छायांकन📸- विश्वजीत वर्मा
मोहब्बत💓 शहद जैसा होता है,
मीठा लेकिन चिपचिपा।
चींटी🐜 को ये आभास रहता है कि इसमें बहुत मीठास है और वो उसे खाने दौड़ पड़ती है।
फिर कुछ देर उसका रसास्वादन करने के उपरांत जब चींटी की अंतरआत्मा तृप्त हो जाती है तब वो वापस जाने को सोचती है,
लेकिन ये क्या!!!
पैर तो फँस चुके हैं।
वो पूरा जोर लगाती है निकलने के लिए, लेकिन जितना जोर लगाती है वह उससे ज्यादा ही उस शहद रूपी भवसागर🌊 में गहरी धंसती चली जाती है।
अंत में इसे ही वो नियति मान लेती है संघर्ष समाप्त हो जाता है एवं समर्पण हावी हो जाता है।
.....और बस रह जाता है एक दर्द भरा इन्तजार "मौत" का.....
साभार:- सोशल मीडिया
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