मंगलवार, 22 जून 2021

F-3 प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा D.El.Ed. 1st Year. B.S.E.B. Patna.


संदर्भ 

             यह वैज्ञानिक स्तर पर सिद्ध हो चुका है कि व्यक्ति के मस्तिष्क का 85-90 प्रतिशत तक विकास 05 वर्ष की आयु तक हो चुका होता है। मस्तिष्क का यह विकास व्यक्ति के सर्वांगीण विकास की बुनियाद तैयार करता है। इसलिए प्रारंभिक वर्षों में बच्चे को मिलने वाली देखभाल और शिक्षा की भूमिका महत्त्वपूर्ण हो जाती है। बच्चों के विकास तथा प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा अर्थात ईसीसीई E.C.C.E. (Early Childhood Care and Education) के संबंध में यह समझना आवश्यक है कि जिन बच्चों को उचित पोषण के साथ-साथ भरपूर स्नेह, सुरक्षा, बातचीत व खेल के अवसर, अभिव्यक्ति के अवसर, प्रेरणा तथा प्रोत्साहन प्राप्त होता है, उसका विकास बेहतर होता है। यही सब तो गुणवत्तापूर्ण प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों के आयोजन का आधार है। इनसे बच्चे के विकास के प्रमुख आयामों जैसे कि शारीरिक, मानसिक, संज्ञानात्मक, भाषा संबंधी, सामाजिक, सृजनात्मक तथा सौन्दर्यबोध के विकास को दिशा प्राप्त होती है। जब बच्चों को यह सब प्राप्त होता है तो वे आगे चलकर न केवल विद्यालय में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, बल्कि एक व्यक्ति के रूप में भी जीवन में कहीं अधिक सफल सिद्ध होते है। 

          उपरोक्त चर्चा इस बात को रेखांकित करती है कि यदि हमें बच्चों को शिक्षा प्रदान करनी है तो इसकी शुरूआत प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा से ही करनी होगी। बिहार राज्य में भी प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के क्षेत्र में अभी बहुत कार्य किए जाने की आवश्यकता है। शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 तथा राष्ट्रीय प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा नीति, 2013 के आलोक में यह आवश्यक है कि प्रत्येक शिक्षक इस तथ्य को समझें एवं इसके प्रति संवेदनशील हों कि हर बच्चे के लिए प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखमाल और शिक्षा अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। हमें इस दिशा में अभी बहुत प्रयास करने की आवश्यकता है जिससे कि सभी बच्चों को विद्यालय में प्रवेश से पहले इसके लिए तैयार होने के भरपूर अवसर प्राप्त हो। यह विषय इस दिशा में शिक्षकों को सूचना, समझ, कौशल तथा संवेदनशीलता प्रदान करने का प्रयास है।


उद्देश्य 

प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल से जुड़ी प्रमुख अवधारणाओं की समझ बनाना।

प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के पाठ्यचर्या तथा पाठ्यक्रम के माध्यम से बाल विकास के विभिन्न आयामों एवं इसके महत्त्व को समझना।

बिहार के संदर्भ में, प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा की वर्तमान स्थिति और प्राथमिक शिक्षकों की भूमिका पर समझ बनाना। 

शिक्षकों को कक्षा-कक्ष में प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के पाठ्यक्रम में प्रस्तावित अवधारणाओं के अनुरूप गतिविधियों के आयोजन के कौशलों को विकसित करना।

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