साभार:- Facebook
What is in a name? यानी नाम में क्या रखा है? उक्त बातें शायद आपको भी याद हो इसे कहने वाले थे सदी के महान व्यक्तित्व शेक्सपियर जी। आगे उन्होंने कहा था- गुलाब को यदि गुलाब न कह कोई दूसरे नाम से पुकारे तो क्या उस की खुशबू गुलाब जैसी नहीं रहेगी ?
अब यहां आप ध्यान दीजिये, यदि यही बात मैं ने कही होती तो क्या आप लोग इतनी जल्दी मान लेते? सोचिए....🤔 सोचिए....🤔
आप कहेंगे- नहीं। बिल्कुल नहीं!!!
क्योंकि मेरा अभी नाम इतना ज्यादा नहीं हुआ है जितना कि उस समय शेक्सपियर जी का हो गया था। कहने का अर्थ यह है कि कोई बातें किसके द्वारा कही गई है और उस व्यक्ति के नाम का कितना असर है यह मायने रखता हैं। मेरे हिसाब से नाम में बहुत कुछ है। जो बात किसी बड़े और मशहूर नाम से जुड़ी हो उसे हम और आप बिना प्रश्न किये मान लेते हैं। हम यह सोचने लगते हैं कि अमुक व्यक्ति ने कही है तो सही ही होगी।
मुझे कुछ दिनों पूर्व का एक वाक़्या याद आ रहा है जब हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी परीक्षा पर चर्चा कर रहे थे, बाकी आपको तो याद ही होगा। यदि याद है या मेरा इशारा किधर है। कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा।
बाकी आज के लेख✍️ की शुरुआत करते हैं......
जैसलमेर जो की भारत के राजस्थान प्रांत का एक शहर है वहां से बीकानेर बस रुट पर बीच में एक बड़ा सा गाँव है जिसका नाम है नाचने
वहाँ से जब कोई बस आती है तो लोग कहते है कि नाचने वाली बस आ गयी..😎
कंडक्टर भी बस रुकते ही चिल्लाता हैं......नाचने वाली सवारियाँ उतर जाएं बस आगे तक जाएगी..😎
भारत में जब इमरजेंसी का दौड़ चल रहा था तो उस समय Research and Analysis Wing (RAW) का एक नौजवान अधिकारी जैसलमेर आया चूंकि रात बहुत हो चुकी थी तो वह सीधा थाने पहुँचा और ड्यूटी पर तैनात सिपाही से पूछा - थानेदार साहब कहाँ हैं?
सिपाही ने जवाब दिया- सर, थानेदार साहब नाचने गये हैं।😎
अफसर का माथा ठनका उसने पूछा- डिप्टी साहब कहाँ हैं ?
सिपाही ने विनम्रता से जवाब दिया- हुकुम🙏🏻 डिप्टी साहब भी नाचने गये हैं।😎
अफसर को लगा, लगता है यह सिपाही बिहार में जो बंद है उसके बाद भी आसानी से मिल जाता है उसका इसने ज्यादा सेवन कर लिया है। उसने तुरन्त Superintendent of Police (S.P.) के निवास पर फोन📞 किया।
S.P. साहब हैं ?
उधर से जवाब मिला नाचने गये हैं!!!
लेकिन नाचने कहाँ गए हैं, ये तो बताइए ?
बताया न नाचने गए हैं, सुबह तक आ जायेंगे। तब आप फोन कीजिएगा उधर से नींद में ही किसी ने कहा।
कलेक्टर के घर फोन लगाया वहाँ भी यही जवाब मिला, साहब तो नाचने गये हैं।
अफसर के दिमाग का दही बिना जोड़न का ही बनने लगा। उसने बड़बड़ाते हुए कहा- ये हो क्या रहा है इधर इस जिले में ?? अचानक से सभी के सभी नाचने चले गए वो भी इमरजेंसी में।
वही पास खड़ा मुंशी बहुत देर से सारी बाते ध्यान से सुन रहा था। वो धीरे से बोला- हुकुम🙏 बात ऐसी है ना कि दिल्ली से आज कोई मिनिस्टर साहब नाचने आये हैं। इसलिये सब अफसर लोग भी नाचने गये हैं..!!
🤪🤪🤣🤣😂😂😂
साभार:- Facebook
लेख:- Bishwajeet Verma
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें