S-5
विद्यालय में स्वास्थ्य, योग एवं शारीरिक शिक्षा
संदर्भ
बच्चों के विकास के दृष्टिकोण से शारीरिक शिक्षा एक महत्वपूर्ण आयाम है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा दीर्घकालिक विकास के लक्ष्यों की कार्यसूची 2030 में खेलकूद को दीर्घकालिक विकास के लिए समर्थ बनाने वाला एक महत्त्वपूर्ण कारक माना गया है, तथा वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सामाजिक समावेश से जुड़े उद्देश्यों की प्राप्ति में खेलकूद के बढ़ते योगदान को स्वीकार किया गया है। गुणवत्तापूर्ण खेलकूद सेवाओं तक पहुंच को अब सभी के लिए मूल अधिकार के रूप में माना जाता है। अतः विद्यालयों में नियमित खेलकूद का आयोजन, बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने का स्वाभाविक विकल्प है। आनन्ददायी गतिविधियाँ जो बच्चों को भौतिक संसार से एक सकारात्मक संबंध के अवसर प्रदान करती हैं, शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों में शामिल होनी ही चाहिए। शारीरिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे विभिन्न प्रकार की शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के अवसर प्राप्त करते हैं तथा अवधारणाओं तथा कौशलों को विकसित कर पाते हैं जो उन्हें अपने पसन्द के खेल में हिस्सा लेने तथा अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है। यह उन्हें आनन्द तो देता ही है साथ ही साथ भावी जीवन में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार करता है। इनके अतिरिक्त शारीरिक शिक्षा, स्वयं के प्रबंधन के कौशलों, सामाजिक तथा सहयोगात्मक कौशलों के विकास का स्वाभाविक मंच तथा अवसर भी प्रदान करता है। खेलकूद बच्चों में चरित्र निर्माण की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है। यह अन्य शैक्षिक क्षेत्रों में भी बेहतर परिणामों के लिए वांछित परिस्थितियाँ तैयार करता है। विशेषकर शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी आदतों के विकास, टीम भावना, लोच (Softness) तथा संकल्प को दृढता प्रदान करता है। इसलिए स्वास्थ्य तथा शारीरिक शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों के विद्यालयों में आयोजन का उद्देश्य बच्चों में समझ, नजरिये व पोषण, स्वास्थ्य व स्वच्छता से जुड़े व्यवहारों को बेहतर बनाने से होना चाहिए।इनके सफल आयोजन से न केवल व्यक्ति बल्कि परिवार तथा समाज के स्तर पर भी स्वास्थ्य में सुधार तक पहुँचने में सहायता मिलती है। इसके लिए विद्यालय में केवल प्रधानाध्यापक ही नहीं बल्कि सभी शिक्षकों को अपनी समझ स्पष्ट करते हुए वांछित तैयारी करनी होगी। सभी को जहाँ एक ओर अपने कौशलों को विकसित करने के लिए कार्य करना होगा वहीं दूसरी ओर विद्यालय में इन आयोजनों के लिए विभिन्न संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्य करना होगा। बिहार में खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा के संदर्भ को ध्यान में रखते हुए इस पाठ्यक्रम में दो पहलुओं को शामिल किया गया है
1. विद्यालयों में खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा विषय के क्षेत्र में, समझ तथा व्यवहार में प्रतिमान विस्थापन की आवश्यकता।
2 विद्यालय के संपूर्ण वातावरण का अनुकूलन, जिससे खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा को शिक्षण अधिगम की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता के रूप में शामिल किया जा सके क्योंकि यह बच्चे के सर्वागीण विकास में योगदान देता है।
उद्देश्य
इस पाठ्यक्रम पर आधारित विषयवस्तु के शिक्षण के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-
- स्वास्थ्य तथा स्वच्छता की अवधारणा को शारीरिक शिक्षा तथा वर्तमान विद्यालयी वातावरण के संदर्भ में समझ सकेंगे।
- व्यक्तिगत तथा पर्यावरणीय स्वच्छता, साफ-सफाई, प्रदूषण, सामान्य बीमारियों तथा विद्यालय एवं समुदाय में इनके रोकथाम तथा नियंत्रण के उपायों पर चिन्तन कर पाएंगे।
- खेलकूद के माध्यम से बच्चे के सर्वांगीण विकास की अवधारणा को समझ पाएँगे।
- एथेलेटिक क्षमताओं से जुड़े गति के मूल सिद्धान्तों तथा मूल कौशलों को जान पाएँगे जो कि विभिन्न खेलकूद तथा विद्यालय में इन कौशलो को छात्रों तक पहुँचाने के लिए आवश्यक है।
- समावेशी खेलकूद तथा खेल आधारित गतिविधियों को पाठ्यचर्या से जोड़ने के लिए वांछित कौशलों तथा तकनीकों का विकास करने में सक्षम हो पाएँगे।
- उच्च प्राथमिक स्तर पर सुझाए गए मूल योगासनों तथा ध्यान केन्द्रन विधियाँ सीख व समझ पाएँगे
- Understand the concept of health and hygiene in the context of physical education and the present school environment.
- Reflect on personal and environmental hygiene, sanitation, pollution, common diseases and measures for their prevention and control in school and in the community.
- Through sports, you will be able to understand the concept of all round development of the child.
- Get to know the fundamentals of speed and the core skills associated with athletic abilities that are needed to pass these skills on to students in various sports and schools.
- Be able to develop the desired skills and techniques to integrate inclusive sports and sports based activities into the curriculum.
- Learn and understand the basic yogasanas and meditation techniques suggested at the upper primary level
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