मंगलवार, 29 मार्च 2022

मईया यशोदा, ये तेरा नंदलाला।


मईया यशोदा देख तेरा नंदलाला,

हमकों तंग करें हैं रोज। 

पनिया भरन को जमुना में जाउ,

तोड़े मटकिया रोज। 


दही बेचन को घर से निकलु,

राह तके है रोज। 

ग्वाल सखा संग पाछे पड़,

छीने मटकिया रोज। 


मईया यशोदा देख तेरा नंदलाला,

हमकों बहुत सतावे रोज। 


लाला को थोड़ा समझा दे...

कान पकड़ के सबक सिखा दे। 

सासु ननदिया रार करे हैं,

हमको डांट पड़े हैं रोज।


यशोदा देख तेरा नंदलाला,

हमकों तंग करे हैं रोज। । 


माता यशोदा बोली- गुजरी

झूठ काहे को बोले?

लाला तो मेरो कहीं नहीं गयो,

सब मिल पीछे पड़ी हो रोज। 


मेरा सोय रहा नंदलाला,

झूठी करो शिकायत रोज।




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