My skills and Characteristics are Painting, Fashion Photography, Heritage Photography, Logo Designing, Writing, Blogging and Getting things Done in Creative Way.
शनिवार, 25 फ़रवरी 2023
Blogs क्या होता हैं और ये कार्य कैसे करता है ?
शुक्रवार, 11 मार्च 2022
Spyware kya hota hai. स्पाइवेयर क्या होता है?
Definition of Spyware:-
Software that enables a user to obtain covert information about another's computer activities by transmitting data covertly from their hard drive.
एक ऐसा सॉफ्टवेयर जो किसी उपयोगकर्ता को उनकी हार्ड ड्राइव से चोरी-छिपे (गुप्त रूप से) डाटा संचारित करके दूसरे व्यक्ति को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
Spyware एक ऐसा Malware है जो किसी कंप्यूटर में यूजर की अनुमति के बिना ही इंस्टॉल हो जाता है और फिर चोरी-छिपे उस कंप्यूटर की सारी सूचनाएं अपने मालिक को देता रहता है यहां मालिक कहने का यह अर्थ हुआ कि जिस भी व्यक्ति या संस्था के द्वारा उस Malware को बनाया गया है।
Malware:-
software that is specifically designed to disrupt, damage, or gain unauthorized access to a computer system.
सॉफ़्टवेयर जो विशेष रूप से किसी कंप्यूटर सिस्टम को बाधित करने, क्षति पहुँचाने या अनधिकृत पहुँच प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
Malicious Software के लिए छोटा शब्द Malware है किसी भी दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर के लिए हम इस शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। इसका मुख्य कार्य कंप्यूटर या कंप्यूटर सिस्टम के काम को नुकसान या बाधित करना होता है
Spyware के नुकसान है तो कुछ फायदे भी हैं आइये हम एक-एक करके दोनों बिंदुओं को समझने का प्रयास करते हैं।
Spyware के लाभ:-
(1) बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए ऐसे सॉफ्टवेयर का प्रयोग करती है ताकि उनके कर्मचारी कंप्यूटर पर सही कार्य कर रहे हैं या नहीं इसकी जानकारी प्रदान होती रहे।
(2) Spyware को घरों के पर्सनल कंप्यूटर (PC) में भी इंस्टॉल करके रखना चाहिए ताकि बच्चों पर निगरानी रखी जा सके।
Spyware के नुकसान:-
(1) ऐसे सॉफ्टवेयर अधिकतर गैरकानूनी होते हैं और इन्हें किसी व्यक्ति के पर्सनल डाटा को चुराने के लिए अधिकतर प्रयोग किया जाता है।
(2) कई बार हमारी थोड़ी सी अनदेखी से ऐसे सॉफ्टवेयर हमारे कंप्यूटर में इंस्टॉल हो जाते हैं और वह हमारे
- E-mail Address
- Facebook Account
- Twitter Account
- Online banking Account
- Other Important Account, etc.
Malware/Spyware से कैसे बचे?
Malware/Spyware से बचने के लिए हमारे पास दो रास्ते हैं:-
(1) हमें अपने कंप्यूटर और मोबाइल में एक Official Antivirus जैसे:- Avast, Microsoft Security, k7, इत्यादि को इंस्टॉल करके रखना चाहिए।
(2) यदि हमारे पास Antivirus नहीं है तो किसी भी Website पर Visit के दरम्यान या किसी भी Software को Install करते समय सावधान रहना चाहिए।
उदाहरण के लिए, यदि आपको फोटोशॉप सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना है तो आपको पता होना चाहिए कि फोटोशॉप एडोब कंपनी का है और इसका Website है https://www.adobe.com/in/
यदि हम यहां से सॉफ्टवेयर प्राप्त करते हैं तो वह 100% Secure होगा लेकिन हम इसे कहीं और से डाउनलोड/प्राप्त करते हैं तो अधिकतर यह संभावना होगी कि हमारे कंप्यूटर में Spyware आ सकता है।
Content (सामग्री) हिन्दी एवं English Notes.
Content का शुद्ध हिंदी होता है- सामग्री। इसका प्रयोग हम सूचना और मनोरंजन के लिए करते हैं जो किसी माध्यम के द्वारा हमारे पास पहुंचता है। यदि वह माध्यम इंटरनेट हो तो उसे हम E-Content कहेंगे। यदि वही माध्यम बदलकर किताब या समाचार पत्र हो जाये तो तब हम उसे Paper Content, Audio या Video के रूप में हो तो उसे Audio/Video Content कहते हैं।
Types of Content (सामग्री के प्रकार)
सामान्यतः हम Content को 03 (तीन) भागों में बांट कर अध्ययन करते हैं-
(1) Text Content (पाठ सामग्री)- वैसा Content जिसमें सिर्फ शब्द प्राप्त होते हैं उन्हें Text Content कहते हैं।
जैसे:- Blogs Articles Webpage, Website, इत्यादि।
(2)Audio Content (ऑडियो/ध्वनि सामग्री):- वैसा Content जिसको केवल आवाज के रूप में सुना जा सकता हैं, ध्वनि सामग्री कहलाता है।
जैसे:- Radio, Telephone, इत्यादि।
(3) Visual Content (दृश्य सामग्री):- वैसी सामग्री जिसमें सूचनाएं दृश्य रूप में हो जैसे:- तस्वीर, वीडियो, इत्यादि। उन्हें हम दृश्य सामग्री (Visual Content) कहते हैं।
Content Writing (सामग्री लेखन)
Content का अर्थ होता है किसी भी विषय पर लिखा गया लेख या आर्टिकल। Writing का अर्थ हुआ- लिखना✍️ यानी हम कह सकते हैं कि किसी भी विषय पर लिखा गया लेख सामग्री लेखन (Content Writing) कहलाता है।
वर्तमान समय में बहुत से ऐसे व्यक्ति या संस्थान है जिनके पास कंटेंट लिखने के लिए समय नहीं होता इसलिए वह दूसरों से Content write करवाते हैं। इस कार्य को हम Content writing कहते हैं।
Content Writer:- जो भी व्यक्ति लिखने का कार्य करता है उसे हम कंटेंट राइटर कहते हैं। यदि आप किसी संस्था या व्यक्ति के लिए content लिख रहे हैं तो आप Content Writer हुए।
Contents means pure Hindi - Samagri. We use it for 'information and entertainment' which reaches us through some medium. If that medium is Internet, then we will call it E-Content. If the same medium is changed to a book or a newspaper, then if we have it in the form of Paper Content, Audio or Video, then it is called Audio/Video Content.
Types of Content
Generally we study the content by dividing it into 03 (three) parts-
(1) Text Content :- Content in which only words are received is called Text Content.
Such as:- Blogs ArticlesWebpage, Website, etc.
(2) Audio Content (Audio/Sound Content):- The content which can be heard only in the form of voice is called sound content.
Eg:- Radio, Telephone, etc.
(3) Visual Content:- Content that contains information in a visual form such as: - picture, video, etc. We call them Visual Content.
Content Writing
Content means an article, written on any topic. Writing means- writing️ That is, we can say that an article written on any subject is called Content Writing.
In the present time, there are many such individuals or institutions who do not have time to write content, so they get others to write content. We call this work 'Content writing'.
Content Writer:- Whoever does the work of writing, we are called Content Writer. If you are writing content for any organization or person then you are a Content Writer.
गुरुवार, 10 मार्च 2022
E-Content (ई- सामग्री)
E-Content (ई- सामग्री)
वर्तमान परिदृश्य में हमारे पास अध्ययन के लिए जो सामग्री उपलब्ध है, जैसे:- किताबें, पत्रिकाएं, समाचार-पत्र, इत्यादि। यह सभी अधिकतर पेपर पर उपलब्ध होते हैं। जिन्हें हम साधारण बोलचाल की भाषा में पेपर कंटेंट कह सकते हैं। इसके विपरीत यही सामग्रियां यदि हमारे पास डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध हो तो उन्हें हम E-Content (ई-सामग्री) कहते हैं। उदाहरण के लिए हम E-Book, E-Magazine, E-Newspaper को देख सकते हैं।
E-Content (ई-सामग्री) की उपयोगिता:- हमें E-Content में कुछ ऐसे विशिष्ट विशेषताएं उपलब्ध होती है जिससे इसका महत्व एवं उपयोगिता बहुत अधिक बढ़ जाता है। जिन्हें हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं-
- E-Content की विशेषता इसका अद्यतन (Updated) होना है। समान्यत: देखा जाता है कि बाजार में उपलब्ध पुस्तकें एक वर्ष या उससे पुरानी होती है। अद्यतन सामग्री का प्रायः उसमें अभाव दिखता है। वही E-Content को हम समय-समय पर अद्यतन प्रक्रिया के द्वारा उसमें जुड़ी जानकारियों को बढ़ा एवं घटा सकते हैं। Definition of updated:- Made More Modern or up to Date. Eg:- An updated bathroom and Kitchen.
- E-Content की दूसरी विशेषता यह होती है कि इसमें हमें रंगीन चित्र, ऑडियो, वीडियो, ग्राफ, इत्यादि। का समावेशन आसानी से हो जाता है जो कि अध्ययन सामग्री को और जीवंत बना देता है। जबकि पेपर कंटेट में बहुत ही कम किताबे ऐसी होती है जिसमें रंगीन चित्र, चार्ट, इत्यादि का समावेश हो। दरअसल ऐसा इसलिए नहीं होता क्योंकि इसकी वजह से किताबों के दाम में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है।
कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइट एवं वेबपेज जिनकी मदद से आप ई-कंटेन को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
E-Content
In the present scenario, the material available with us for study, such as:- books, magazines, newspapers, etc. All these are mostly available on paper. Which we can call in simple colloquial language 'Paper Content'. On the contrary, if these materials are available with us in digital or electronic form, then we call them E-Content. For example we can see E-Book, E-Magazine, E-Newspaper.
Usability of E-Content:- Some such special features are available in us, E-Content, which increases its importance and usefulness a lot. Which we try to understand through the following points-
(1) The specialty of e-content is its being updated. It is generally seen that the books available in the market are one year old or more. There is often a lack of updated content. We can increase and decrease the information related to the same E-Content by the process of updating it from time to time.
Definition of updated:- Made more modern or up to Date. Eg:- An updated bathroom and kitchen.
(2) The second feature of E-Content is that in this we get color pictures, audio, video, graph, etc. are easily incorporated which makes the study material more alive. Whereas there are very few books in paper content in which color pictures, charts, etc. are included. Actually this does not happen because due to this there is a huge increase in the price of books.
Some Important Websites and Webpages With the help of which you can get e-content easily.
गुरुवार, 22 जुलाई 2021
लिब्रे ऑफिस क्या होता है? What is Libre Office ? Libre office kya hota hai. संपूर्ण जानकारी हिंदी में।
Libreoffice Writer
यदि आपको drawing बनानी अच्छी लगती है तो आप Libreoffice Draw का इस्तेमाल कर सकते हैं। यही सुविधा हमे Microsoft Window के पेंट नाम के Application में प्राप्त होती है।
LibreOffice Math
Libreoffice Math का इस्तेमाल आप Mathematical Eqautions के लिए कर सकते हैं जोकि हमें माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के Excel Formula में प्राप्त हो जाता है।
बुधवार, 30 जून 2021
S-5 विद्यालय में स्वास्थ्य, योग एवं शारीरिक शिक्षा (Health, Yoga and Physical Education in School) Hindi and English Notes D.El.Ed. 2nd Year B.S.E.B. Patna.
S-5
विद्यालय में स्वास्थ्य, योग एवं शारीरिक शिक्षा
संदर्भ
बच्चों के विकास के दृष्टिकोण से शारीरिक शिक्षा एक महत्वपूर्ण आयाम है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा दीर्घकालिक विकास के लक्ष्यों की कार्यसूची 2030 में खेलकूद को दीर्घकालिक विकास के लिए समर्थ बनाने वाला एक महत्त्वपूर्ण कारक माना गया है, तथा वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सामाजिक समावेश से जुड़े उद्देश्यों की प्राप्ति में खेलकूद के बढ़ते योगदान को स्वीकार किया गया है। गुणवत्तापूर्ण खेलकूद सेवाओं तक पहुंच को अब सभी के लिए मूल अधिकार के रूप में माना जाता है। अतः विद्यालयों में नियमित खेलकूद का आयोजन, बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने का स्वाभाविक विकल्प है। आनन्ददायी गतिविधियाँ जो बच्चों को भौतिक संसार से एक सकारात्मक संबंध के अवसर प्रदान करती हैं, शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों में शामिल होनी ही चाहिए। शारीरिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे विभिन्न प्रकार की शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के अवसर प्राप्त करते हैं तथा अवधारणाओं तथा कौशलों को विकसित कर पाते हैं जो उन्हें अपने पसन्द के खेल में हिस्सा लेने तथा अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है। यह उन्हें आनन्द तो देता ही है साथ ही साथ भावी जीवन में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार करता है। इनके अतिरिक्त शारीरिक शिक्षा, स्वयं के प्रबंधन के कौशलों, सामाजिक तथा सहयोगात्मक कौशलों के विकास का स्वाभाविक मंच तथा अवसर भी प्रदान करता है। खेलकूद बच्चों में चरित्र निर्माण की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है। यह अन्य शैक्षिक क्षेत्रों में भी बेहतर परिणामों के लिए वांछित परिस्थितियाँ तैयार करता है। विशेषकर शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी आदतों के विकास, टीम भावना, लोच (Softness) तथा संकल्प को दृढता प्रदान करता है। इसलिए स्वास्थ्य तथा शारीरिक शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों के विद्यालयों में आयोजन का उद्देश्य बच्चों में समझ, नजरिये व पोषण, स्वास्थ्य व स्वच्छता से जुड़े व्यवहारों को बेहतर बनाने से होना चाहिए।इनके सफल आयोजन से न केवल व्यक्ति बल्कि परिवार तथा समाज के स्तर पर भी स्वास्थ्य में सुधार तक पहुँचने में सहायता मिलती है। इसके लिए विद्यालय में केवल प्रधानाध्यापक ही नहीं बल्कि सभी शिक्षकों को अपनी समझ स्पष्ट करते हुए वांछित तैयारी करनी होगी। सभी को जहाँ एक ओर अपने कौशलों को विकसित करने के लिए कार्य करना होगा वहीं दूसरी ओर विद्यालय में इन आयोजनों के लिए विभिन्न संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्य करना होगा। बिहार में खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा के संदर्भ को ध्यान में रखते हुए इस पाठ्यक्रम में दो पहलुओं को शामिल किया गया है
1. विद्यालयों में खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा विषय के क्षेत्र में, समझ तथा व्यवहार में प्रतिमान विस्थापन की आवश्यकता।
2 विद्यालय के संपूर्ण वातावरण का अनुकूलन, जिससे खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा को शिक्षण अधिगम की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता के रूप में शामिल किया जा सके क्योंकि यह बच्चे के सर्वागीण विकास में योगदान देता है।
उद्देश्य
इस पाठ्यक्रम पर आधारित विषयवस्तु के शिक्षण के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-
- स्वास्थ्य तथा स्वच्छता की अवधारणा को शारीरिक शिक्षा तथा वर्तमान विद्यालयी वातावरण के संदर्भ में समझ सकेंगे।
- व्यक्तिगत तथा पर्यावरणीय स्वच्छता, साफ-सफाई, प्रदूषण, सामान्य बीमारियों तथा विद्यालय एवं समुदाय में इनके रोकथाम तथा नियंत्रण के उपायों पर चिन्तन कर पाएंगे।
- खेलकूद के माध्यम से बच्चे के सर्वांगीण विकास की अवधारणा को समझ पाएँगे।
- एथेलेटिक क्षमताओं से जुड़े गति के मूल सिद्धान्तों तथा मूल कौशलों को जान पाएँगे जो कि विभिन्न खेलकूद तथा विद्यालय में इन कौशलो को छात्रों तक पहुँचाने के लिए आवश्यक है।
- समावेशी खेलकूद तथा खेल आधारित गतिविधियों को पाठ्यचर्या से जोड़ने के लिए वांछित कौशलों तथा तकनीकों का विकास करने में सक्षम हो पाएँगे।
- उच्च प्राथमिक स्तर पर सुझाए गए मूल योगासनों तथा ध्यान केन्द्रन विधियाँ सीख व समझ पाएँगे
- Understand the concept of health and hygiene in the context of physical education and the present school environment.
- Reflect on personal and environmental hygiene, sanitation, pollution, common diseases and measures for their prevention and control in school and in the community.
- Through sports, you will be able to understand the concept of all round development of the child.
- Get to know the fundamentals of speed and the core skills associated with athletic abilities that are needed to pass these skills on to students in various sports and schools.
- Be able to develop the desired skills and techniques to integrate inclusive sports and sports based activities into the curriculum.
- Learn and understand the basic yogasanas and meditation techniques suggested at the upper primary level
गुरुवार, 17 जून 2021
अपने जीवन मे स्वयं को समझते हुए लक्ष्यों को निर्धारित करने में कौन-कौन सी बातें सहायता करती है ? What are the factors that help in determining your goals while understanding yourself in your life?
प्रश्न:- अपने जीवन मे स्वयं को समझते हुए लक्ष्यों को निर्धारित करने में कौन-कौन सी बातें सहायता करती है ?
Question:- What are the factors that help in determining your goals while understanding yourself in your life?
Answer:- हम अपने जीवन में जो भी लक्ष्य का निर्धारण करते हैं उनमें कहीं ना कहीं हमारी मनोदशा, आर्थिक दशा, हमारा परिवेश, हमारे रिश्तेदार, इत्यादि। इन सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि इन सभी के सानिध्य में रह करके ही हम अपनी भूमिका को स्पष्ट करनी होती है। यदि हमारे द्वारा कोई लक्ष्य का चुनाव किया जाता है या करना होता है तो मेरा मानना है कि सबसे पहले हमें स्वयं को समझ लेना चाहिए।
हम अपने स्वयं के साथ चौबीसों घंटा (24 hrs.) रहते हैं। दूसरा व्यक्ति दो या चार घंटा या फिर उससे भी कम समय में वह मुझे कैसे समझ सकता है? इसीलिए जब भी लक्ष्य का निर्धारण करना हो चाहे वह भविष्य के लिए हो या जीवन से संबंधित। हमें सबसे पहले स्वयं से वार्तालाप करना चाहिए कि अमुक कार्य जो हम करने जा रहे हैं या मेरे द्वारा किया जा रहा है वह उचित है या अनुचित। उसका भविष्य में क्या परिणाम हो सकता है क्या दुष्परिणाम हो सकता है। जब तक इन सभी प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर न प्राप्त हो जाए तब तक हमें उस कार्य को शुरू नहीं करना चाहिए।
अब हम चर्चा कर लेते हैं उन कारकों (Factors) के बारे में जो लक्ष्यों के निर्धारण के उपरांत हमारे सम्मुख प्रस्तुत होते हैं उनमें से कुछ कार्य ऐसे होते हैं जो आपको सहायता प्रदान करते हैं तो दूसरा आपको कार्य से विचलित भी कर सकते हैं। हमें ऐसे कार्यों की पहचान करके उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए ताकि हम बेहतर ढंग से अपने कार्य को संपन्न कर पाए।
अपने जीवन में स्वम् को समझते हुए लक्ष्य को निर्धारित करने में निम्न बातें सहायता प्रदान कर सकती है-
(1) घर वालों का आप के प्रति सकारात्मक विचार:- यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं उससे आपके घर वालों की पूर्ण सहभागिता (Full Participation) होनी चाहिए तभी आप अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं अन्यथा भविष्य में परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
(2) स्वयं के प्रति ईमानदार होना:- अधिकतर बार देखा गया है कि लक्ष्य का निर्धारण करने के उपरांत हमारे द्वारा इतनी ईमानदारी से मेहनत नहीं की जाती जितनी की होनी चाहिए जो कि लक्ष्य को प्राप्त करने में परेशानी खड़ी कर सकती है।
(3) मित्रों का सहयोग:- हम अपने जीवन में कई तरह के व्यक्तियों से मिलते हैं कुछ लोगों के आचरण एवं व्यवहार की वजह से वह हमारे मित्र भी बन जाते हैं। अच्छे मित्रों के उचित सहयोग एवं मार्गदर्शन की वजह से हमें अपने लक्ष्य निर्धारित एवं प्राप्त करने में काफी सुविधा होती है।
(4) अच्छे शिक्षकों की भूमिका:- छात्रों के भविष्य निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है वह अपने छात्रों के प्रत्येक गुण एवं दोषों से वाकिफ होते हैं एवं उन्हें पता होता है कि उनका अमुक छात्र किस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। उनके उचित सलाह एवं निर्णय से छात्रों के अपने लक्ष्य निर्धारण एवं उन्हें पूरा करने में काफी सहायता प्राप्त होती है।
(5) छात्रों का परिवेश:- अपने लक्ष्यों का निर्धारण एवं उसे क्रियान्वयन करने में छात्रों के परिवेश की भूमिका सर्वोपरि होती है। वह अपने परिवेश में हो रही गतिविधियों को देख कर के ही अपने लक्ष्य का चुनाव करते हैं। उदाहरण स्वरूप यदि किसी क्षेत्र विशेष के छात्रों का यदि कहीं चुनाव (Selection) हो जाता है तो उस से प्रेरणा पाकर वहां के क्षेत्र के लड़के वही कार्य संपन्न करना शुरू कर देते हैं उन्हें लगता है कि यदि अमुक व्यक्ति ने यह कार्य संपन्न किया है तो वह भी कर सकते हैं। यहां पर वह अपने स्वयं को पहचाने की गलती कर बैठते हैं जिस वजह से उन्हें निराशा हाथ लगती है।
अंततः हम कह सकते हैं कि जीवन में हमें सफलता तभी मिल सकती है जब हम स्वयं को पहचानते हुए किसी कार्य को संपन्न करें।
रविवार, 13 जून 2021
Computer के इस Input Device को चूहा क्यो कहा जाता हैं? Input Device ko Mouse kyo kaha jata hai?
आइए जानते हैं कंप्यूटर के इस चूहे के बारे में...
माउस के आविष्कार के बाद जब इसकी डिजाइनिंग की बात आई तो देखा गया कि Mouse एक छोटा सा डिवाइस है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि एक चूहा दुबक कर बैठा हो। उसके पीछे से निकलने वाला WIRE चुहे की पूंछ जैसी है। इसके अलावा, जैसे चूहा फुर्ती से सारा काम करता है, वैसे ही इस माउस का काम भी यही है कि हमारे काम की स्पीड बढ़ा सके। इतना सब सोचने के बाद इसका नाम MOUSE न रखा जाता तो माउस के साथ अन्याय होता ना।
एक और कहानी प्रचलन में है, जिसके अनुसार Mouse को पहले Turtle कहा जाता था। ऐसा इसलिए क्योंकि कंप्यूटर के इस Mouse का Shell भी कछुए की तरह ही कठोर होता है और आकार भी कुछ मिलता-जुलता है। हालांकि, कछुए की रफ्तार इतनी कम होती है कि माउस पर उसका नाम खास जंचा नहीं। टेक्नोलॉजी से युक्त इस जमाने में, जब वायर्स को पीछे छोड़ Bluetooth वाले माउस आ गए हैं। यानी अब चूहे की पूंछ गायब हो गई है, तो अब इसका नाम क्या होना चाहिए? आप COMMENT कर के जरुर बताइयेगा हमें इंतज़ार रहेगा।
शुक्रवार, 14 मई 2021
U.P.I. क्या होता हैं ? What is U.P.I. सम्पूर्ण जानकारी हिन्दी में।
गुरुवार, 13 मई 2021
कम्प्यूटर में Function key क्या होता हैं और इसके कार्य प्रणाली क्या है? What is Function key in P.C.
शनिवार, 19 सितंबर 2020
एडोब फोटोशॉप (Adobe Photoshop) Hindi and English Notes.
एडोब फोटोशॉप
यह सॉफ्टवेयर मुख्यत: इमेज एडिटिंग के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसकी सहायता से डिजाइनर अपनी सृजन क्षमता को अधिक प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत कर सकता है। इसके द्वारा इमेज एडिटिंग टूल्स की सहायता से जटिल आकारों में भी विभिन्न पेंटिंग टूल्स एवं फिल्टर्स द्वारा विभिन्न प्रभाव डाले जा सकते हैं। फोटोशॉप द्वारा चित्रों के निमार्ण एवं स्कैनर द्वारा स्कैन किये गये फोटो या चित्रों में विभिन्न आकार के ब्रश, एयर ब्रश, पैंसिल, इमेज रोटेशन, रंगों के प्रभाव एवं सन्तुलन, फैदर, इमेज में बैकग्राउण्ड बदलना, आदि। के द्वारा विभिन्न प्रभाव डाले जाते हैं। इन प्रभावों का उपयोग विभिन्न प्रकार के टेक्स्ट एवं लोगोटाइप आदि में भी किया जा सकता है। इस सॉफ्टवेयर में कार्य करते समय लेयर्स का प्रयोग किया जाता हैं। फोटोशॉप द्वारा इमेज रेडी के सहयोग से वेब ग्राफिक्स में भी विभिन्न प्रभाव डाले जा सकते हैं। वर्तमान में फोटो शॉप CS-6 एवं Photoshop-CC संस्करण उपलब्ध है।
Photoshop-7.0 के मुख्य टूल एवं उनका उपयोग:-
-
Marquee Tool - इस टूल के द्वारा आयताकार, वर्गाकार एवं गोलाई में सलेक्शन किया जाता है।
- Lasso Tool - इस टूल द्वारा इमेज या उसके किसी भी भाग को स्वतंत्र रूप से सलेक्ट करते हैं।
- Crop Tool - इस टूल का उपयोग इमेज के अनावश्यक भाग को काटने के लिए किया जाता है।
- Healing Brush Tool - इस टूल की सहायता से इमेज या उसके किसी भी भाग में ब्रश (एयर ब्रश) आदि के द्वारा रंग भरते हैं।
- Clone Stamp Tool - इस टूल की सहायता से इमेज या उसके किसी भी भाग की हू-ब-हू नकल दूसरे स्थान पर बना सकते हैं।
- Eraser Tool - इसके द्वारा इमेज को मिटाया जाता है।
- Smudge Tool - स्मज टूल के प्रयोग से इमेज के तत्वों में समरूपता (मिलान) लाने का कार्य किया जाता है।
- Direct Selection Tool- यह टूल इमेज के डायरेक्ट सलेक्शन के लिए प्रयोग किया जाता है।
- Path selection Tool - इसके द्वारा इमेज में स्वतंत्र रूप से पाथ लाइनें लगाई जाती हैं।
- Hand Tool - इस टूल के सहयोग से इमेज को ऊपर-नीचे एवं दायें-बायें खिसकाते हैं।
- Move Tool – इस टूल द्वारा इमेज या उसके किसी भाग को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं।
- Magic Wand Tool – यह टूल इमेज में प्रयुक्त किसी भी एक रंग के पिक्सल्स (Pixels) को सलेक्ट करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- Slice Tool- इस टूल द्वारा इमेज को छोटी-छोटी फाइलों में बाँटा जाता है।
- Paint Brush Tool - इस टूल द्वारा इमेज में कहीं भी साधारण ब्रश के प्रयोग से रंग भरते हैं।
- History Brush Tool- इस ब्रश द्वारा इमेज में विभिन्न प्रभाव डालने के बाद इमेज के किसी भी भाग को दुबारा उसी स्थिति में लाया जा सकता है।
-
- Dodge Tool - यह टूल इमेज में प्रयुक्त रंगों को हल्का (टोनिंग) करने के लिए प्रयोग करते हैं।
- Type Tool - इस टूल से लिखने का कार्य करते हैं।
-
- Custom Shape Tool - इस टूल द्वारा विभिन्न आकार आयत, वर्ग, पंचभुज, गोला एवं लाइनें बनायी जाती है।
- Gradient/Paint Bucket - इस टूल द्वारा इमेज में अनुक्रम (ग्रेडियन्ट) प्रभाव वाले रंग भरे जाते हैं।
- Eyedropper Tool - इस टूल द्वारा इमेज में प्रयुक्त रंगों में से किसी भी रंग का चुनाव कर उसे अग्रभूमि (फोरग्राउण्ड) रंग के रूप में प्रयुक्त कर सकते हैं।
- Zoom Tool - इस टूल के प्रयोग से इमेज या उसके किसी भी भाग को बड़ा करके देख सकते हैं।
- Foreground Color, Background Color, Standard Mode, Quick Mask Mode एवं Screen Mode के प्रयोग के अतिरिक्त प्रत्येक टूल के बाक्स में नीचे दाये कोने में बने (4) तिकोन पर क्लिक करने से उस टूल के प्रतिरूप सामने आते हैं जिनका प्रयोग इमेज में अलग-अलग प्रकार के कार्य करने के लिए किया जाता है। उपर्युक्त टूल पर दो बार क्लिक करने से इनके ऑप्शन दिखाई देते हैं जिनका प्रयोग भी आवश्यकतानुसार किया जाता है।
- Marquee Tool - With this tool, the selection is made in rectangular, square, and round.
- Lasso Tool - This tool allows you to freely select an image or any part of it.
- Crop Tool - This tool is used to cut the unnecessary part of the image.
- Healing Brush Tool - With the help of this tool, color is filled in the image or any part of it by means of airbrush, etc.
- Rubber Stamp Tool - With the help of this tool, you can make an exact copy of the image or any part of it in another place.
- Eraser Tool - This is used to erase the image.
- Smudge Tool - The Smudge tool is used to bring uniformity to the elements of the image.
- Direct Selection Tool - This tool is used for direct selection of images.
- Path Tool - Through this, path lines are added to the image independently.
- Hand Tool - With the help of this tool, the image is moved up-down and right-left.
- Move Tool - This tool moves the image or any part of it from one place to another.
- Magic Wand Tool - This tool is used to select the pixels of any one color used in the image.
- Slice Tool - With this tool, the image is divided into small files.
- Paint Brush Tool - This tool fills color anywhere in the image with the use of a simple brush.
- History Brush Tool - After applying various effects to the image with this brush, any part of the image can be brought back to the same position.
- Dodge Tool - This tool is used to lighten the colors used in the image.
- Type Tool - Let's work on writing with this tool.
- Custom Shape Tool - This tool creates different shapes rectangles, squares, pentagons, spheres, and lines.
- Gradient / Paint Bucket - This tool fills the image with gradient effect colors.
- Eyedropper Tool - With this tool, you can select any of the colors used in the image and use it as a foreground color.
- Zoom Tool - Using this tool, you can enlarge the image or any part of it.