रविवार, 20 जून 2021

F-7 गणित का शिक्षणशास्त्र-1 (प्राथमिक स्तर) D.El.Ed. 1st Year Bihar School Examination Board, Patna.



 संदर्भ 

            गणित विद्यालयी स्तर पर एक अनिवार्य विषय है, परन्तु यह अधिकतर बच्चों के लिए मनपसंद विषय नहीं होता। गणित का नाम सुनते ही बच्चे व वयस्क दोनों घबराने लगते हैं। उन्हें बड़ी-बड़ी गणनाए, जटिल चित्रों का समावेश व अमूर्त और संदर्भहीन (Abstract and context less) तर्क याद आने लगते हैं। यह डर एवं व्याख्या दोनों ही अनुपयुक्त है। गणित विषय की समझ के विकास के साथ-साथ यह स्पष्ट हो गया है कि गणित सीखने का अर्थ संख्याओं के साथ फटाफट और सटीक गणना करना भर नहीं है। इसमें न केवल गणित के अन्य हिस्से शामिल हैं वरन् सोच के ऐसे तरीके विकसित करना शामिल है, जिसमें सीखने वाला तार्किक आधार पर विश्लेषण करना सीख पाए। उसमें संख्यात्मक समझ, मापने की समझ एवं आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण, तर्क व सिद्ध करने का अर्थ आदि शामिल है।

           यदि गणित शिक्षण के उद्देश्य में इन सबको और हमारे रोजमर्रा के अनुभवों के साथ संबंध जोड़ने को रखा जाए तो गणित की कक्षा-कक्ष की प्रक्रिया में बहुत बदलाव आएगा। इस पाठ्यक्रम में इन सब पर विमर्श करने का प्रयास है। यह पाठ्यक्रम व पाठ्य-सामग्री प्राथमिक स्तर के शिक्षकों में कक्षा शिक्षण के लिए विषयगत तैयारी, विषय की प्रकृति की समझ व बच्चों एवं उनके गणित सीखने की प्रक्रिया की समझ विकसित करेगा। अच्छे शिक्षण के लिए गणित की अवधारणाओं की समझ होनी चाहिए। यह भी पता होना चाहिए कि गणित की प्रकृति क्या है? उसमें ज्ञान को मानने के आधार क्या हैं? और बच्चे इसे कैसे सीखते हैं? 

          हाल में हुए शोधों के आधार पर, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005 और बिहार पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2008 में यह पुरजोर वकालत की गई है कि बच्चे जिज्ञासु होते हैं, लगातार सीखते हैं एवं स्वयं ज्ञान का निर्माण करते हैं। वे स्कूत आने से पहले बहुत कुछ जानते हैं और उन्हें किसी भी हालत में कोरी स्लेट नहीं माना जाना चाहिए। हर बच्चा अपने सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश के कारण कुछ समान गुणों के होते हुए भी अलग है। शिक्षक को बच्चों की बात को समझना व उनकी पृष्ठभूमि को समझकर उनके ज्ञान का कक्षा में उपयोग करना सीखने में कई तरह से मदद करनी चाहिए।

उद्देश्य 

इस पाठ्यक्रम पर आधारित विषयवस्तु के शिक्षण के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-

दैनिक जीवन में गणित की अवधारणाओं का उपयोग कर पाने के कौशल विकसित करना एवं उससे कक्षा में बच्चों के सीखने में मदद लेने के तरीके सोचना। 

बच्चे क्या जानते हैं , इसके बारे में समझना।

गणित की बुनियादी अवधारणाएँ और इनकी सीखे जाने की प्रक्रिया समझना, यथा-संख्या व उससे जुड़ी अवधारणाएँ, मापन की समझ एवं आकड़ों का प्रस्तुतिकरण आदि। 

गणित सीखने की प्रक्रिया के मुख्य पहलुओं को समझना व विभिन्न प्रत्ययों को सिखाने के लिए संभव तरीके सोच पाना।

Click Here & Find More Notes.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें