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शनिवार, 25 फ़रवरी 2023

Blogs क्या होता हैं और ये कार्य कैसे करता है ?




Blog, Blogging & Blogger.







        Blog शब्द ‘Web Log’ का संक्षिप्त रुप है, जहाँ पर कोई  भी  व्यकित जब चाहे तब ऑनलाईन अपने व्यक्तिगत विचारो, किसी विषय-विशेष पर लेख, पेंटिग एवं अपनी कलाकृतियो को प्रकाशित कर सकता है। यह जानकारी वह चाहे तो प्राईवेट भी रख सकता है और चाहे तो इसे सार्वजनिक भी कर सकता है। 


ब्लॉग (Blog) से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के अर्थ :-

Blog – ब्लॉग शब्द को अभी तक संज्ञा के रूप में वर्णन हो रहा था, एवं इसका हिन्दी अनुवाद होता हैं - चिट्ठा। परन्तु ब्लॉग शब्द एक क्रिया भी है. जिसका अर्थ होता है - ब्लॉग लिखना अथवा नया कंटेट जोडना। इसे गूगल डिक्शनरी ने इस प्रकार परिभाषित किया है -

“Add new material to or regularly update a blog.”

Blogging – ब्लॉग लिखने✍️ की प्रक्रिया ब्लॉगिंग कहलाती है। यानि नई-नई पोस्ट लिखना, अपडेट करना, होस्टिंग खरीदना, डोमेन नेम खरीदना, थीम इंस्टॉल करना, पोस्ट को संपादित करना, आदि। काम सब ब्लॉगिंग़ में ही आते है।

Blogger – जो व्यक्ति ब्लॉग लिखता✍️ है, उसे ब्लॉगर कहते है।

Traffic – ब्लॉग़ को जितने लोगों के द्वारा पढा जाता है उसे ब्लॉग़ का 
ट्रैफिक कहते है। इस ट्रैफिक में ब्लॉग को एक बार भी विजिट करना गिना जाता है।

Blog Post – आप अपने अनुभव, विचार, जानकारी, आईडिया, जिस प्रारुप (Format) में लिखते है उसे ही ब्लॉग़ पोस्ट कहते है।


खुद का ब्लॉग कैसे बनायें ?

       एक ब्लॉग आप 05 Min. के अन्दर बना सकते है। आप ब्लॉगिंग टूल्स की सहायता से मिनटों में अपना ब्लॉग बनाकर पहली पोस्ट भी प्रकाशित कर सकते है।

ब्लॉग बनाने के लिए आपको निम्न चीजों की जरुरत पड़ती है-

E-mail ID
Domain Name
Content
Some Knowledge

ब्लॉग़ के फायदें – 

       ब्लॉग के अनेको फायदें है -

अभिव्यक्ति की आजादी – आप ब्लॉग के माध्यम से खुद के व्यक्तिगत विचारो को प्रस्तुत कर सकते हैं। आपको यहाँ कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है और ना ही आपके ऊपर किसी का नियंत्रण है कि आप सिर्फ इन मापदण्डों को ध्यान में रखकर ही लिखें क्योंकि यहां कोई संपादक आपको आदेश नहीं देने वाला है। इसलिए ब्लॉग का सहारा लेकर सामान्य लोगों के अलावा जर्नलिस्ट, राजनेता, सोशल एक्टिविस्ट, स्टुडेंट्स अपनी बातें शेयर कर रहे है, जिन बातों को आप अखबार, पत्रिका, न्यूज साईट पर नहीं लिख सकते है उन बातों की आप यहाँ खुलकर अभिव्यक्ति कर सकते है।

पैसा कमाने का साधन – ब्लॉग पैसा कमाने का नया साधन बन गया है क्योंकि ब्लॉगिंग में पैसा बनाने की अपार क्षमता है। बस इसे सही तरह और सही दिशा में इस्तेमाल करने वाला ब्लॉगर चाहिए।

लोकप्रियता – आज-कल इंटरनेट रातों-रात सेलिब्रिटी बनने का टूल भी साबित हो रहा है। आप एक ही दिन में लाखों-करोडों लोगों तक अपनी बात पहुँचाकर उन्हे प्रभावित कर सकते है और खुद की लोकप्रियता बढा सकते है। हजारों लोग ब्लॉग लिखकर इंटरनेट सेलिब्रिटी बन गए है और बन भी रहे है। 

पर्सनल ब्रांड बनाने का तरीका – आपके अंदर कोई हुनर है और आपकी पहचान इस हुनर से हो तो आप ब्लॉगिंग को अपना माध्यम चुन सकते है, क्योंकि इंटरनेट की पहुँच लाखों करोडों लोगों तक है। इसलिए आप कम-से-कम समय में ज्यादा-से-ज्यादा लोगों तक पहुँच पाते है। यहाँ पर अपने कौशल को लोगों को सीखा सकते है, अपने नए कामों के बारे में जानकारी दे सकते है।

दूसरों की मदद करना – ब्लॉग के द्वारा आप लोगों की मदद भी कर सकते है। कैसे? हम बताते है. जरा सोचिए किसी को बिहार की लोककला के बारे में जानकारी चाहिए तो आप उसे साझा कर दुसरे को मदद कर सकते हैं।

ज्ञान प्राप्त करने के लिए – ब्लॉग लिखने के लिए आपको अपने विषय की गहराई में जाना पड़ता है और शोध करते समय आप नए-नए आयामों से एक विषय पर सोच पाते है क्योंकि अलग-अलग लोगों की भिन्न-भिन्न अभिव्यक्ति आपको पढ़ने को मिलती है। इसलिए किसी भी विषय में विषेशज्ञ बनना चाहते है तो ब्लॉगिंग से आप ये जरूर बन सकते है।

धन्यवाद🙏

शुक्रवार, 11 मार्च 2022

Spyware kya hota hai. स्पाइवेयर क्या होता है?

 


Definition of Spyware:-


       Software that enables a user to obtain covert information about another's computer activities by transmitting data covertly from their hard drive. 


      एक ऐसा सॉफ्टवेयर जो किसी उपयोगकर्ता को उनकी हार्ड ड्राइव से चोरी-छिपे (गुप्त रूप से) डाटा संचारित करके दूसरे व्यक्ति को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।

        

    Spyware एक ऐसा Malware है जो किसी कंप्यूटर में यूजर की अनुमति के बिना ही इंस्टॉल हो जाता है और फिर चोरी-छिपे उस कंप्यूटर की सारी सूचनाएं अपने मालिक को देता रहता है यहां मालिक कहने का यह अर्थ हुआ कि जिस भी व्यक्ति या संस्था के द्वारा उस Malware को बनाया गया है।


Malware:-


    software that is specifically designed to disrupt, damage, or gain unauthorized access to a computer system.


       सॉफ़्टवेयर जो विशेष रूप से किसी कंप्यूटर सिस्टम को बाधित करने, क्षति पहुँचाने या अनधिकृत पहुँच प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


Malicious Software के लिए छोटा शब्द Malware है किसी भी दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर के लिए हम इस शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। इसका मुख्य कार्य कंप्यूटर या कंप्यूटर सिस्टम के काम को नुकसान या बाधित करना होता है 


   Spyware के नुकसान है तो कुछ फायदे भी हैं आइये हम एक-एक करके दोनों बिंदुओं को समझने का प्रयास करते हैं।

Spyware के लाभ:-

(1) बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए ऐसे सॉफ्टवेयर का प्रयोग करती है ताकि उनके कर्मचारी कंप्यूटर पर सही कार्य कर रहे हैं या नहीं इसकी जानकारी प्रदान होती रहे।

(2) Spyware को घरों के पर्सनल कंप्यूटर (PC) में भी इंस्टॉल करके रखना चाहिए ताकि बच्चों पर निगरानी रखी जा सके।


Spyware के नुकसान:-


(1) ऐसे सॉफ्टवेयर अधिकतर गैरकानूनी होते हैं और इन्हें किसी व्यक्ति के पर्सनल डाटा को चुराने के लिए अधिकतर प्रयोग किया जाता है।

(2) कई बार हमारी थोड़ी सी अनदेखी से ऐसे सॉफ्टवेयर हमारे कंप्यूटर में इंस्टॉल हो जाते हैं और वह हमारे

  • E-mail Address
  • Facebook Account
  • Twitter Account
  • Online banking Account
  • Other Important Account, etc.
के पासवर्ड को चुराकर हमारे Account का Misuse (दुरुपयोग करना) कर सकते हैं।

Malware/Spyware से कैसे बचे?

Malware/Spyware से बचने के लिए हमारे पास दो रास्ते हैं:-

(1) हमें अपने कंप्यूटर और मोबाइल में एक Official Antivirus जैसे:- Avast, Microsoft Security, k7, इत्यादि को इंस्टॉल करके रखना चाहिए। 

(2) यदि हमारे पास Antivirus नहीं है तो किसी भी Website पर Visit के दरम्यान या किसी भी Software को Install करते समय सावधान रहना चाहिए।

उदाहरण के लिए, यदि आपको फोटोशॉप सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना है तो आपको पता होना चाहिए कि फोटोशॉप एडोब कंपनी का है और इसका Website है https://www.adobe.com/in/

     यदि हम यहां से सॉफ्टवेयर प्राप्त करते हैं तो वह 100% Secure होगा लेकिन हम इसे कहीं और से डाउनलोड/प्राप्त करते हैं तो अधिकतर यह संभावना होगी कि हमारे कंप्यूटर में Spyware आ सकता है।





Content (सामग्री) हिन्दी एवं English Notes.


        Content का शुद्ध हिंदी होता है- सामग्री। इसका प्रयोग हम सूचना और मनोरंजन के लिए करते हैं जो किसी माध्यम के द्वारा हमारे पास पहुंचता है। यदि वह माध्यम इंटरनेट हो तो उसे हम E-Content कहेंगे। यदि वही माध्यम बदलकर किताब या समाचार पत्र हो जाये तो तब हम उसे Paper Content, Audio या Video के रूप में हो तो उसे Audio/Video Content कहते हैं।


Types of Content (सामग्री के प्रकार)


     सामान्यतः हम Content को 03 (तीन) भागों में बांट कर अध्ययन करते हैं-

(1) Text Content (पाठ सामग्री)- वैसा Content जिसमें सिर्फ शब्द प्राप्त होते हैं उन्हें Text Content कहते हैं।

जैसे:- Blogs Articles Webpage, Website, इत्यादि।


(2)Audio Content (ऑडियो/ध्वनि सामग्री):- वैसा Content जिसको केवल आवाज के रूप में सुना जा सकता हैं, ध्वनि सामग्री कहलाता है।

जैसे:- Radio, Telephone, इत्यादि।


(3) Visual Content (दृश्य सामग्री):- वैसी सामग्री जिसमें सूचनाएं दृश्य रूप में हो जैसे:- तस्वीर, वीडियो, इत्यादि। उन्हें हम दृश्य सामग्री (Visual Content) कहते हैं।


Content Writing (सामग्री लेखन)


      Content का अर्थ होता है किसी भी विषय पर लिखा गया लेख या आर्टिकल। Writing का अर्थ हुआ- लिखना✍️ यानी हम कह सकते हैं कि किसी भी विषय पर लिखा गया लेख सामग्री लेखन (Content Writing) कहलाता है।

       वर्तमान समय में बहुत से ऐसे व्यक्ति या संस्थान है जिनके पास कंटेंट लिखने के लिए समय नहीं होता इसलिए वह दूसरों से Content write करवाते हैं। इस कार्य को हम Content writing कहते हैं।


Content Writer:- जो भी व्यक्ति लिखने का कार्य करता है उसे हम कंटेंट राइटर कहते हैं। यदि आप किसी संस्था या व्यक्ति के लिए content लिख रहे हैं तो आप Content Writer हुए।






      Contents means pure Hindi - Samagri.  We use it for 'information and entertainment' which reaches us through some medium.  If that medium is Internet, then we will call it E-Content.  If the same medium is changed to a book or a newspaper, then if we have it in the form of Paper Content, Audio or Video, then it is called Audio/Video Content.



 Types of Content



 Generally we study the content by dividing it into 03 (three) parts-


 (1) Text Content :- Content in which only words are received is called Text Content.


 Such as:- Blogs ArticlesWebpage, Website, etc.



(2) Audio Content (Audio/Sound Content):- The content which can be heard only in the form of voice is called sound content.


 Eg:- Radio, Telephone, etc.



(3) Visual Content:- Content that contains information in a visual form such as: - picture, video, etc.  We call them Visual Content.



 Content Writing



 Content means an article, written on any topic.  Writing  means- writing️ That is, we can say that an article written on any subject is called Content Writing.


 In the present time, there are many such individuals or institutions who do not have time to write content, so they get others to write content.  We call this work 'Content writing'.



 Content Writer:- Whoever does the work of writing, we are called Content Writer.  If you are writing content for any organization or person then you are a Content Writer.

गुरुवार, 10 मार्च 2022

E-Content (ई- सामग्री)


 E-Content (ई- सामग्री) 

          वर्तमान परिदृश्य में हमारे पास अध्ययन के लिए जो सामग्री उपलब्ध है, जैसे:- किताबें, पत्रिकाएं, समाचार-पत्र, इत्यादि। यह सभी अधिकतर पेपर पर उपलब्ध होते हैं। जिन्हें हम साधारण बोलचाल की भाषा में पेपर कंटेंट कह सकते हैं। इसके विपरीत यही सामग्रियां यदि हमारे पास डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध हो तो उन्हें हम E-Content (ई-सामग्री) कहते हैं। उदाहरण के लिए हम E-Book, E-Magazine, E-Newspaper को देख सकते हैं।


E-Content (ई-सामग्री) की उपयोगिता:- हमें E-Content में कुछ ऐसे विशिष्ट विशेषताएं उपलब्ध होती है जिससे इसका महत्व एवं उपयोगिता बहुत अधिक बढ़ जाता है। जिन्हें हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं-

  1. E-Content की विशेषता इसका अद्यतन (Updated) होना है। समान्यत: देखा जाता है कि बाजार में उपलब्ध पुस्तकें एक वर्ष या उससे पुरानी होती है। अद्यतन सामग्री का प्रायः उसमें अभाव दिखता है। वही E-Content को हम समय-समय पर अद्यतन प्रक्रिया के द्वारा उसमें जुड़ी जानकारियों को बढ़ा एवं घटा सकते हैं।                Definition of updated:- Made More Modern or up to Date. Eg:- An updated bathroom and Kitchen.
  2. E-Content की दूसरी विशेषता यह होती है कि इसमें हमें रंगीन चित्र, ऑडियो, वीडियो, ग्राफ, इत्यादि। का समावेशन आसानी से हो जाता है जो कि अध्ययन सामग्री को और जीवंत बना देता है। जबकि पेपर कंटेट में बहुत ही कम किताबे ऐसी होती है जिसमें रंगीन चित्र, चार्ट, इत्यादि का समावेश हो। दरअसल ऐसा इसलिए नहीं होता क्योंकि इसकी वजह से किताबों के दाम में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है।

कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइट एवं वेबपेज जिनकी मदद से आप ई-कंटेन को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।


Shala Darpan


Biswajeetk1


Wikipedia



E-Content


      In the present scenario, the material available with us for study, such as:- books, magazines, newspapers, etc.  All these are mostly available on paper.  Which we can call in simple colloquial language 'Paper Content'.  On the contrary, if these materials are available with us in digital or electronic form, then we call them E-Content.  For example we can see E-Book, E-Magazine, E-Newspaper.



Usability of E-Content:- Some such special features are available in us, E-Content, which increases its importance and usefulness a lot.  Which we try to understand through the following points-


(1) The specialty of e-content is its being updated.  It is generally seen that the books available in the market are one year old or more.  There is often a lack of updated content.  We can increase and decrease the information related to the same E-Content by the process of updating it from time to time.  


Definition of updated:- Made more modern or up to Date.  Eg:- An updated bathroom and kitchen.


(2) The second feature of E-Content is that in this we get color pictures, audio, video, graph, etc.  are easily incorporated which makes the study material more alive.  Whereas there are very few books in paper content in which color pictures, charts, etc. are included.  Actually this does not happen because due to this there is a huge increase in the price of books.



 Some Important Websites and Webpages With the help of which you can get e-content easily.


Shala Darpan


Biswajeetk1


Wikipedia




गुरुवार, 22 जुलाई 2021

लिब्रे ऑफिस क्या होता है? What is Libre Office ? Libre office kya hota hai. संपूर्ण जानकारी हिंदी में।

प्रश्न.- लिब्रे ऑफिस क्या है? (What is Libre Office?

उत्तर:- Libre Office एक आफिस Suit है जो ऑफिसियल कार्य करने के लिए बनाया गया है। यह M.S. Office (Microsoft Office) की तरह ही एक Open Source Software है, जो कि एकदम फ़्री है। यानी इसके प्रयोग के लिए आपको कोई भी पैसे नहीं देने पड़ते। लिब्रे ऑफिस का निर्माण 2010 में किया गया था लेकिन इसे 25 जनवरी 2011 को लांच किया गया।
       
       Libre Office डॉक्युमेण्ट फाउण्डेशन (The Document Foundation) द्वारा विकसित एक निःशुल्क यानी की बिल्कुल मुफ्त 'office suit' है।

       Libre Office सभी Microsoft Windows, Apple Mac OS, Linux इत्यादि GUI Based Operating system पर आसानी से कार्य करता है।

        लिब्रे आफिस में Libreoffice Writer दिया गया है जो MS Word की तरह कार्य करता है। Libreoffice Impress, MS Powerpoint की तरह कार्य करता है। MS Excel की जगह Libreoffice Calc कार्य करता है। इसी तरह MS Access के तरह Libreoffice Base कार्य करता है। अगर आपको drawing बनानी है तो आप Libreoffice Draw का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही Libreoffice Math का इस्तेमाल आप Mathematical Equation के लिए भी कर सकते हैं।

Libre Office और MS Office में अंतर
Difference Between Libre Office and MS Office

लिब्रे ऑफिस के प्रकार
Libre Office Components

       अब आगे हम जान लेते है कि MS Office में और Libre Office के component के बीच क्या क्या समानताये हैं।


Libreoffice Writer ~ MS Word

Libreoffice Calc ~ MS Excel

Libreoffice Impress ~ MS Powerpoint

Libreoffice Base ~ MS Access

Libreoffice Draw ~ Paint

LibreOffice Math ~ Excel Formula


Libreoffice Writer
 
           Libreoffice Writer एक word processor है जो पूरी तरह से MS Word की तरह ही कार्य करता हैं। जिस तरह हम MS Word पर कार्य करते है, उसी तरह वही काम हम Libreoffice Writer में कर सकते हैं। इसमें भी किसी भी फ़ाइल या डॉक्यूमेंट को एडिट किया जा सकता है, प्रिंट किया जा सकता है तथा उसे सेव किया जा सकता है। MS Word की तरह यहां भी सभी Options व Menu दिए गए होते हैं।

Libreoffice Impress

          Libreoffice Impress, MS Powerpoint की ही भाँति एक सॉफ्टवेयर है जिसमे की आप presentations, slides, Images, videos, media etc को edit कर सकते है व इनको create कर सकते है और फिर बाद में सेव कर सकते हैं। 


Libreoffice Calc

       Libreoffice Calc भी MS Excel के जैसा एक सॉफ्टवेयर है जिसमे सभी official calculations, formulas, होते है, जिनका इस्तेमाल करके Banking Chart, Year wise data chart, student percentages, calander dates, इत्यादि को create किया जाता है। इसमें भी वही सारा काम किया जा सकता है जो हम अभी तक MS Excel में करते आये हैं। 

Libreoffice Calc 

         यदि आपको drawing बनानी अच्छी लगती है तो आप Libreoffice Draw का इस्तेमाल कर सकते हैं। यही सुविधा हमे Microsoft Window के पेंट नाम के Application में प्राप्त होती है।


LibreOffice Math

Libreoffice Math का इस्तेमाल आप Mathematical Eqautions के लिए कर सकते हैं जोकि हमें माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के Excel Formula में प्राप्त हो जाता है।

बुधवार, 30 जून 2021

S-5 विद्यालय में स्वास्थ्य, योग एवं शारीरिक शिक्षा (Health, Yoga and Physical Education in School) Hindi and English Notes D.El.Ed. 2nd Year B.S.E.B. Patna.

 

S-5 

विद्यालय में स्वास्थ्य, योग एवं शारीरिक शिक्षा 

संदर्भ 

               बच्चों के विकास के दृष्टिकोण से शारीरिक शिक्षा एक महत्वपूर्ण आयाम है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा दीर्घकालिक विकास के लक्ष्यों की कार्यसूची 2030 में खेलकूद को दीर्घकालिक विकास के लिए समर्थ बनाने वाला एक महत्त्वपूर्ण कारक माना गया है, तथा वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सामाजिक समावेश से जुड़े उद्देश्यों की प्राप्ति में खेलकूद के बढ़ते योगदान को स्वीकार किया गया है। गुणवत्तापूर्ण खेलकूद सेवाओं तक पहुंच को अब सभी के लिए मूल अधिकार के रूप में माना जाता है। अतः विद्यालयों में नियमित खेलकूद का आयोजन, बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने का स्वाभाविक विकल्प है। आनन्ददायी गतिविधियाँ जो बच्चों को भौतिक संसार से एक सकारात्मक संबंध के अवसर प्रदान करती हैं, शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों में शामिल होनी ही चाहिए। शारीरिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे विभिन्न प्रकार की शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के अवसर प्राप्त करते हैं तथा अवधारणाओं तथा कौशलों को विकसित कर पाते हैं जो उन्हें अपने पसन्द के खेल में हिस्सा लेने तथा अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है। यह उन्हें आनन्द तो देता ही है साथ ही साथ भावी जीवन में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार करता है। इनके अतिरिक्त शारीरिक शिक्षा, स्वयं के प्रबंधन के कौशलों, सामाजिक तथा सहयोगात्मक कौशलों के विकास का स्वाभाविक मंच तथा अवसर भी प्रदान करता है। खेलकूद बच्चों में चरित्र निर्माण की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है। यह अन्य शैक्षिक क्षेत्रों में भी बेहतर परिणामों के लिए वांछित परिस्थितियाँ तैयार करता है। विशेषकर शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी आदतों के विकास, टीम भावना, लोच (Softness) तथा संकल्प को दृढता प्रदान करता है। इसलिए स्वास्थ्य तथा शारीरिक शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों के विद्यालयों में आयोजन का उद्देश्य बच्चों में समझ, नजरिये व पोषण, स्वास्थ्य व स्वच्छता से जुड़े व्यवहारों को बेहतर बनाने से होना चाहिए।इनके सफल आयोजन से न केवल व्यक्ति बल्कि परिवार तथा समाज के स्तर पर भी स्वास्थ्य में सुधार तक पहुँचने में सहायता मिलती है। इसके लिए विद्यालय में केवल प्रधानाध्यापक ही नहीं बल्कि सभी शिक्षकों को अपनी समझ स्पष्ट करते हुए वांछित तैयारी करनी होगी। सभी को जहाँ एक ओर अपने कौशलों को विकसित करने के लिए कार्य करना होगा वहीं दूसरी ओर विद्यालय में इन आयोजनों के लिए विभिन्न संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्य करना होगा। बिहार में खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा के संदर्भ को ध्यान में रखते हुए इस पाठ्यक्रम में दो पहलुओं को शामिल किया गया है 

1. विद्यालयों में खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा विषय के क्षेत्र में, समझ तथा व्यवहार में प्रतिमान विस्थापन की आवश्यकता।

 2 विद्यालय के संपूर्ण वातावरण का अनुकूलन, जिससे खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा को शिक्षण अधिगम की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता के रूप में शामिल किया जा सके क्योंकि यह बच्चे के सर्वागीण विकास में योगदान देता है।

उद्देश्य 

इस पाठ्यक्रम पर आधारित विषयवस्तु के शिक्षण के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-

  • स्वास्थ्य तथा स्वच्छता की अवधारणा को शारीरिक शिक्षा तथा वर्तमान विद्यालयी वातावरण के संदर्भ में समझ सकेंगे।
  • व्यक्तिगत तथा पर्यावरणीय स्वच्छता, साफ-सफाई, प्रदूषण, सामान्य बीमारियों तथा विद्यालय एवं समुदाय में इनके रोकथाम तथा नियंत्रण के उपायों पर चिन्तन कर पाएंगे। 
  • खेलकूद के माध्यम से बच्चे के सर्वांगीण विकास की अवधारणा को समझ पाएँगे। 
  • एथेलेटिक क्षमताओं से जुड़े गति के मूल सिद्धान्तों तथा मूल कौशलों को जान पाएँगे जो कि विभिन्न खेलकूद तथा विद्यालय में इन कौशलो को छात्रों तक पहुँचाने के लिए आवश्यक है।
  • समावेशी खेलकूद तथा खेल आधारित गतिविधियों को पाठ्यचर्या से जोड़ने के लिए वांछित कौशलों तथा तकनीकों का विकास करने में सक्षम हो पाएँगे। 
  • उच्च प्राथमिक स्तर पर सुझाए गए मूल योगासनों तथा ध्यान केन्द्रन विधियाँ सीख व समझ पाएँगे 
          सीखे गए मूल योगासनों तथा ध्यान केन्द्रन विधियों के माध्यम से छात्रों को शान्त तथा सहज होने के लिए विभिन्न कौशलों को सीखने तथा इनका उपयोग दैनिक जीवन में तनावमुक्त रहने में सहायता प्रदान कर पाएंगे।


S-5

Health, yoga and physical education in school

reference

      Physical education is an important dimension from the point of view of development of children. The 2030 Agenda for Sustainable Development Goals by the United Nations recognizes sport as an important enabler of sustainable development, and recognizes the growing contribution of sport to the achievement of global health, education and social inclusion goals. is. Access to quality sports services is now considered as a fundamental right for all. Therefore, organizing regular sports in schools is a natural option to ensure all round development of children. Enjoyable activities that provide opportunities for children to have a positive relationship with the physical world must be included in the objectives of physical education. Through physical education, children get opportunities to engage in a variety of physical activities and develop concepts and skills that motivate them to participate in the sport of their choice and perform well. It not only gives them joy but also prepares them for positive competition in future life. In addition to these, physical education also provides a natural platform and opportunity for the development of self-management skills, social and cooperative skills. Sports are also important from the point of view of character building in children. It creates desired conditions for better results in other educational fields as well. In particular, physical education provides strength to the development of health habits, team spirit, softness and determination. Therefore, the purpose of organizing activities related to health and physical education in schools should be to improve understanding, attitudes and behaviors related to nutrition, health and hygiene in children. Helps to reach improvement in health. For this, not only the headmaster in the school but all the teachers will have to make the desired preparation by clarifying their understanding. While everyone will have to work to develop their skills on the one hand, on the other hand, work will have to be done to ensure the availability of various resources for these events in the school. Keeping in view the context of sports and physical education in Bihar, two aspects have been included in this course.


1. Need for paradigm shift in understanding and practice in the field of sports and physical education in schools.


2 Adaptation of the overall school environment, so as to include sports and physical education as an important feature of teaching-learning as it contributes to the all-round development of the child.


an objective

Following are the objectives of teaching the content based on this course:-
  • Understand the concept of health and hygiene in the context of physical education and the present school environment.
  • Reflect on personal and environmental hygiene, sanitation, pollution, common diseases and measures for their prevention and control in school and in the community.
  • Through sports, you will be able to understand the concept of all round development of the child.
  • Get to know the fundamentals of speed and the core skills associated with athletic abilities that are needed to pass these skills on to students in various sports and schools.
  • Be able to develop the desired skills and techniques to integrate inclusive sports and sports based activities into the curriculum.
  • Learn and understand the basic yogasanas and meditation techniques suggested at the upper primary level
          Through the core yoga Asanas and meditation techniques learned, students will be able to learn and use various skills to be calm and comfortable and help them stay stress-free in daily life.

गुरुवार, 17 जून 2021

अपने जीवन मे स्वयं को समझते हुए लक्ष्यों को निर्धारित करने में कौन-कौन सी बातें सहायता करती है ? What are the factors that help in determining your goals while understanding yourself in your life?

प्रश्न:- अपने जीवन मे स्वयं को समझते हुए लक्ष्यों को निर्धारित करने में कौन-कौन सी बातें सहायता करती है ? 

Question:- What are the factors that help in determining your goals while understanding yourself in your life?




Answer:- हम अपने जीवन में जो भी लक्ष्य का निर्धारण करते हैं उनमें कहीं ना कहीं हमारी मनोदशा, आर्थिक दशा, हमारा परिवेश, हमारे रिश्तेदार, इत्यादि। इन सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि इन सभी के सानिध्य में रह करके ही हम अपनी भूमिका को स्पष्ट करनी होती है। यदि हमारे द्वारा कोई लक्ष्य का चुनाव किया जाता है या करना होता है तो मेरा मानना है कि सबसे पहले हमें स्वयं को समझ लेना चाहिए। 

           हम अपने स्वयं के साथ चौबीसों घंटा (24 hrs.) रहते हैं। दूसरा व्यक्ति दो या चार घंटा या फिर उससे भी कम समय में वह मुझे कैसे समझ सकता है? इसीलिए जब भी लक्ष्य का निर्धारण करना हो चाहे वह भविष्य के लिए हो या जीवन से संबंधित। हमें सबसे पहले स्वयं से वार्तालाप करना चाहिए कि अमुक कार्य जो हम करने जा रहे हैं या मेरे द्वारा किया जा रहा है वह उचित है या अनुचित। उसका भविष्य में क्या परिणाम हो सकता है क्या दुष्परिणाम हो सकता है। जब तक इन सभी प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर न प्राप्त हो जाए तब तक हमें उस कार्य को शुरू नहीं करना चाहिए।

          अब हम चर्चा कर लेते हैं उन कारकों (Factors) के बारे में जो लक्ष्यों के निर्धारण के उपरांत हमारे सम्मुख प्रस्तुत होते हैं उनमें से कुछ कार्य ऐसे होते हैं जो आपको सहायता प्रदान करते हैं तो दूसरा आपको कार्य से विचलित भी कर सकते हैं। हमें ऐसे कार्यों की पहचान करके उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए ताकि हम बेहतर ढंग से अपने कार्य को संपन्न कर पाए।

            अपने जीवन में स्वम् को समझते हुए लक्ष्य को निर्धारित करने में निम्न बातें सहायता प्रदान कर सकती है-

(1) घर वालों का आप के प्रति सकारात्मक विचार:- यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं उससे आपके घर वालों की पूर्ण सहभागिता (Full Participation) होनी चाहिए तभी आप अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं अन्यथा भविष्य में परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

(2) स्वयं के प्रति ईमानदार होना:- अधिकतर बार देखा गया है कि लक्ष्य का निर्धारण करने के उपरांत हमारे द्वारा इतनी ईमानदारी से मेहनत नहीं की जाती जितनी की होनी चाहिए जो कि लक्ष्य को प्राप्त करने में परेशानी खड़ी कर सकती है।

(3) मित्रों का सहयोग:- हम अपने जीवन में कई तरह के व्यक्तियों से मिलते हैं कुछ लोगों के आचरण एवं व्यवहार की वजह से वह हमारे मित्र भी बन जाते हैं। अच्छे मित्रों के उचित सहयोग एवं मार्गदर्शन की वजह से हमें अपने लक्ष्य निर्धारित एवं प्राप्त करने में काफी सुविधा होती है।

(4) अच्छे शिक्षकों की भूमिका:- छात्रों के भविष्य निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है वह अपने छात्रों के प्रत्येक गुण एवं दोषों से वाकिफ होते हैं एवं उन्हें पता होता है कि उनका अमुक छात्र किस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। उनके उचित सलाह एवं निर्णय से छात्रों के अपने लक्ष्य निर्धारण एवं उन्हें पूरा करने में काफी सहायता प्राप्त होती है।

(5) छात्रों का परिवेश:- अपने लक्ष्यों का निर्धारण एवं उसे क्रियान्वयन करने में छात्रों के परिवेश की भूमिका सर्वोपरि होती है। वह अपने परिवेश में हो रही गतिविधियों को देख कर के ही अपने लक्ष्य का चुनाव करते हैं। उदाहरण स्वरूप यदि किसी क्षेत्र विशेष के छात्रों का यदि कहीं चुनाव (Selection) हो जाता है तो उस से प्रेरणा पाकर वहां के क्षेत्र के लड़के वही कार्य संपन्न करना शुरू कर देते हैं उन्हें लगता है कि यदि अमुक व्यक्ति ने यह कार्य संपन्न किया है तो वह भी कर सकते हैं। यहां पर वह अपने स्वयं को पहचाने की गलती कर बैठते हैं जिस वजह से उन्हें निराशा हाथ लगती है।

              अंततः हम कह सकते हैं कि जीवन में हमें सफलता तभी मिल सकती है जब हम स्वयं को पहचानते हुए किसी कार्य को संपन्न करें।

रविवार, 13 जून 2021

Computer के इस Input Device को चूहा क्यो कहा जाता हैं? Input Device ko Mouse kyo kaha jata hai?





             Computer पर कार्य करने के लिए Mouse का इस्तेमाल हम सब करते हैं। Computer Screen पर एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए या किसी ICON को CLICK करने के लिए माउस की मदद लेते हैं। लेकिन कई बार यह जरूर सोचते होंगे कि एक छोटे से जानवर चूहे पर ही इसका नाम क्यों रखा गया? दुनिया भर में इतने जीव-जंतुओं और चीजों में से इसका नाम Mouse (चूहा) ही क्यों पड़ा?

आइए जानते हैं कंप्यूटर के इस चूहे के बारे में...

         दरअसल, माउस का जब इन्वेशन किया गया, तो इसका नाम रखा गया पॉइंटर डिवाइस (Pointer Device). 1960 के दशक में डगलस एंगेलबर्ट (Douglas Engelbart) ने इसका आविष्कार किया था। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि उन्होंने दुनिया का पहला माउस लकड़ी का बनाया था, जिसमें धातु के 02 पहिये लगे थे। हम उस समय की बात कर रहे हैं, जब कंप्यूटर्स की 1st Generation चल रही थी। यह वह दौर था जब Computer का साइज लगभग एक कमरे के बराबर होता था।

               माउस के आविष्कार के बाद जब इसकी डिजाइनिंग की बात आई तो देखा गया कि Mouse एक छोटा सा डिवाइस है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि एक चूहा दुबक कर बैठा हो। उसके पीछे से निकलने वाला WIRE चुहे की पूंछ जैसी है। इसके अलावा, जैसे चूहा फुर्ती से सारा काम करता है, वैसे ही इस माउस का काम भी यही है कि हमारे काम की स्पीड बढ़ा सके। इतना सब सोचने के बाद इसका नाम MOUSE न रखा जाता तो माउस के साथ अन्याय होता ना।
          एक और कहानी प्रचलन में है, जिसके अनुसार Mouse को पहले Turtle कहा जाता था। ऐसा इसलिए क्योंकि कंप्यूटर के इस Mouse का Shell भी कछुए की तरह ही कठोर होता है और आकार भी कुछ मिलता-जुलता है। हालांकि, कछुए की रफ्तार इतनी कम होती है कि माउस पर उसका नाम खास जंचा नहीं। टेक्नोलॉजी से युक्त इस जमाने में, जब वायर्स को पीछे छोड़ Bluetooth वाले माउस आ गए हैं। यानी अब चूहे की पूंछ गायब हो गई है, तो अब इसका नाम क्या होना चाहिए? आप COMMENT कर के जरुर बताइयेगा हमें इंतज़ार रहेगा।

शुक्रवार, 14 मई 2021

U.P.I. क्या होता हैं ? What is U.P.I. सम्पूर्ण जानकारी हिन्दी में।



UPI क्या होता है? इसका प्रयोग हम कैसे करें? यह सवाल तो आपके मन में भी कई बार आया होगा। आप मे से अधिकतर लोग इसके बारे में जानते भी होंगे और यदि नहीं भी जानते है तो कोई बात नहीं मैं विश्वजीत कुमार आपको  इस लेख में विस्तृत रूप से बताएगा की UPI ID क्या होता है? और इसका उपयोग कहाँ और कैसे किया जा सकता  है? 
            लेख को आरंभ करने से पूर्व मैं आपको UPI की फुल फॉर्म बताता हूँ UPI का फुल फॉर्म Unified Payment Interface होता है। यदि आप इसकी हिंदी जानना चाहे तो इसका हिंदी होता है- एकीकृत भुगतान अंतरापृष्ठ। यह एक Instant Real Time Payment System होता है। जिसको National Payment corporation of India यानी की NPCI ने तैयार किया है। यह सुविधा हमें Bank to Bank facilitate करता है, यानी यह एक बैंक से दूसरे बैंक में मोबाइल द्वारा तुरंत पैसे भेजने के लिए एक बेहद ही अच्छा सिस्टम बनाया गया है। इस सिस्टम को Reserve Bank of India यानी की RBI के द्वारा देखरेख किया जाता है। भारत के लगभग सभी बैंक अपने कस्टमर्स को UPI की सुविधा उपयोग करने की सुविधा देते हैं। UPI पैसे भेजने का एक बेहद ही सुलभ तरीका है। वैसे तो ऑनलाइन पैसे भेजने के लिए हमारे पास नेट बैंकिंग पहले से ही मौजूद था लेकिन Internet Banking आज भी भारत में आधे से ज्यादा लोगो को सही जानकारी ना होने के कारण उपयोग नहीं कर पाते। क्योंकि नेट बैंकिंग का उपयोग करने के लिए User को बैंक के वेबसाइट पर Login करना होता है जिसके लिए आपको Login ID और Password को याद रखना होता है, और सिर्फ इतना ही नहीं Login करने के बाद भी अंदर की प्रोफाइल को Access करने के लिए भी अलग Password होता है, और हर बैंकिंग वेबसाइट का डिज़ाइन लुक फीचर अलग-अलग होते हैं जिसके बारे में सामान्य जनता को पता नहीं होता और सिर्फ कुछ ही लोग Internet Banking का उपयोग कर पाते थे। इसी वजह से Transaction को आसान बनाने के लिए  UPI को बनाया गया।
            UPI में फायदा यह है कि आप जैसे ATM में जाते हैं और 04 Digit का Pin डालकर अपना पैसा निकालते हैं। ठीक उसी प्रकार यू.पी.आई. में भी 04 या 06 डिजिट का पिन टाइप करके आप पैसे को एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में आसानी से भेज सकते हैं।

Benefits Of UPI 

01. UPI के द्वारा आप कही भी आसानी से पैसे भेज सकते हैं और पैसे मंगवा भी सकते हैं वो भी एक Virtual Payment Address (VPA) का उपयोग करके। Virtual Payment Address को आप इस तरह समझ सकते हैं जैसे आपके घर का एक पता है (जो किसी और का पता नहीं हो सकता), आपके पास एक मोबाइल नंबर है  (जो नंबर किसी अन्य व्यक्ति के पास नहीं हो सकता), आपकी E-mail ID भी किसी और की नहीं हो सकती, इसी तरह से आपका VPA भी होता है जो किसी और का नहीं हो सकता। यदि आप अपना VPA बैंक से निर्मित कर रहे हैं तो वह कुछ इस तरह का होता है। Yourname@oksbi, Yournumber@okicici , Youremail@okaxis . अगर आप VPA किसी App से बना रहे हैं तो कुछ इस तरह का होगा - YourEmail@paytm, Yourmobilenumber@freecharge, yourmobilenumber@ybl, etc. तो जैसे आपको किसी से पैसे मंगवाना हो तो आप सिर्फ उसको अपना VPA देंगे जैसे Youremail@oksbi और अगर वह व्यक्ति UPI से पैसे ट्रांसफर करना जानता होगा तो वह आपका VPA (youremail @ oksbi) से ही डायरेक्ट आपके खाते में पैसे ट्रांसफर कर सकता है। आपको उस व्यक्ति को कोई Account Number, IFSC, Branch, Bank etc कुछ देने की जरुरत नहीं पड़ेगी सिर्फ एक Virtual Payment Address ही काफी होगा। 

02. दोस्तों UPI का दूसरा फायदा यह है कि अगर आपको किसी को पैसे भेजने हैं और अगर आपके पास उस व्यक्ति के खाते की Details नहीं है और अगर आपके पास उस व्यक्ति का मोबाइल नंबर हैं तो भी आप सिर्फ Mobile नंबर से ही पैसे भेज सकते हैं, लेकिन हाँ उस व्यक्ति का अकाउंट उसके मोबाइल नम्बर से जुड़ा होना चाहिए। कभी-कभी एक व्यक्ति के अलग-अलग बैंको में खाते होते हैं और सभी खाते एक ही नंबर जुड़े रहते हैं तो ऐसी परिस्थिति में उस व्यक्ति ने जो Primary Account Set कर रखा होगा उसी में पैसे प्राप्त होंगे।

3.UPI का तीसरा फायदा यह है की आप अगर किसी का खाता नंबर, IFSC Code जानते हैं, और पैसे भेजना चाहते हैं तो भी नेट बैंकिंग की तरह ही डायरेक्ट उस व्यक्ति के खाते में पैसे Transfer कर सकते हैं। 

04. UPI का चौथा फायदा यह है की आप आधार का उपयोग करके भी किसी व्यक्ति के खाते में पैसे भेज सकते हैं, पर ध्यान यह रहे की उस व्यक्ति का आधार उसके बैंक खाते से जुड़ा हुआ होना चाहिए।
 
05. पांचवा फायदा UPI का यह है कि QR Code (Quick Response Code) की मदद से भी आप किसी को पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। QR Codes को आपने ज्यादातर Mall, दुकान , रेस्टोरेंट, होटल आदि। में देखा होगा, जहां QR को स्कैन करके ही आप आसानी से अपने बिल का भुगतान कर सकते हैं।

06. यह बहुत ही Secure Transaction होता हैं, क्योंकि यहाँ पर आपको Single click to factor Authentication होता है और इसमें आपको किसी व्यक्ति के साथ कोई Extra Details Share नहीं करना पड़ता।

07. UPI का सातवां Benefit यह है कि इसमें आपको Sent, Request दोनों विकल्प मिल जाते हैं, सेंड का मतलब आप किसी को पैसे सेंड करोगे और रिक्वेस्ट का मतलब यदि आप किसी व्यक्ति को अमाउंट टाइप करके पेमेंट की रिक्वेस्ट कर सकते हैं, यदि वह व्यक्ति सहमत होता है तो उसको अपना PIN इंटर करना है और आपके पास पैसे आ जायेगें। 

08. UPI का आठवां फायदा यह है कि आप एक ही App के अंदर Multiple Accounts Add कर सकते हैं। 

UPI से कितने पैसे भेजे जा सकते हैं ? 

UPI से हम कितने पैसे भेज सकते हैं और UPI की Transfer Limit कितनी होती है आइये जाते हैं। 
GooglePay/Day Balance Transfer Limit - 1100000 
Phone Pay/Day Balance Transfer Limit - 11,00,000 
PayTm /Day Balance Transfer Limit - 31,00,000 
BHIM/Day Balance Transfer Limit - 340,000


गुरुवार, 13 मई 2021

कम्प्यूटर में Function key क्या होता हैं और इसके कार्य प्रणाली क्या है? What is Function key in P.C.


नमस्कार🙏, आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं  लैपटॉप/computer के Function Key के बारे में। आजकल हम सभी के पास computer या laptop हैं। जिनमे सामान्य तरह से उपयोग होने वाली keys जैसे:-Alphabets और Numerical keys का उपयोग तो आप सभी जानते हैं कि इनका उपयोग भी हम किसी भी word या Number को टाइप करने के लिए करते हैं। मगर शायद आपने Function keys पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया होगा और अगर दिया भी होगा तो एक या दो function keys का ही मतलब पता होगा। लेकिन मैं विश्वजीत कुमार आज आपको बताने वाला हूँ सारे function keys के बारे में जिनसे आपको बहुत फायदा मिलेगा तो चलिए शुरू करते हैं F-1 key से।
 F-1 Function key 

F-1 function key का उपयोग किसी भी Software या Application के Help Center के लिए किया जाता है। यानी जैसे:- अभी आप मेरी Blog पर इस पोस्ट को किसी Browser पर पढ़ रहे हैं चाहे वह chrome, firefox, UC browser हो या अन्य कोई browser. यदि आप अपने कंप्यूटर/लैपटॉप पर F-1 बटन दबायेंगे तो सीधा उस ब्राउज़र का Help page open हो जायेगा। 

 F-2 Function key 

F-2 function key का उपयोग किसी भी फाइल को Rename करने के लिए किया जाता है। क्या पता था आपको??? Comment कर के बताइयेगा। अभी तक आप भी माउस के Right Click करके फिर Rename Option पर जाकर तब किसी फ़ाइल को Rename करते होंगे मगर एक बार आप किसी फाइल पर F-2 बटन दबा कर देखें तो आप बस एक बटन के दबाने से ही File Rename कर पायेंगे।
                                                                  
                                                                    F-3 Function key

F-3 function key  को किसी Application में File, word, Alphabets को find करने के लिए किया जाता है। जैसे आप किसी ब्राउज़र में कोई आर्टिकल पढ़ रहे हैं। अगर आप F-3 दबायेंगे तो एक छोटा सा Box Open होगा जिसमें आप कुछ भी Type करेंगे तो वह उस keyword से Related files और Words को Highlight कर देगा। 
                                                                 
                                                                 F-4 Function key

F-4 function key को दबाने से तो कुछ नहीं होगा मगर जब आप इस keys को Alt के साथ यानी Alt + F4 प्रेस करेंगे तो आपकी जो Application खुली होगी वह बंद हो जाएगी। और जब आप Alt + Shift + F4 दबाते हैं तो आपका कंप्यूटर आपको shut down, restart, Log off, task manager, के विकल्प खुल जायेंगे और फिर आप आसान तरीके से अपने कंप्यूटर को Restart, shutdown कर सकते हैं। Alt + Shift + F4 + Enter जब आप प्रेस करेंगे तब आप का कंप्यूटर shutdown यानी बंद हो जाएगा।

                                                                  F-5 Function key

F-5 function key का काम किसी भी window, desktop, website,  Web page को Refresh करना होता है। यदि आप अपने माउस का Right dick करके refresh करते हे तो अब F-5 दबाये ओर समय बचाए।

                                                                   F-6 Function key

F-6 function key Laptop में F-6 key वॉल्यूम कम करने का कार्य और डेस्कटॉप में किसी भी Browser के URL (Uniform Resource Locator) में सीधे जाने के लिए इसका  उपयोग किया जाता है। 
                                                                       
                                                                    F-7 Function key

F-7 function key यदि आप laptop में F-7 दबायेंगे तो यह वॉल्यूम को बढाएगा और यदि आप डेस्कटॉप का प्रयोग  कर रहे हैं तो F-7 दबाने पर कुछ भी नहीं होगा लेकिन जब आप M.S. word, Power Point, या कोई भी word document file पर काम कर रहे हों , तो वहाँ यह Spelling, Grammar check करने के लिए इस Key का प्रयोग किया जाता हैं। 

                                                                       F-8 Function key

F-8 function key का उपयोग हम दो चीजो के लिए करते हैं। 
1. Safe Mode में जाने के लिए जब भी आप अपने Computer को Safe Mode में चालु करना चाहते हैं तो आपको अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में F-8 Press करना होगा। 
2. M.S. office पर कार्य के लिये जब आप किसी word file में काम कर रहे हो तो F-8 दबाने से आपका सारा Text Select हो जायेगा। अमूमन आप ये कार्य Ctrl+A  से करते होंगे। F-8 से भी प्रयास कर सकते हैं।
                                                                         
                                                                   F-9 Function key

F-9 function key का प्रयोग  लैपटॉप में Brightness Decrease करने के किया जाता है और Desktop में F-9 प्रेस करने से कुछ भी नहीं होगा मगर जब आप  Ms word में काम कर रहे हो तब आप F-9 दबाकर Document को Refresh कर सकते हैं, इसके अलावा आप Microsoft outlook में Email send और Receive करने के लिए भी F-9 key का उपयोग कर सकते हैं। 
                                                                    F-10 Function key

F-10 function key अगर आप Laptop में F-10 press करेंगे तो Laptop का  Brightness बढ़ जायेगा। यदि आप Desktop में F-10 Press करेंगे तो यह किसी भी Open Application के Menu बार को Activate कर देगा। इसके अलावा अगर आप Ms word का प्रयोग  कर रहे हैं तो वहां पर आप Shift + F10 प्रेस करेंगे तो आपको वही पर एक छोटा सा Shortcut Menu दिख जायेगा, ये मेनू आप अपने माउस के  Right click करके भी देख सकते हैं

                                                                     F-11 Function key

F-11 function key का कार्य किसी भी Browser को full-screen Mode में देखने के लिए किया जाता है। जिस से उपर का URL (Uniform Resource Locator) Bar और नीचे का Taskbar Hide हो जायेगा और बीच का पार्ट आपको full screen पर दिखेगा।

                                                                        F-12 Function key

F-11 function key का उपयोग Laptop में Wi-Fi को चालु एवं बंद और Flight Mode को  Activate करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा आप Ms word में F-12 का प्रयोग Document को Save करने के लिए कर सकते हैं, Ms word में जैसे ही आप F-12 Press करेंगे तो आपसे पूछा जायेगा की आप फाइल को कहाँ और किस नाम से save करना चाहते हैं। 

            तो चलिये हम उमीद करते हैं कि आपको कम्प्यूटर में Function key क्या होता हैं और इसके कार्य प्रणाली क्या है? What is Function key in P.C. अच्छे से समझ में आ गया होगा। यदि फिर भी कोई सवाल या  सुझाव हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं और ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए VISIT करते रहे हमारे Blog को।

धन्यावाद 

 

शनिवार, 19 सितंबर 2020

एडोब फोटोशॉप (Adobe Photoshop) Hindi and English Notes.


Adobe Photoshop, D.El.Ed.1st Year. F-12, Unit-3. B.S.E.B. Patna.



 एडोब फोटोशॉप

                यह सॉफ्टवेयर मुख्यत: इमेज एडिटिंग के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसकी सहायता से डिजाइनर अपनी सृजन क्षमता को अधिक प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत कर सकता है। इसके द्वारा इमेज एडिटिंग टूल्स की सहायता से जटिल आकारों में भी विभिन्न पेंटिंग टूल्स एवं फिल्टर्स द्वारा विभिन्न प्रभाव डाले जा सकते हैं। फोटोशॉप द्वारा चित्रों के निमार्ण एवं स्कैनर द्वारा स्कैन किये गये फोटो या चित्रों में विभिन्न आकार के ब्रश, एयर ब्रश, पैंसिल, इमेज रोटेशन, रंगों के प्रभाव एवं सन्तुलन, फैदर, इमेज में बैकग्राउण्ड बदलना, आदि।  के द्वारा विभिन्न प्रभाव डाले जाते हैं। इन प्रभावों का उपयोग विभिन्न प्रकार के टेक्स्ट एवं लोगोटाइप आदि में भी किया जा सकता है। इस सॉफ्टवेयर में कार्य करते समय लेयर्स का प्रयोग किया जाता हैं। फोटोशॉप द्वारा इमेज रेडी के सहयोग से वेब ग्राफिक्स में भी विभिन्न प्रभाव डाले जा सकते हैं। वर्तमान में फोटो शॉप CS-6 एवं Photoshop-CC संस्करण उपलब्ध है। 


Photoshop-7.0 के मुख्य टूल एवं उनका उपयोग:-


  •  

    Marquee Tool -
    इस टूल के द्वारा आयताकार, वर्गाकार एवं गोलाई में सलेक्शन किया जाता है। 



  • Lasso Tool - इस टूल द्वारा इमेज या उसके किसी भी भाग को स्वतंत्र रूप से सलेक्ट करते हैं। 


  • Crop Tool - इस टूल का उपयोग इमेज के अनावश्यक भाग को काटने के लिए किया जाता है। 


  • Healing Brush Tool - इस टूल की सहायता से इमेज या उसके किसी भी भाग में ब्रश (एयर ब्रश) आदि के द्वारा रंग भरते हैं। 



  • Clone Stamp Tool - इस टूल की सहायता से इमेज या उसके किसी भी भाग की हू-ब-हू नकल दूसरे स्थान पर बना सकते हैं। 



  • Eraser Tool - इसके द्वारा इमेज को मिटाया जाता है। 



  • Smudge Tool - स्मज टूल के प्रयोग से इमेज के तत्वों में समरूपता (मिलान) लाने का कार्य किया जाता है।



  • Direct Selection Tool- यह टूल इमेज के डायरेक्ट सलेक्शन के लिए प्रयोग किया जाता है। 



  • Path selection Tool - इसके द्वारा इमेज में स्वतंत्र रूप से पाथ लाइनें लगाई जाती हैं।




  • Hand Tool - इस टूल के सहयोग से इमेज को ऊपर-नीचे एवं दायें-बायें खिसकाते हैं। 


  • Move Tool – इस टूल द्वारा इमेज या उसके किसी भाग को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं। 



  • Magic Wand Tool – यह टूल इमेज में प्रयुक्त किसी भी एक रंग के पिक्सल्स (Pixels) को सलेक्ट करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  •  


  • Slice Tool- इस टूल द्वारा इमेज को छोटी-छोटी फाइलों में बाँटा जाता है। 



  • Paint Brush Tool - इस टूल द्वारा इमेज में कहीं भी साधारण ब्रश के प्रयोग से रंग भरते हैं। 


  • History Brush Tool- इस ब्रश द्वारा इमेज में विभिन्न प्रभाव डालने के बाद इमेज के किसी भी भाग को दुबारा उसी स्थिति में लाया जा सकता है।
  •  

  • Dodge Tool - यह टूल इमेज में प्रयुक्त रंगों को हल्का (टोनिंग) करने के लिए प्रयोग करते हैं। 



  • Type Tool - इस टूल से लिखने का कार्य करते हैं।
  •  

  • Custom Shape Tool - इस टूल द्वारा विभिन्न आकार आयत, वर्ग, पंचभुज, गोला एवं लाइनें बनायी जाती है।



  • Gradient/Paint Bucket - इस टूल द्वारा इमेज में अनुक्रम (ग्रेडियन्ट) प्रभाव वाले रंग भरे जाते हैं। 



  • Eyedropper Tool - इस टूल द्वारा इमेज में प्रयुक्त रंगों में से किसी भी रंग का चुनाव कर उसे अग्रभूमि (फोरग्राउण्ड) रंग के रूप में प्रयुक्त कर सकते हैं। 



  • Zoom Tool - इस टूल के प्रयोग से इमेज या उसके किसी भी भाग को बड़ा करके देख सकते हैं। 

  • Foreground Color, Background Color, Standard Mode, Quick Mask Mode एवं Screen Mode के प्रयोग के अतिरिक्त प्रत्येक टूल के बाक्स में नीचे दाये कोने में बने (4) तिकोन पर क्लिक करने से उस टूल के प्रतिरूप सामने आते हैं जिनका प्रयोग इमेज में अलग-अलग प्रकार के कार्य करने के लिए किया जाता है। उपर्युक्त टूल पर दो बार क्लिक करने से इनके ऑप्शन दिखाई देते हैं जिनका प्रयोग भी आवश्यकतानुसार किया जाता है।

      फोटो शॉप के मीनू बार में स्थापित विभिन्न मीनू File, Edit, Image, Layer, Select, Filter, View, Window के विभिन्न सहायक मीनू (Sub Menu) जैसे- New File, Open, Save, Save As, Printing, Pasting, Cuting, Image Size, Rotate Canvas, Layers, Proof Setup, Fit on Screen, Print Size आदि एवं विभिन्न प्लेट्स (Color Plate, Navigator Plate, Swatches Plate, Style Plate, History Plate, Layer Plate, Path Plate, Brushes Plate आदि) के विभिन्न ऑप्शनों के प्रयोग द्वारा आसानी से आवश्यकतानुसार कार्य किया जा सकता है तथा आवश्यकता पड़ने पर Help मीनू की सहायता भी ली जा सकती है।


Adobe Photoshop

             This software is mainly used for image editing. With the help of this, the designer can present his creative ability in a more effective way. With the help of image editing tools, various effects can be made by different painting tools and filters even in complex shapes. Creation of images by Photoshop and scanning photos or images by the scanner with different sizes of brushes, airbrushes, pencils, image rotation, color effects, and balance, feathering, changing the background in the image, etc. There are various effects. These effects can also be used in different types of text and logotypes etc. Layers are used while working in this software. Various effects can also be done in web graphics with the help of Image Ready by Photoshop. Currently, Photoshop CS-6 and Photoshop CC versions are available. 

The main tools of Photoshop - 7.0 and their use:-

  • Marquee Tool - With this tool, the selection is made in rectangular, square, and round. 

  • Lasso Tool - This tool allows you to freely select an image or any part of it. 

  • Crop Tool - This tool is used to cut the unnecessary part of the image. 

  • Healing Brush Tool - With the help of this tool, color is filled in the image or any part of it by means of airbrush, etc. 
  • Rubber Stamp Tool - With the help of this tool, you can make an exact copy of the image or any part of it in another place.
  •  
  • Eraser Tool - This is used to erase the image. 

  • Smudge Tool - The Smudge tool is used to bring uniformity to the elements of the image.

  • Direct Selection Tool - This tool is used for direct selection of images. 

  • Path Tool - Through this, path lines are added to the image independently.

  • Hand Tool - With the help of this tool, the image is moved up-down and right-left. 

  • Move Tool - This tool moves the image or any part of it from one place to another. 

  • Magic Wand Tool - This tool is used to select the pixels of any one color used in the image. 

  • Slice Tool - With this tool, the image is divided into small files. 

  • Paint Brush Tool - This tool fills color anywhere in the image with the use of a simple brush. 

  • History Brush Tool - After applying various effects to the image with this brush, any part of the image can be brought back to the same position. 

  • Dodge Tool - This tool is used to lighten the colors used in the image. 

  • Type Tool - Let's work on writing with this tool. 

  • Custom Shape Tool - This tool creates different shapes rectangles, squares, pentagons, spheres, and lines.

  • Gradient / Paint Bucket - This tool fills the image with gradient effect colors. 

  • Eyedropper Tool - With this tool, you can select any of the colors used in the image and use it as a foreground color. 

  • Zoom Tool - Using this tool, you can enlarge the image or any part of it. 
           In addition to the use of Foreground Color, Background Color, Standard Mode, Quick Mask Mode, and Screen Mode, clicking on the (4) tick in the bottom right corner of each toolbox reveals the patterns of the tools that are used to perform different types of tasks in the image. Double-clicking on the above tool shows the options which are also used as per the requirement.


      In the menu bar of the Photoshop, various menus such as File, Edit, Image, Layer, Select, Filter, View, Window, and various sub-menus such as New File, Open, Save, Save As, Printing, Pasting, Cutting, Image Size, Rotate Canvas, Layers, Proof Setup, Fit on Screen, Print Size, etc. and various plates (Color Plate, Navigator Plate, Swatches Plate, Style Plate, History Plate, Layer Plate, Path Plate, Brushes Plate, etc.) can be easily done by using various options.