कृपया इसे Bihar के दृष्टिकोंण में रखकर पढ़े।👓👀
व्याकुल है मन, कंठ सूखकर छलनी है होने वाला।
पप्पू प्यारे ये लो पैसे, जल्दी जाओ मधुशाला।।
मूंग दाल और आलू भुजिया, साथ मे दुइ ठो डिस्पोजल,
और ले आना गोल्ड फ्लैक का पैकेट भी छोटा वाला।
सोच रहा हूँ नीट पियूँगा बहुत दिनों से प्यासा हूँ,
घूंट गले से उतरे तब जाकर के कहीं बुझे हाला।
ब्रांड बहुत पर भेद नहीं है जो मिल जाये वही सही,
'बूढा साधु', 'हस्ताक्षर' या मिल जाये 'कुत्ता काला'।
पियो मगर ये ध्यान रखो के, होश न खो बैठो ज़ालिम
यूँ ना हो कुत्ते मुंह चाटें, बिस्तर बना रहे नाला।
घर जाओ और जूते बजें फिर बापू बोलें नालायक,
नाम डुबा के खानदान का, कहाँ किया ये मुंह काला।
लेकिन ये क्या? ठेका तो है पांच मिनट की दूरी पर,
आधा घण्टा बीत गया है जाने कहाँ गया साला।
पप्पू प्यारा लौट के आया, मुँह लटकाये गर्दन तक,
कहा उधर तो पुलिस खड़ी है, बन्द पड़ी है मधुशाला।🍾
साभार:- Social Media.
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