पृथ्वी के ऊपरी सतह पर मोटे माध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा, मिट्टी कहते हैं। ऊपरी सतह पर से मिट्टी हटाने पर प्रायः चट्टान (शैल) Rock पाई जाती है। मृदा विज्ञान (Pedology, Another term for soil science.) मिट्टी संबंधी विद्या, भूमि विज्ञान जो कि भौतिक भूगोल (Physical geography, The branch of geography dealing with natural features and processes.) की एक प्रमुख शाखा है जिसके अंतर्गत मृदा के निर्माण, उसकी विशेषताओं एवं धरातल पर उसके वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है।
Note:- पृथ्वी की ऊपरी सतह के कणों को ही (छोटे या बड़े, Big or Smal) Soil कहा जाता है।
भारत में मिट्टी के प्रकार:-
(a) लाल मिट्टी (Red Soil)
(b) काली मिट्टी (Black Soil)
(c) रेतीली मिट्टी (Arid and Dessert Soil) e.t.c.
मूर्तिकला (Sculpture)
मूर्ति+कला:- किसी रूप या आकृति के समान ही ठोस वस्तु से गढ़ी हुई आकृति, जिसको हर दिशा से देखा जा सकता है उस वस्तु को मूर्ति कहते हैं। जब उस मूर्ति में सुंदरता का समावेश हो जाए तब उसे हम मूर्तिकला के नाम से संबोधित करते हैं।
मूर्तिकला निर्माण के तकनीक दो (02) प्रकार के होते हैं:-
(1) Glyptic Medium
(2) Plastic Medium
(1) Glyptic Medium (घटाव माध्यम):- इस माध्यम से तैयार मूर्ति में केवल सामग्री जैसे:- पत्थर, लकड़ी, ठोस पी.ओ.पी. (Plaster of Paris) धातु को काटकर या खुदाई करके बनाया जाता है। इस माध्यम में ऊपर से चिपकाने का गुण नहीं होता ठोस वस्तु को काट-काट कर या घटाकर (Carving) आकृति का निर्माण करते हैं।
खुदाई या काट कर के मूर्ति बनाने की विधि को Glyptic माध्यम कहते हैं।
16 नंबर की कैलाश नामक ब्राम्हण मंदिर एलोरा में है। मंदिर की लंबाई 50 मीटर, चौड़ाई 33 मीटर, ऊंचाई 30 मीटर है। यह मंदिर
Glyptic Medium सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
(2) Plastic Medium (प्लास्टिक मीडियम) आकार देने या ढालने योग्य:- मूर्ति बनाने की कला में ठोस वस्तु जैसे:- मिट्टी, मोम, गीला आटा, इत्यादि। को जोड़-जोड़ कर या तोड़ मरोड़ कर कभी-कभी काटकर भी मूर्ति बनाने की प्रक्रिया को प्लास्टिक मीडियम कहते हैं।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (B.H.U.) में प्लास्टिक आर्ट से मास्टर डिग्री की पढ़ाई होती है।
Note:- मिट्टी (Soil) गीली मिट्टी Plastic Medium है परंतु मिट्टी के सूख जाने पर इसका प्लास्टिक गुण समाप्त हो जाता है और वह Glyptic माध्यम के अंतर्गत आ जाता है।
मूर्ति मुख्यतः दो प्रकार की होती है-
(1) Relief Sculpture (उभरी हुई नक्काशी की मूर्ति)
(2)3D, Round Sculpture (त्रिआयामी मूर्ति)
Note:- Relief Sculpture के भी 02 भाग होते हैं-
(i) Low Relief:- अपने सतह से कम उभरी हुई मूर्ति को Low Relief की श्रेणी में रखते हैं इस मूर्तिकला की विशेषताएं यह होती है की मूर्ति पृष्ठ भूमि (सतह) से अनिवार्य रूप से जुड़ी रहती है। जैसे:- सिक्का (Coin) Mobile Key, etc.
(ii) High Relief:- अपनी सतह से अधिक ऊंची उठी हुई मूर्ति जो करीब-करीब वस्तु के वास्तविक रूप के समतुल्य हो जाती है परंतु पृष्ठभूमि के साथ जुड़ी हुई होती है उसे High Relief कहते हैं।
(2) 3D, Round Sculpture:- त्रिआयामी मूर्ति वह मूर्तिकला है जिसको हर दिशा से देखा जा सकता है। त्रिआयामी मूर्ति में लंबाई, चौड़ाई, मोटाई और ऊंचाई के परिमाप होते हैं।
"मिट्टी की मूर्ति"
संसार की सबसे सस्ती वस्तु मिट्टी है। हम मिट्टी से मूर्तियां, खिलौने एवं बर्तनों का निर्माण करते हैं। मिट्टी की मूर्तियों के लिए दो प्रकार की मिट्टी का उपयोग किया जाता है।
(1) Terra-Cotta (टेरा-कोटा) पक्की मिट्टी
(2) Modelling. (मॉडलिंग)
(1) Terra-Cotta (टेरा-कोटा):- टेराकोटा बनाने के लिए मिट्टी में थोड़ी सी बालु मिला देते हैं जिसके कारण टेरा-कोटा की चिकनाई कम हो जाती है और उसके बाद उस कलाकृति को आग में पका कर लाल कर लिया जाता है।
(2) Modelling:- इसकी प्रक्रिया टेराकोटा के ठीक विपरीत होती है मॉडलिंग की मिट्टी चिकनी तथा बालू रहित रखनी होती है।
सामान्य ज्ञान:- चित्रित मिट्टी के बर्तन के लिए सिवान जिले का नाम आता है। पटना संग्रहालय में इसके कुछ बर्तन उदाहरण स्वरूप रखे गए हैं।
Pottery Wheel:- चाक
Potter's Wheel:- कुम्हार का चाक
Chariot Wheel:- रथ का चक्का
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