सोमवार, 14 मार्च 2022

कभी मुझको अपनी गली में बुला कर तो देखो।

 कभी मुझको अपनी गली में बुला कर तो देखो, 

अपने आप को रंग-ए-मोहब्बत से सजा कर तो देखो।

 स्वयं ही हो जाएगी सुहानी यह होली, 

अपने आरिज़ पर मेरा रंग लगा कर तो देखो।



"आरिज़"عارض का अर्थ:-

cheek, गाल, कपोल।





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