कोई भी लेखक या वक्ता यदि अपनी भाषा में सुदृढ़ता, गाम्भीर्य लाना चाहता है तो ऐसी सामासिक पद्धति का प्रयोग करे जिससे श्रोता कम-से-कम समय में अधिक-से-अधिक भाव ग्रहण कर सके। समास, तद्धित और कृदन्त द्वारा वाक्य को संक्षिप्तता प्रदान की जा सकती है।
निम्नलिखित वाक्य खण्डों के संक्षिप्त रूप को याद करने से कम-से-कम शब्द लिखकर अधिकाधिक भाव पैदा किया जा सकता है।
१. जिसने इन्द्रियों को जीता है। - जितेन्द्रिय
२. जिसका जन्म उच्च कुल में हुआ हो। - अभिजात
३. जो बायें हाथ से तीर चलाता है। - सव्यसाची
४. जो ईश्वर में विश्वास करता है। - आस्तिक
५. जो जानने को उत्सुक हो। - जिज्ञासु
६. जो व्याकरण जानता हो। - वैयाकरण
७. जो पहले कभी नहीं सुना गया। - अश्रुतपूर्व
८. जो शक्ति का उपासक है। - शाक्त
९ . जिसमें कलंक नहीं है। - निष्कलंक
१०. देने की इच्छा - दित्सा
११. जान से मारने की इच्छा - जिघांसा
१२. प्रिय बोलने वाला - प्रियम्बद
१३. जहाँ अनेक नदियों का संगम हो - संगम
१४. तीनों कालों को देखने वाला - त्रिकालदर्शी
१५. दो वेदों को जानने वाला - द्विवेदी
१६. आगे की बात सोचने वाला - अग्रसोची
१७. अपने को पण्डित मानने वाला - पण्डितम्मन्य
१८. जिसके पाणि में चक्र है - चक्रपाणि
१ ९ . जिसके पाणि वज्र है - वज्रपाणि
२०. जिसे दश मुख हैं - दशमुख
२१. जिसके आने की तिथि न हो - अतिथि
२२. जिसके समान दूसरा न हो - अद्वितीय
२३. जिसके हृदय में ममता नहीं - निर्मम
२४. जिसके हृदय में दया नहीं है। - निर्दय
२५. जानने की इच्छा - जिज्ञासा
२६. जिसकी गर्दन सुन्दर हो - सुप्रीव
२७. जो भूमि को धारण करता है - भूधर
२८. जिसके दो पैर हैं - द्विपद
२ ९ . जो सर्वशक्ति सम्पन्न है। - सर्वशक्तिमान
३०. जिसके चार पैर है - चतुष्पद
३१. जो ईश्वर में विश्वास नहीं करता - नास्तिक
३२. जिसका जन्म दो बार होता है - द्विज
३३. जिसका कोई शत्रु नहीं जन्मा हो - अजातशत्रु
३४. जिसका पति मर गया हो - विधवा
३५ . जिसकी पत्नी मर गई हो - विधुर
३६. जिसका जन्म पीछे हुआ - अनुज
३७. जिसका जन्म पहले हुआ हो - अग्रज
३८. जिसका दूसरा उपाय नहीं है। - अनन्योपाय
३ ९ . जिसकी उपमा नहीं है। - अनुपम
४०. ऐसा व्यक्ति जो यश वाला हो - यशस्वी
४१. जिसने बहुत कुछ सुना या देखा है - बहुदर्शी
४२. जो अपमानित हो चुका है - अनादृत
४३. जो गाया नहीं गया हो - अगीत
४४. कंठ तक डूबा हुआ - आकंठनिमग्न
४५. सिर से पैर तक - आपादमस्तक
४६. अतिथि सत्कार की भावना - भावना आतिथ्य
४७. जिसकी आलोचना की जाय - आलोच्य
४८. ईर्ष्या के योग्य - ईष्येय
४ ९ . किसी की हँसी उड़ाना - उपहास
५०. उपकार करने की इच्छा - उपचिकीर्षा
५१. ऊपर की ओर जाने वाला - उर्ध्वमुखी
५२. गायों के रहने की जगह - गोशाला
५३. जिसका अंग-अंग गल चुका हो - गलितांग
५४ , तैरने की इच्छा - तितीर्षा
५५. जिसको दबाना कठिन हो - दुर्दम्य
५६. अंगूर से बनाई गई औषधि - द्राक्षासव
५७. जो वस्तु देवता पर चढ़ चुकी है। - निर्माल्य
५८. नवविवाहित स्त्री - नवोढ़ा
५९. प्रिय बोलने वाली स्त्री - प्रियम्बदा
६०. तुरत उत्पन्न होने वाली सूझ - बूझ - प्रत्युत्पन्नमतित्व
६१. जिस स्त्री का पति विदेश में रहता हो - प्रोषितपतिका
६२. जो दूसरों से आगे बढ़ने का प्रयत्न करता हो - प्रतिस्पर्द्धा
६३. पिता का भाई - पितृव्य
६४. जोरों की भूख - बुभुक्षा
६५. भार से दबा हुआ - भाराक्रान्त
६६. सौतेला भाई - भिन्नोदर
६७. मछली मारकर बेचकर जीने वाला - मत्स्यजीवी
६८. कम बोलने वाला - मितभाषी
६९ . जिसमें अधिक मांस हो - मांसल
७०. महान स्त्री - महीयसी
७१. वह स्त्री जिसका बच्चा मर गया है। - मृतवत्सा
७२. मछली की तरह आँखों वाली स्त्री - मीनाक्षी
७३. मछली खानेवाला - मत्स्याशन
७४. विवाह में मिला हुआ धन - यौतुक
७५. संभोग की इच्छा - रिरंसा
७६. बिना पत्नी के साथ - विपत्नीक
७७. बहुत बोलने वाला - वाचाल
७८. व्यर्थ की बहस - वितंडावाद
७९ . बहुत अधिक घृणा - वितृष्णा
८०. जिसके कंधे बैल की तरह मजबूत हों - वृषभस्कंध
८१. जिसका विज्ञापन प्रकाशित हो चुका हो - विज्ञापित
८२. सोने का कमरा - शयनागार
८३. पत्नी के साथ - सपत्नीक
८४. जो स्वयं भोजन बनाकर खाता हो - स्वयंपाकी
८५. जो स्वयं पैदा हुआ हो - स्वयंभू
८६. जिसका हृदय पत्थर के समान हो - संगदिल
८७. अच्छी आँखों वाली स्त्री - सुलोचना
८८. अपने ही सुख के लिए - स्वान्तः सुखाय
८ ९ . एक हाथ से जो दूसरे हाथ में चला गया है - हस्तान्तरित
९ ० . जिसे देख या सुनकर हँसी आवे - हास्यास्पद
९ १ . जिसका हाथ तेजी से चले - क्षिप्रहस्त
९ २ . ज्ञान देने वाली - ज्ञानदा
९३. जो ज्ञान में बड़ा हो - ज्ञानज्येष्ठ
९ ४ . बहुत अधिक जानने वाला - ज्ञानी
९५ . बालक से वृद्ध तक - आवाल वृद्ध
९ ६ . जिसकी बाँहें अधिक लम्बी हों - प्रलम्बबाहु
९ ७ . सरस्वती का भक्त - सारस्वत
९ ८ . जो जरायु (गर्भ की थैली) से जनमता हो - जरायुज
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