिड़का जाता है। यह लेजर प्रिन्टर की अपेक्षा सस्ता एवं धीमी गति से प्रिन्ट करता है। लागत कम होने के कारण रंगीन लेजर प्रिन्टर की अपेक्षा इंकजैट प्रिन्टर का प्रयोग अधिक किया जाता है।
स्कैनर (Scanner)
यह एक इनपुट उपकरण है। इसके द्वारा कम्प्यूटर से बाहर बनाये गये चित्र, फोटोग्राफ एवं लिखित सूचनाओं आदि को कम्प्यूटर मैमोरी में पहुँचाने का कार्य किया जाता है। जिस भी डिजाइन या चित्र को स्कैन करना होता है उसे स्कैनर की समतल स्तह पर रखते हैं और स्कैनर पर लगे हुए लैंस तथा प्रकाश द्वारा उसे स्कैन किया जाता है। स्कैन किये गये चित्र या फोटोग्राफ आदि को कम्प्यूटर स्क्रीन पर देखकर उसमें इच्छानुसार संशोधन किया जा सकता है।
मॉडम (Modem)
इसका प्रयोग इन्टरनेट के लिए किया जाता है। सामान्यतः इन्टरनल एव एक्सटर्नल (Internal or External) 256 KBPS से 2 MBPS का प्रयोग किया जाता है।
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