मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022

मुहावरे (Idioms) BPSC मुख्य परीक्षा के अंतर्गत सामान्य हिंदी व्याकरण।

 


 मुहावरे (Idioms) 

मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है - बातचीत करना या उत्तर देना। हिन्दी भाषा में मुहावरा को 'वाग्धारा' कहते हैं लेकिन यह सामान्य बोलचाल की भाषा में अधिक प्रचलित नहीं है। 

मुहावरा क्या होता है? What is the Idioms?

जब कोई वाक्यांश अपने सामान्य अर्थ को छोड़ कर किसी विशेष अर्थ में रूढ़ हो जाता है उसे हम मुहावरा कहते है।

When a phrase gets stuck in a particular meaning leaving its general meaning, we call it an idiom.

 यदि उदाहरण की बात की जाए तो  'श्री गणेश करना' का अर्थ है- 'शुरू करना', 'ईद का चाँद होना' का अर्थ है- 'बहुत दिनों बाद दिखाई देना', 'चार चाँद लगाना' का अर्थ है 'प्रतिष्ठा बढ़ाना'

मुहावरे (वर्णक्रमानुसार) 

अ :- 
  • अक्ल का दुश्मन - मूर्ख 
  • अक्ल चरने जाना - बुद्धि की कमी होना 
  • अन्न - जल (या दाना - पानी) उठना - जीविका न रहना, रहने का संयोग न होना, तबादला या स्थान परिवर्तन होना 
  • अपना उल्लू सीधा करना - बेवकूफ बनाकर काम निकालना 
  • अपने पाँव में आप कुल्हाड़ी मारना - जान - बूझकर आफत में पड़ना 
  • अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना - अपनी तारीफ आप करना
  • अगिया बैताल- क्रोधी 
  • अढ़ाई चावल की खिचड़ी अलग पकाना - सबसे अलग रहना 
  • अंगारों पर पैर रखना - अपने को खतरे में डालना, इतराना 
  • अंगारों पर लोटना- क्रुद्ध होना 
  • अक्ल का अजीर्ण होना आवश्यकता से अधिक अक्ल होना (व्यंग्य) 
  • अक्ल दंग होना - चकित होना 
  • अक्ल का पुतला – बहुत बुद्धिमान 
  • अन्त पाना – भेद पाना 
  • अन्तर के पट खोलना - विवेक से काम लेना 
  • अक्ल के घोड़े दौड़ाना – कल्पनाएँ करना 
  • अपनी डफली आप बजाना - अपने मन की करना 
  • अन्धे की लकड़ी – एकमात्र सहारा 
  • अन्धों में काना राजा - अज्ञनियों में अल्पज्ञान वाले का सम्मान होना 
  • अंक भरना - लिपट लेना 
  • अंग टूटना - बहुत थक जाना 
  • अंकुश देना - दबाव डालना 
  • अंग में अंग चुराना- शरमाना 
  • अंग - अंग फूले न समाना - आनंदविभोर होना 
  • अंगार बनना - लाल होना, क्रोध करना 
  • अँचरा पसारना - माँगना, याचना करना 
  • अंडे का शाहजादा - अनुभवहीन 
  • अठखेलियाँ सूझना – दिल्लगी करना 
  • अँधेर नगरी - जहाँ धाँधली और अन्याय होता है 
  • अँधेरे मुँह - प्रातः काल, तड़के 
  • अक्ल पर पत्थर पड़ना - बुद्धिभ्रष्ट होना 
  • अड़ियल टट्टू - रूक - रूक कर काम करना 
  • अपना घर समझना - बिना संकोच व्यवहार 
  • अपना - सा मुँह लेकर रह जाना - शर्मिन्दा होना 
  • अपने पैरों पर खड़ा होना – स्वावलम्बी होना 
  • अड़चन डालना - बाधा उपस्थित करना 
  • अरमान निकालना - इच्छाएँ पूरी करना 
  • अरण्य चन्द्रिका – निष्प्रयोजन पदार्थ
आ :-
  • आकाश - पाताल एक करना - अत्यधिक उद्योग/परिश्रम करना 
  • आकाश से तारे तोड़ना - कठिन कार्य करना 
  • आकाश से बातें करना – बहुत ऊँचा होना 
  • आकाश छूना - बहुत ऊँचा होना 
  • आग का पुतला - क्रोधी 
  • आग पर आग डालना - जले को जलाना 
  • आग पर पानी डालना - क्रुद्ध को शांत करना, लड़नेवालों को समझाना-बुझाना 
  • आग पानी का बैर - सहज वैर 
  • आग बबूला होना – अति क्रुद्ध होना 
  • आग बोना – झगड़ा लगाना 
  • आग में घी डालना – झगड़ा बढ़ाना, क्रोध भड़काना 
  • आग लगाकर तमाशा देखना - झगड़ा खड़ाकर उसमें आनंद लेना 
  • आग लगाकर पानी को दौड़ना - पहले झगड़ा लगाकर फिर उसे शांत करने का यत्न करना 
  • आग लगने पर कुआँ खोदना - पहले से करने के काम को ऐन वक्त पर करने चलना 
  • आग से पानी होना - क्रोध करने के बाद शांत हो जाना 
  • आग में कूद पड़ना - खतरा मोल लेना 
  • आग उगलना- क्रोध प्रकट करना 
  • आन की आन में - फौरन ही 
  • आन रखना - मान रखना 
  • आटे - दाल का भाव मालूम होना - सांसारिक कठिनाइयों का ज्ञान होना 
  • आटे - दाल की फिक्र होना - जीविका की चिन्ता 
  • आसमान दिखाना - पराजित करना 
  • आठ - आठ आँसू रोना-विलाप करना 
  • आड़े आना - नुकसानदेह 
  • आड़े हाथों लेना - झिड़कना, बुरा-भला कहना 
  • आस्तीन का साँप - कपटी मित्र 
इ, ई :- 
  • इधर - उधर करना टालमटोल करना 
  • इन्द्र का अखाड़ा - ऐश - मौज की जगह 
  • ईंट से ईंट बजना ध्वस्त होना 
  • ईंट का जवाब पत्थर से देना - दुष्ट के साथ दुष्टता करना 
  • ईद का चाँद होना बहुत दिनों के बाद दिखाई पड़ना 
उ, ऊ :-
  • उड़ती खबर - बे सिर पैर की बात 
  • उलटी गंगा बहना - अनहोनी होना 
  • उठते बैठते - हर समय 
  • उठ जाना - मर जाना 
  • उठा रखना - बाकी रखना 
  • उन्नीस बीस होना - बहुत कम अन्तर होना 
  • उल्लू सीधा करना - अपना स्वार्थ साधना 
  • उलटे छूरे से मूड़ना - बेवकूफ बनाकर लूटना 
  • ऊँचा-नीचा सुनाना - भला-बुरा कहना 
  • ऊँचा सुनना - कम सुनना 
  • उथल - पुथल मचाना - हलचल 
ए, ऐ :-
  • एक से तीन बनाना - खूब नफा करना 
  • एक लाठी से सबको हाँकना - उचित न्याय न करना 
  • एक आँख से देखना - समान भाव रखना 
  • एक आँख न भाना - तनिक भी अच्छा न लगना 
  • एक न चलना - कोई उपाय सफल न होना 
  • ऍड़ी - चोटी का पसीना एक करना - खूब परिश्रम करना  
ओ, औ :- 
  • ओखली में सिर देना - इच्छापूर्वक किसी झंझट में पड़ना, कष्ट सहने पर उतारू होना 
  • ओस के मोती - क्षणभंगुर 
क :-
  • कलई खुलना - भेद प्रकट होना 
  • कलम तोड़ना - खूब लिखना, अनूठी उक्ति लिखना, अनुपम रचना करना 
  • कलेजा फटना - दिल पर बेहद चोट पहुँचना
  • करवटें बदलना - बैचेन रहना 
  • काँटा विछाना - अड़चन डालना 
  • काला अक्षर भैंस बराबर - अनपढ़, निरा मूर्ख 
  • काँटे बोना - बुराई करना 
  • काँटो में घसीटना - संकट में डालना 
  • कमर बाँधना/कसना - दृढ संकल्प करना 
  • काठ मार जाना - स्तब्ध हो जाना 
  • काम तमाम करना - मार डालना, खत्म करना 
  • किनारा करना - अलग होना 
  • कौड़ी के मोल बिकना - बहुत सस्ता बिकना 
  • कागजी घोड़े दौड़ाना - व्यर्थ की लिखा-पढ़ी करना 
  • किरकिरा होना - आनन्द बिगड़ जाना 
  • कुत्ते की मौत मरना - बुरी तरह मरना 
  • कोदो देकर पढ़ना - अधूरी शिक्षा पाना 
  • कपास ओटना - सांसारिक काम - धन्धों में लगे रहना 
  • कीचड़ उछालना - निन्दा करना 
  • कोल्हू का बैल - खूब परिश्रमी 
  • किताब का कीड़ा होना - बराबर पढ़ते रहना 
  • कागज काला करना - बिना मतलब लिखना 
  • कौड़ी का तीन समझना - तुच्छ समझना 
  • कौड़ी काम का न होना - किसी काम का न होना 
  • कौड़ी-कौड़ी जोड़ना - छोटी-मोटी सभी आय को कंजूसी के साथ बचाकर रखना 
  • कचूमर निकालना - खूब पीटना 
  • कटे पर नमक छिड़कना - विपत्ति के समय और दुःख देना 
  • कन्नी काटना - आँख बचाकर भाग जाना 
  • कोहराम मचाना - दुःखपूर्ण चीख-पुकार 
  • किस खेत की मूली - अधिकारहीन, शक्तिहीन 
ख :-
  • खम खाना - दबना, नष्ट होना 
  • खटिया सेना - बीमार होना 
  • खरी-खोटी सुनाना - भला-बुरा कहना 
  • खाक में मिलना - बर्बाद होना 
  • खार खाना - डाह करना 
  • खेत आना - युद्ध में मारा जाना 
  • खटाई में पड़ना - झमेले में पड़ा रहना 
  • खा - पका जाना - बर्बाद करना 
  • खेल खेलाना - परेशान करना 
  • खाक छानना - भटकना, बहुत ढूँढना 
  • खुशामदी टट्टू - मुँहदेखी करना 
  • खूँटे के बल कूदना - किसी के भरोसे पर जोर या जोश दिखाना 
  • खून का प्यासा - जान मारने पर उतारू 
  • ख्याली पुलाव - सिर्फ कल्पना करना 
ग :-
  • गंगा लाभ होना - मर जाना 
  • गला छूटना - पिंड छूटना, मुक्त होना 
  • गीदड़ भभकी - मन में डरते हुए भी ऊपर से दिखावटी क्रोध करना 
  • गुड़ गोबर करना - बनाया काम बिगाड़ना 
  • गुड़ियों का खेल - सहज काम 
  • गुरुघंटाल – बहुत चालाक 
  • गूलर का फूल - दुर्लभ चीज 
  • गतालखाते में जाना - नष्ट होना 
  • गाँठ में बाँधना - खूब याद रखना  
  • गिरगिट की तरह रंग बदलना - एक बात पर न रहना 
  • गागर में सागर भरना - अधिक बात थोड़े में कहना 
  • गज भर की छाती होना - उत्साहित होना 
  • गड़े मुर्दे उखाड़ना - दबी हुई बात फिर से उभारना 
  • गाढ़े में पड़ना - संकट में पड़ना 
  • गोटी लाल होना - लाभ होना 
  • गुदड़ी का लाल - गरीब के घर गुणवान का होना 
  • गुल खिलना - विचित्र घटना होना, बखेड़ा होना 
  • गुस्सा पीना - क्रोध सहकर रह जाना 
  • गढा खोदना – हानि पहुँचाने का उपाय करना 
  • गूलर का कीड़ा - सीमित दायरे में भटकना  
घ :- 
  • घर का उजाला - कुलदीपक 
  • घर बसना - घर में पत्नी का आना 
  • घर का मर्द - बाहर डरपोक 
  • घर का न घाट का - निकम्मा, कहीं का न रहना 
  • घर का आदमी - कुटुम्ब, इष्ट-मित्र 
  • घात पर चढ़ना - तत्पर रहना 
  • घी के दिये जलाना - मनोरथ पूर्ण होना, आनन्द मंगल होना 
  • घाव पर नमक छिड़कना – दुःखित को और दुःख देना 
  • घात लगाना - मौक की तलाश में रहना 
  • घास खोदना – व्यर्थ काम करना 
  • घाट - घाट का पानी पीना - अच्छे - बुरे अनुभव रखना 
  • घाव हरा होना- भूले हुए दुःख को याद करना  
  • घोड़े बेचकर सोना - बेफिक्र होकर सोना 
च :-
  • चलता पुर्जा – काफी चालाक 
  • चाँद का टुकड़ा - बहुत सुन्दर 
  • चाँद पर थूकना - किसी बड़े पुरुष को कलंक लगाना 
  • चल निकलना - प्रगति करना, बढ़ना 
  • चार चाँद लगाना - चौगुनी शोभा या इज्जत होना 
  • चिकने घड़े पर पानी पड़ना - उपदेश का कोई प्रभाव न पड़ना 
  • चोली - दामन का साथ - काफी घनिष्ठता 
  • चुनौती देना - ललकारना 
  • चुल्लू भर पानी में डूब मरना - अत्यन्त लज्जित होना 
  • चैन की वंशी बजाना – सुख से समय बिताना 
  • चोटी का पसीना ऍड़ी तक बहना - खूब परिश्रम करना 
  • चण्डूखाने की गप - झूठी गप 
  • चार दिन की चाँदनी – क्षणिक सुख 
  • चम्पत हो जाना - भाग जाना 
  • चींटी के पर जमना - ऐसा काम करना जिसने हानि या मृत्यु हो 
  • चकमा देना - धोखा देना 
  • चाचा बनाना – दण्ड देना 
  • चरबी छाना - घमण्ड होना
  • चाँदी काटना - आनन्द से जीवन बिताना 
  • चाँदी का जूता - रुपये का जोर 
  • चूड़ियाँ पहनना - स्त्री की-सी असमर्थता प्रकट करना 
छ :-
  • छक्के छुड़ाना – खूब परेशान करना 
  • छठी का दूध याद करना – सुख भूल जाना 
  • छाती पर मूँग या कोदो दलना - कष्ट देना 
  • छः पाँच करना - आनाकानी करना 
  • छप्पर फाड़कर देना - बिना परिश्रम के देना, अनायास देना 
  • छाती पर साँप लोटना - किसी के प्रति डाह 
  • छोटी मुँह बड़ी बात - योग्यता से बढ़कर बोलना 
  • छाती पर पत्थर रखना - असह्य दुःख को दिल में ही दबा लेना 
  • जड़ उखाड़ना - पूर्ण नाश करना 
  • जंगल में मंगल करना - शून्य स्थान को भी आनन्दमय कर देना 
  • जबान में लगाम न होना – बिना सोचे-समझे बोलना 
  • जी का जंजाल होना - अच्छा न लगना 
  • जमीन का पैरों तले से निकल जाना - सन्नाटे में आना 
  • जमीन चूमने लगा - धराशायी होना 
  • जान खाना - तंग करना 
  • जी टूटना - दिल टूटना 
  • जी लगना – मन लगना 
  • जी खट्टा होना - खराब अनुभव होना 
  • जलती आग में तेल डालना - झगड़ा बढ़ाना 
  • जहर उगलना - चुभनेवाली बात कहना 
  • जीती मक्खी निगलना - जान-बूझकर बेईमानी या कोई अशोभनीय कार्य करना 
  • जमीन - आसमान एक करना - बहुत उपाय करना 
  • जी चुराना – कोशिश न करना 
  • जान पर खेलना - प्राण संकट में डालना 
झ:- 
  • झाड़ मारना - घृणा करना 

ट :- 
  • टका - सा जवाब देना - फौरन अस्वीकार कर देना 
  • टका - सा मुँह लेकर रह जाना - लज्जित हो जाना 
  • टट्टी की आड़ में शिकार खेलना - छिपकर बुरा कार्य करना
  • टाँग अड़ाना – दखल देना 
  • टाट उलटना – व्यापारी का अपने को दिवालिया घोषित कर देना 
  • टेढ़ी खीर – कठिन काम 
  • टें-टें - पों-पों- व्यर्थ हल्ला करना 
  • टुकड़ों पर पलना – दूसरों की कमाई पर गुजारा करना 
  • ठन - ठन गोपाल – मूर्ख , गरीब, कुछ नहीं 
  • ठगा - सा – भौंचक्का-सा 
  • ठठेरे - ठठेरे बदला - समान बुद्धिवाले से काम पड़ना 
ड:-
  • डूबते को तिनके का सहारा - संकट में पड़े को थोड़ी मदद
  • डींग हाँकना - शेखी बघारना
  • डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना - अलग-अलग होकर काम करना 
  • डोरी ढ़ीली करना - संभालकर काम न करना 
  • ढील देना - अधीनता में न रखना
  • ढेर करना - मारकर गिरा देना 
  • ढेर होना - मर जाना 
  • ढोल पीटना - जाहिर करना 
त :-
  • तह देना - दबा देना 
  • तह-पर-तह देना - खूब खाना 
  • तरह देना - ख्याल न करना 
  • तंग करना - हैरान करना 
  • तंग हाथ होना - निर्धन होना 
  • तलवे चाटना या सहलाना - खुशामद करना 
  • तिनके को पहाड़ करना - छोटी बात को बड़ी बनाना 
  • तिल का ताड़ करना - छोटी बात को बड़ी बनाना 
  • तीन तेरह करना या होना - नष्ट करना, तितर बितर करना 
  • तूती बोलना - प्रसिद्ध होना, खूब चलना 
  • ताड़ जाना - समझ जाना 
  • तुक में तुक मिलाना - खुशामद करना 
  • तेवर बदलना - क्रोध करना 
  • ताना भारना - व्यंग्य वचन बोलना 
  • ताक में रहना - खोज में रहना 
  • तारे गिनना - दुर्दशाग्रस्त होना, काफी चोट पहुंचना 
  • तोते की तरह आँखें फेरना - बेमुरौवत होना 
थ :-
  • थाली का बैंगन होना - जिसका विचार स्थिर न रहे। 
  • थूककर चाटना - प्रतिज्ञा भंग करना 
  • थू-थू करना - घृणा प्रकट करना 
द :-
  • दम मारना - विश्राम करना 
  • दम में दम आना - राहत होना 
  • दाल गलना - कामयाब होना, प्रयोजन सिद्ध होना 
  • दूज का चाँद होना - कम दर्शन होना 
  • दाँव खेलना - धोखा देना 
  • दिन दूनी रात चौगुनी - खूब उन्नति होना 
  • दिनों का फेर होना - बुरे दिन आना 
  • दीदे का पानी ढल जाना - बेशर्म होना 
  • दिमाग खाना - बकवास करना 
  • दिल बढ़ाना - साहस भरना 
  • दिल टूटना - साहस टूटना 
  • दूकान बढ़ाना - दूकान बंद करना 
  • दूध के दाँत न टूटना - ज्ञान और अनुभव का न होना 
  • दूध का दूध पानी का पानी - निष्पक्ष न्याय 
  • दायें बायें देखना - सावधान होना 
  • दिल दरिया होना - उदार होना  
  • दो कौड़ी का आदमी - गरीब, नालायक 
  • दो नाव पर पैर रखना - इधर भी, उधर भी, दो पक्षों से मेल रखना 
ध:-
  • धता बताना - टालना, भागना 
  • धरती पर पाँव न रखना - घमंडी होना
  • धाक जमाना - रोव होना 
  • धुँआ सा मुँह होना - लज्जित होना 
  • धूप में बाल सफेद करना - बिना अनुभव प्राप्त किये बूढा होना 
  • धूल छानना - मारे-मारे फिरना 
  • धोबी का कुत्ता - निकम्मा 
  • धोती ढीली होना - डर जाना 
न :-
  • नजर पर चढना - पसंद आ जाना 
  • नाच नचाना - तंग करना
  • नुक्ताचीनी करना - दोष दिखाना, आलोचना करना 
  • निन्यानबे के फेरे में पड़ना - धन जमा करने के चक्कर में पड़ना 
  • नौ दो ग्यारह होना - भाग जाना 
  • नजर चुराना - आँख चुराना 
  • नमक अदा करना - फर्ज पूरा करना, प्रत्युपकार करना 
  • नमक-मिर्चा लगाना - बढ़ा चढ़ाकर कहना 
  • नशा उतरना - घमण्ड उतरना 
  • नदी-नाव संयोग - ऐसी भेंट/मुलाकात जो कभी इत्तिफाक से हो जाय 
  • नसीब चमकना - भाग्य चमकना 
  • नींद हराम होना - तंग आना, सो न सकना 
  • नेकी और पूछ-पूछ - बिना कहे ही भलाई करना 
प :-
  • पगड़ी उतारना - इज्जत उतारना 
  • पगड़ी रखना - मान रखना 
  • पाकेट गरम करना - घूस देना 
  • पहलू बचाना - कतराकर निकल जाना 
  • पते की कहना - रहस्य या चुभती हुई काम की बात कहना 
  • पानी उतारना - बेइज्जत करना 
  • पानी का बुलबुला - क्षणभंगुर वस्तु 
  • पानी देना - तर्पण करना, सींचना 
  • पानी न माँगना - तत्काल मर जाना 
  • पानी पर नींव डालना - ऐसी वस्तु को आधार बनाना जो टिकाऊ न हो 
  • पानी-पानी होना – अधिक लज्जित होना 
  • पानी पानी करना - लज्जित करना 
  • पानी पीकर जाति पूछना - कोई काम कर चुकने के बाद उसके औचित्य का निर्णय करना 
  • पानी रखना - मर्यादा की रक्षा करना 
  • पानी में आग लगाना - असंभव कार्य करना 
  • पानी लगना (कहीं का) – स्थान विशेष के बुरे वातावरण का असर होना 
  • पानी करना - सरल कर देना 
  • पानी लेना - अप्रतिष्ठित करना 
  • पानी की तरह बहना - अन्धाधुन्ध करना 
  • पानी फिर जाना - बर्बाद होना 
  • पापड़ बेलना - दुःख से दिन काटना 
  • पोल खुलना- रहस्य प्रकट करना 
  • पौ बारह होना - खूब लाभ होना 
  • पेट में चूहे कूदना या दौड़ना - भूख से परेशान होना  
  • पीठ ठोंकना - साहस बँधाना 
  • पुरानी लकीर का फकीर होना/पुरानी पीटना – पुरानी चाल मानना 
  • पाँचो उँगलियाँ घी में - पूरा लाभ होना 
  • पैर पकड़ना - क्षमा चाहना 
  • पीठ दिखलाना – पलायन  
फ :-
  • फूला न समाना – काफी खुश होना 
  • फूलना-फलना – उन्नति करना 
  • फूटी आँखो न भाना - तनिक भी न सुहाना 
  • फफोले फोड़ना - वैर साधना 
  • फबतियाँ कसना - ताना मारना
  • फूंक-फूंक कर कदम रखना - सावधान होकर काम करना 
  • फूल झड़ना - मधुर बोलना 
ब :-
  • बगुला भगत - कपटी 
  • बगलें झाँकना - बचाव का रास्ता ढूँढ़ना 
  • बन्दर घुड़की देना - धमकाना 
  • बहती गंगा में हाथ धोना - वह मौका हाथ से न जाने देना जिससे सभी लाभ उठाते हों 
  • बाग-बाग होना - खुश होना 
  • बाँसो उछलना - काफी खुश होना 
  • बाजार गर्म होना- सरगर्मी होना, तेजी होना 
  • बात का धनी – वादे का पक्का, दृढ़प्रतिज्ञ 
  • बात की बात में - अतिशीघ्र 
  • बात चलाना - चर्चा करना 
  • बात न पूछना - निरादार करना 
  • बात पर न जाना — विश्वास न करना 
  • बात बनाना – बहाना करना 
  • बात रहना - वचन पूरा करना 
  • बातों में उड़ाना - हँसी-मजाक में उड़ा देना 
  • बात पी जाना - बर्दाश्त करना, सुनकर भी ध्यान न देना 
  • बायें हाथ का खेल – सरल होना 
  • बाल की खाल निकालना — छिद्रान्वेषण करना 
  • बालू की भीत - शीघ्र नष्ट होनेवाली चीज
  • बे सिर-पैर की बात - निराधार बात 
  • बोलबाला होना – प्रसिद्ध होना 
भ :-
  • भाड़े का टट्टू - गया बीता 
  • भींगी बिल्ली बनना – लाचार होना
  • भेड़ियाधसान होना – देखा-देखी करना
  •  भाड़ झोंकना - समय नष्ट करना
  •  भूत चढ़ना या सवार होना – किसी बात की जिद्दपकड़ना
  •  भारी लगना - असह्य होना
  •  भनक पड़ना - उड़ती हुई खबर सुनना 
म :-
  • मर मिटना - बर्बाद होना 
  • मांस नोचना – तंग करना 
  • मिट्टी के मोल बिकना - बहुत सस्ता होना 
  • मुट्ठी गरम करना - घूस देना 
  • मोम हो जाना - खूब नरम बन जाना 
  • मन फट जाना - विराग होना, फीका पड़ना 
  • मिट्टी में मिलना - नष्ट होना 
  • मन चलना - इच्छा होना
  • मन के लड्डू खाना – व्यर्थ की आशा पर प्रसन्न होना 
  • मैदान साफ होना - मार्ग में बाधा न होना 
  • मीन-मेख करना - व्यर्थ तर्क 
  • मैदान मारना - विजय प्राप्त करना 
  • मन खट्टा होना – मन फिर जाना 
  • मिट्टी पलीद करना – जलील करना 
  • मोटा आसामी – मालदार आदमी 
  • मुठभेड़ होना - मुकाबला होना 
य :-
  • यश गाना - प्रशसा करना, एहसान मानना 
  • यश मानना – कृतज्ञ होना 
  • युग-युग - बहुत दिनों तक 
  • युगधर्म – समय के अनुसार चाल या व्यवहार 
  • युगांतर - उपस्थित करना किसी पुरानी प्रथा को हटाकर उसके स्थान पर नई प्रथा चलाना 
र :-
  • रग जमना - धाक जमना 
  • रंग में भंग होना - आनन्द में बिध्न पड़ना 
  • रंग उतरना – फीका होना 
  • रंग लाना - प्रभाव दिखाना 
  • रंग बदलना – परिवर्तन होना 
  • रंगा सियार - ढोंगी 
  • रफूचक्कर होना – भाग जाना 
  • रसातल चला जाना - एकदम नष्ट हो जाना 
  • राई से पर्वत होना – छोटे से बड़ा होना 
  • रीढ़ टूटना - आधार समाप्त होना 
  • रोटियाँ तोड़ना - बैठे-बैठे खाना 
  • रोना रोना – दुखड़ा सुनाना 
ल :-
  • लँगोटी पर (में) फाग खेलना – अल्पसाधन होते हुए भी विलासी होना 
  • लाख से लीख होना – कुछ न रह जाना 
  • लाले पड़ना - मुँहताज होना
  • लुटिया डुबोना – काम बिगाड़ना 
  • लोहा बजना – युद्ध होना  
  • लेने के देने पड़ना – लाभ के बदले हानि 
  • लँगोटिया यार – बचपन का दोस्त 
  • लहू होना – मुग्ध होना 
  • लोहे के चने चबाना – कठिन काम करना 
  • लग्गी से घास डालना - दूसरों पर टालना 
  • लल्लो-चप्पो करना - खुशामद करना, चिरौरी करना 
  • लहू का घूंट पीना - बर्दाश्त करना 
  • लाल - पीला होना – रंज होना 
  • लोहा मानना - श्रेष्ठता स्वीकार करना 
व :-
  • वचन हारना - जबान हारना 
  • वचन देना – जबान देना 
  • वक्त पर काम आना - विपत्ति में मदद करना 
श :-
  • शर्म से गड़ जाना - अधिक लज्जित होना 
  • शर्म से पानी-पानी होना बहुत लजाना 
  • शान में बट्टा लगना - इज्जत में धब्बा लगना 
  • शेखी बघारना - डींग हाँकना
  • शैतान की आँत - बहुत बड़ा 
  • शैतान की खाला - झगड़ालू स्त्री 
  • शिकार हाथ लगना - असामी मिलना 
  • श्री गणेश करना - आरंभ करना  
ष :-
  • षट्रराग (खटराग) अलापना - रोना-गाना, बखेड़ा शुरू करना, झंझट करना 
स :-
  • सब्ज बाग दिखाना - बड़ी - बड़ी आशाएँ दिलाना 
  • सिक्का जमाना - प्रभुत्व जमाना 
  • सितारा चमकना या बुलंद होना - भाग्योदय होना 
  • सिप्पा भिड़ाना - उपाय करना 
  • सात-पाँच करना - आगे पीछे करना 
  • सुबह का चिराग होना - समाप्ति पर आना 
  • सैकड़ों घड़े पानी पड़ना - लज्जित होना 
  • सन्नाटे में आना/सकते में आना - स्तब्ध हो जाना 
  • सब धान बाईस पसेरी - सबके साथ एक-सा व्यवहार, सब-कुछ बराबर समझना 
ह :-
  • हाथ के तोते उड़ना - अचानक शोक-समाचार सुनकर स्तब्ध हो जाना 
  • होश उड़ जाना - घबड़ा जाना 
  • हक्क बक्का रह जाना - भौंचक रह जाना 
  • हजामत बनाना - ठगना 
  • हवा लगना - संगति का प्रभाव (बुरे अर्थ में) 
  • हवा खिलाना – कहीं भेजना 
  • हड्डी पसली दुरुस्त करना - खूब मारना 
  • हड़प जाना - हजम कर जाना 
  • हल्का होना - तुच्छ होना, कम होना 
  • हजामत बनाना – ठगना, लूटना 
  • हल्दी-गुड़ पिलाना – खूब मारना (Khoob Maarana)
  • हवा पर उड़ना - इतराना 
  • हथियार डाल देना - हार मान लेना 
  • हृदय पसीजना - दयार्द्र होना, द्रवित होना 

CLICK Here For BPSC Videos



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें