ऑफिस में एक दोस्त है जिसकी शादी कुछ महीने पहले हुई। उसकी शादी में बाराती बनकर हमको भी जाना था। 10-15 दिन से बहुते उत्साहित थे कि वहां नागिन🐍 धुन पर जमकर डांस करने का मौका मिलेगा।
आखिरकार शादी वाला दिन भी आ गया और हम भी शाम तीन बजे अपना आलमारी खोले कोट पैंट निकालने के लिए। भैया के शादी में कोट हम बनारस में सिलवाये थे Raymonds के टेलर से, पूरा 15000 रुपया लगा कर। ससुरा कपड़ा से जादे सिलाइये लग गया था। आज पैसा वसूल करने का समय आ गया था।
इससे पहले जिस शादी में हम जाते थे वो अप्रैल, मई की गर्मी में होता था जिसके चलते कोट-पैंट हम कभी पहन नहीं पाते थे। एक बार कोशिश किये थे तो इतना पसीना से डुब गए थे की लग रहा था कि अभीये पानी मे से डूबा के निकाला गये हैं। उसके ऊपर से नागिन डांस कर-करके एतना धुर-माटी कर दिए थे कि Drycleaning वाला भी यह कहकर लौटा दिया कि धोबी से धुलवाने वाला कपड़ा धोकर हम अपना drycleaning वाला मशीन थोड़े खराब करेंगे। रेमंड टेलर वाला भी ससुरा, Nike, एडिडास टाइप सामने अपना प्रिंट नहीं लगाया था, अब क्या उसको हम सबके सामने चिल्लाते कि महंगा है कोट मेरा, सस्ता वाला नहीं समझो।
खैर!!!! उसकी बेइजत्ती करने के पहले ही हमको बढ़िया से सबके सामने बेइज्जत कर चूका था। वैसे मेरा हुलिया देखकर 15000 वाली बात भी नहीं ही मानता। एक तो बार बार मेरा टी शर्ट देख कर ससुरा मुस्कुरा रहा था, जबकि हम 220 रुपये लगाकर Reebok ब्रांड का खरीदे थे। बहुत बड़े अक्षर में लिखा भी था। समझ नहीं आया, फिर घर आके सोचे और स्पेलिंग चेक किये तो Reebuk लिखा हुआ था, स्पेलिंग मिस्टेक🤦 बताओ, कंपनी वाला यह सब भी कर दे रहा है।
खैर, आज मस्त स्मार्ट💁 बनके जाना था हमको। कोट-पैंट का क्रीज सलामत पाकर मन खुश हो गया। पैंट बहुत टाइट हो रही थी लेकिन फैशन है आजकल। कोट थोड़ा कन्धा पकड़ रहा था और हाथ का मूवमेंट हल्का सा रुक रहा था, पर हम भी सोच लिए थे कि स्मार्ट बनके ही जाना है, नहीं तो विशाल मेगामार्ट, पटना से खरीदा हुआ 5000 का कुरता पैजामा सेट भी था मेरे कलेक्शन में, बस कुरतवा उसका थोड़ा शाइन ज्यादा मारता था। बाकी फ़ोटो आपके साथ साझा कर रहे हैं।
टाइट कोट पैंट पहनकर शीशा में देखे तो बहुत फिट लग रहे थे। ऐसा फील हो रहा था कि लड़की लोग के लेग्गिंस जैसा कुछ पहन लिए हैं। साला, स्मार्ट दिखने के चक्कर में हॉट (HOT)🔥 दिखने लगे थे। लेकिन आजकल सब चलता है।
फिर फटाक से निकाले शू रैक से अपना favourite ली-कूपर का जूता जो हमको हमारे जन्मदिन पर गिफ्ट में मिला था और उसको हम सम्हाल कर रखे थे, वर्षों से। कौन दिया था ये मत पूछियेगा।
मजा और याद दोनों आ गया पहनकर। याद माने जो गिफ्टवा दिया था। लेकिन जैसे ही ऊ जुतवां पहनकर दो कदम आगे बढ़ाये कि जूता का पूरा सोल दो टुकड़ों में टूट गया। दूसरे पाँव का जूता देखे तो पूरा क्रैक कर गया।
"अरे साला, ई का हुआ रे"
पूरा दिमाग झनझना गया। इतना अफ़सोस हुआ कि क्या बताएं। इसीलिए कुछ भी भविष्य के लिए बचा कर रखने से कुछ मिलने वाला नहीं है। समझ गए अच्छे से हम ई जूता महाराज🙏 से।
स्मार्टनेस की वो क्या कहते हैं वही लग गयी। अब जूता कहाँ से लाएं ? ऑफिस वाला एक जूता था जो माइंस में पहनकर जाते हैं उसको पहनकर देखे तो लगा कि कोई पागल बारात जा रहा है। पूरे शरीर में जुतवा ही फुटेज ले रहा था। इसीलिए शायद फुटेज शब्द का आविष्कार हुआ होगा, foot जो है इसमें।
छोड़िये, ये सब बताकर क्या फायदा। हम तो फंस गए। बिना जूता के कोट पैंट चप्पल पर पहन कर भी चेक किये, लगा की भीख़ मांगने कोई आया है। बहुत टेंशन हो गया। स्पोर्ट्स वाला जूता भी निराश ही किया।
फिर याद आया कि नजदीक के दूकान से कोई नया जूता खरीद लेते हैं। देर ना करते हुए, पहुँच गए हम बिल्लो शू एंड अंडरगार्मेंट्स स्टोर ऐसा दुकान कसम से बता रहे हैं, कभी नहीं देखे थे, जिसमे चप्पल जूता और अंडरगार्मेंट्स मिलता हो। और नहीं तो और ऊ ससुरा बाहर में टांग दिया था लड़की लोग वाला चीज़, जिसके चलते थोड़ा शरम भी आ रहा था जाने में।
लेकिन मज़बूरी थी, क्या करते। सम्हाल कर दुकान में घुसने के चक्कर में एक ठो लड़की लोग वाला चीज़ माथा से टकरा ही गया और दुकान में बैठी दो लड़कियां हँस दी। "बहुत सीरियस रहने के कोशिश, के चक्कर में हमेशा इस बेरहम समाज नें मुझे जोकर ही माना।" ये डाइलॉग है जो हम लिखे हैं अपने लिए। कैसा हैं आप बताइयेगा।
छोड़िये, जूता खरीद लें। बिल्लो से बोले कि भाई बढ़िया 500 तक का कोई लेदर शू दिखाओ। फर्स्ट एटेम्पट में ही निकाल के लाया एकदम चमकदार जूता, जिसकी चमक देखकर मेरी निराश आँखें चमक गईं। पहनकर देखे जब तो मजा आ गया। बस 370 रुपया देकर पैक करवाये और निकल लिए घर के लिए। निकलते समय भी उ स्त्री लोग वाला चीज़ फिर माथा से टकरा गया। लड़की लोग फिर हँस दी, हम भी चिल्लाकर बोल ही दिए दुकानदार को कि अंडर-गारमेंट को अंदर रखो यार। टांग दिए हो, माथा पर। वो मेरी बात भी नहीं सुना।
खैर, हम मस्त तैयार होकर घर से निकल गए राजेशवा का बिआह, जिस मैरिज गार्डन में होना था। पहुंचे तो देखे कि बारात लग गयी थी और लौंडे नाचे पड़े थे। हम भी देर ना करते हुए शुरू हो गए। राजेशवा घोड़ी पर बैठा था। घोड़ी गीधरोईन टाइप थी। लग रहा था कि कहीं किसी रोड से पकड़कर ले आया था। हो सकता है तेज लगन के चलते नहीं मिल पायी होगी बढ़िया घोड़ी। उ घोड़ी ऐसी लग रही थी जैसे मुंह में राजश्री दबा कर पूछ रही हो हमसे कि "का भैवा, अपने टाइप माल हो का" ? घोड़ी से ध्यान हटाकर राजेशवा को देखने लगे।
राजेशवा ससुरा चेहरा ब्लीच कराके बानर लग रहा था लेकिन ठीक है, हमको क्या फर्क पड़ता, दुल्हन जाने जिसको राजेशवा मिलेगा। इसी बीच कौनो हमरे मुंह में डिस्पोजल गिलास लगा दिया, हम देखे भी नहीं और मार दिए एक शॉट में पूरा। दारु पे खर्चा किया था राजेशवा। लड़की मन लायक जो पा गया था।
अब काहें का शरीर रुके भाई। दे झमाझम डांस। बारात मंडप के पास आ गयी और मेरा पैर डांस इंडिया डांस वाला टेरेंस और उकर चेला सब से भी तेज चलने लगा। जयमाला के स्टेज के पहिले कौनो पागल कालीन टाइप कुछ बिछा दिया था। डांस में चूर हमको कुछ दिखा नहीं और हमर नैका जुतवा को भी नया ग्राउंड समझ में नहीं आया। अभी कुछ समझते कि ऐसा फिसलन हम मारे कि सीधे दुल्हन के सामने पटका गए। सकपका कर पीछे हट गये नहीं तो हमार जुत्ता से बेचारी का लहंगा का Accesories टूट जाता। इस फिसलन में चरचराते हुए मेरा टाइट पैंट भी धोखा दे दिया। हम अक-बक में जल्दी से उठकर ऐसे हंसने लगे कि जैस कीे हम जानकर ये स्टंट किये हों।
दुल्हन और उसकी सहेलियां हंसने लगीं और इधर मेरे दोस्त भी। बूढ़े-बुजुर्ग बोलने लगे कि पी-पाकर आ जाते हैं कहाँ से बद्तमीज लौंडे सब। अब हम क्या बताते सबको कि ई 400 वाला लेदर जुतवा चमकदार तो बहुत था पर उसका ग्रिप तनिक भी नहीं था। सस्ता के फेर में गाँजा हो गया। सूट भी फटा, इज्जत भी गयी और तो और ड्रोनवा भी वीडियो रिकॉर्डिंग कर लिया। बिना खाये, बस पीके घर लौट आये।
बहुत बार बुलाता है पर राजेशवा की बीबी से शरम के मारे कभी मिलने भी नहीं गए उसके घर। डर लगता है कि रिकॉर्डिंग में नया जूता के फेर में मेरा अंडरगारमेंट तो नहीं दिख गया। अब समझ में आया कि जूता और Undergarment एक ही दुकान में क्यों बेचता है ससुरा बिल्लो!!!
स्मार्ट, हैंडसम दिखने के फेर में मुंह दिखाने लायक ना रहे। कहते हैं समय सब जख्म भर देता है पर ख़तम दोस्त उसे हमेशा जिन्दा रखते हैं।
अमित रंजन✍️
👌😊👌
जवाब देंहटाएंWaah bahut shandaar ... रेमंड वाला नाइंसाफी किया जो टैग नही लगाया और दर्यक्लीनिक वाला धोबी का नाम लेकर बेज्जती कर डाला । वैसे नागिन धुन पर नाचने वाला वीडियो हो तो वह भी साझा किया जाय ।
जवाब देंहटाएंनीचे दिए गए लेख में नागिन डांस भी हैं और उसका वीडियो भी। शायद आपको अच्छा लगेगा।
हटाएंhttps://biswajeetk1.blogspot.com/2022/05/blog-post_3.html