सबसे पहले तो आप सभी को बिहार दिवस की शुभकामनाएं💐 सुबह से ही अनेक मित्रों का संदेश आ रहा था अधिकतर ने तो बिहार दिवस की शुभकामनाएं दी और कुछ ने तो कुछ टूटी-फूटी रचनाएं भेजीं। क्योंकि लगभग मित्रों को पता चल चुका है कि हम भी कुछ टूटी-फूटी रचनाएं लिखने✍️ लगे हैं। तो चलिए उस टूटी-फूटी रचनाओं को थोड़ा और तोड़-मरोड़ कर आप सभी के बीच साझा कर रहे हैं -
जहां मोहब्बत💗 में काट देते है पहाड़,
उसी मिट्टी को तो कहते है बिहार।
दिनकर की कलम से हूं,
महावीर एवं बुद्ध के विचारो से हूं।
कोई पूछता है तो कहता हूँ,
हां मैं बिहार से हूं।
हमारे पीछे का इतिहास देख लो,
आगे की तैयारी हूँ।
हां, मैं बिहारी हूं।
हां, मैं बिहारी हूं।
यह देश बना है,
जिस मिट्टी का।
उसका,
मैं हिस्सेदारी हूँ .!!!
बुद्ध, महावीर, चाणक्य एवं चंद्रगुप्त के
गौरव का अधिकारी हूँ।
हां, मैं बिहारी हूं।
हां, मैं बिहारी हूं।
बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।💐❤️
एक दोस्त ने तो पूरी भोजपुरी भाषा में ही अपनी बातें लिख दी थी उसका भी रसास्वादन कीजिए।
चाणक्य, आर्यभट्ट, के बुद्धि के हमहिं आधार हईं।
हाँ, हमहिं बिहार हईं।
हमहीं बिहार हईं।
विद्यापति, दिनकर, रेणु, ठाकुर भिखारी के,
कलमन✍️ के धार हईं
हाँ तs चिन्ह लीs
हमहीं बिहार हईं।
हमहीं बिहार हईं।
भोजपुरी, अंगिका, बज्जिका, मगही,
मैथली के सार हईं।
तs बुझs हमहीं बिहार हईं।
हमहीं बिहार हईं।
राष्ट्रवाद के पहिला क्रांति के,
हमहीं ललकार हईं,
तs मानs हमहीं बिहार हईं।
हमहीं बिहार हईं।
बिहार दिवस के अनघा बधाई आ शुभकामना💐 बा सबकेहुं के🙏❤️
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