गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022

हिन्दी के अवतरणों का सार लिखना. Summary of Hindi Quotations.


निम्नलिखित अवतरण का एक-तिहाई शब्दों में सार लिखते उसका उपयुक्त शीर्षक दीजिए :-

Summarizing the following passage in one-third words, give its appropriate title :-

Q.- "वैज्ञानिक प्रयोग की सफलता ने मनुष्य की बुद्धि का अपूर्व विकास कर दिया है। द्वितीय महायुद्ध में एटम बम की शक्ति ने कुछ क्षणों में ही जापान की अजेय शक्ति को पराजित कर दिया। इस शक्ति की युद्धकालीन सफलता ने अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रान्स आदि सभी देशों को ऐसे शस्त्रास्त्रों के निर्माण की प्रेरणा दी कि सभी भयंकर और सर्वविनाशकारी शस्त्र बनाने लगे। अब सेना को पराजित करने तथा शत्रु - देश पर पैदल सेना द्वारा आक्रमण करने के लिए शस्त्र निर्माण के स्थान पर देश के विनाश करने की दिशा में शस्त्रास्त्र बनने लगे हैं। इन हथियारों का प्रयोग होने पर शत्रु- देशों की अधिकांश जनता और संपत्ति थोड़े समय में ही नष्ट की जा सकेगी। चूंकि ऐसे शस्त्रास्त्र प्रायः सभी स्वतन्त्र देशों के संग्रहालयों में कुछ न कुछ आ गये हैं, अतः युद्ध की स्थिति में उनका प्रयोग भी अनिवार्य हो जायेगा। अत: दुनिया का सर्वनाश या अधिकांश नाश तो अवश्य हो ही जायेगा। इसीलिए निःशस्त्रीकरण की योजनाएँ बन रही हैं। शस्त्रास्त्रों के निर्माण में जो दिशा अपनाई गई, उसी के अनुसार आज इतने उन्नत शस्त्रास्त्र बन गये हैं, जिनके प्रयोग से व्यापक विनाश आसन्न दिखाई पड़ता है। अब भी परीक्षणों की रोकथाम तथा बने शस्त्रों को रोकने के मार्ग खोजे जा रहे हैं। इन प्रयासों के मूल में एक भयंकर आंतक और विश्व विनाश का भय कार्य कर रहा है। 

Ans.-

निःशस्त्रीकरण  की आवश्यकता

     वैज्ञानिक सफलताओं से शस्त्रास्त्रों का बड़े पैमाने पर निर्माण सुलभ करवाया, द्वितीय विश्वयुद्ध में अमेरिका द्वारा अटॉमिक बम से प्राप्त की गई विध्वंसक सफलता के परिणामस्वरुप अन्य सभी देश भी ऐसे शस्त्रास्त्रों के निर्माण के लिए प्रेरित हुए ये शस्त्रास्त्र असीम विध्वंस करने में सक्षम हैं और पूरे देश को कुछ ही देर में तबाह कर सकते हैं चूंकि यह शस्त्रास्त्र लगभग हर देश के पास है तो व्यापक विनाश की सम्भावनायें बढ़ गईं हैं इन शस्त्रास्त्रों के प्रयोग और परीक्षण रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।


 Q.- समय का आदर करना ही उसका सदुपयोग करना है। जो व्यक्ति समय की सही कीमत जान लेता है। यही जीवन में सफलता प्राप्त कर पाता है। यह धन से भी अधिक महत्त्वपूर्ण है। धन खोने पर वापस पाया जा सकता है। परंतु बीता हुआ समय नही लौटाया जा सकता है छात्रों के जीवन में इसका अधिक महत्व है। जो छात्र इस उम्र में समय की कद्र करना सीख जाते हैं वह भविष्य में तरक्की की ऊचाईयों को छू लेते हैं। चाणक्य, गाँधी जी, अशोक आदि ने समय का सदुपयोग कर अपने पैरों के निशान छोड़ दिए। जीवन का प्रत्येक क्षण भविष्य का निर्माता हैं। लोग इसके महत्व को नहीं समझ पाते, वे केवल हाथ मलते रह जाते हैं। हम चाहे विश्राम कर लें परन्तु समय कभी विश्राम नहीं करता। समय के प्रति सजगता मानव जीवन के लिए उपयोगी है। अतः छात्रों को समय की कीमत पहचानकर इसका सार्थक उपयोग करना चाहिए।

Ans.-

समय का महत्व

         समय को महत्वपूर्ण समझते हुए इसका सदुपयोग करने वाले ही सफल होते हैं, समय धन से भी अधिक मूल्यवान है, छात्रों के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है अशोक, गांधी जैसे महापुरुष समय का सदुपयोग करके हमारे आदर्श बने समय सदैव गतिशील हैं, इसका महत्व न समझने वालों को पछताना पड़ता है छात्रों को विशेष रूप से समय के प्रति सजग रहना चाहिए।


Q.- साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है। ऐसी जिंदगी की सबसे बड़ी बात यह है कि वह बिलकुल निडर, बिलकुल बेखौफ होती है। साहसी मनुष्य की पहली पहचान है कि वह इस बात की चिंता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं। दूसरों की परवाह किए बगैर जीने वाला आदमी दुनिया की असली ताकत होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी ऐसे ही आदमी से मिलता है साहसी मनुष्य उन सपनों में भी रस लेता है जिनका कोई व्यावहारिक अर्थ नहीं है। साहसी मनुष्य सपने उधार नहीं लेता, वह अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पढ़ता है। झुंड में चलना और झुंड में चरना तो भैंस और भेड़ का काम है। साहसी मनुष्य तो सिंह के समान होता है जो अकेला होने पर भी मग्न रहता है। अर्नोल्ड बेनेट ने एक जगह लिखा "जो आदमी उपयुक्त समय मिलने पर भी साहस से काम न ले सका, वह कभी सुखी नहीं हो सकता है।" समय पर साहस ना दिखाने वाला व्यक्ति अपने भीतर एक आवाज़ सुनता है जो उसे बराबर कहती हैं, "तुम साहस नहीं दिखा सके, तुम कायर की तरह भाग खड़े हुए।"

Ans.- 

    साहसपूर्ण जीवन

       साहसपूर्ण जीवन निडर होता है साहसी मनुष्य, व्यक्ति दुनिया से प्रेरणा नहीं लेता, खुद ही वह अपना प्रेरणास्त्रोत होता है साहसी व्यक्ति को किसी अन्य की सहायता, साहचर्य या प्रेरणा की आवश्यकता नहीं होती, वह अपनी ही धुन में मग्न रहता है और अपने ही विचारों से सजग रहता है। अर्नोल्ड बेनेट ने लिखा है कि मनुष्य को सही समय पर साहस से कार्य करना चाहिए महत्वपूर्ण समय में साहस न दिखाने वाला व्यक्ति पछताता है।


Q.- जिस देश के निवासी अपने देश के कल्याण में अपना कल्याण, देश के अभ्युदय में अपना अभ्युदय, देश के कष्टों में अपने कष्ट और देश की समृद्धि में अपनी सुख - समृद्धि समझते हैं, वह देश उत्तरोत्तर उन्नतशील होता है, अन्य देशों के सामने गौरव से अपना मस्तक ऊँचा कर सकता है। देश की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए देशवासियों का देशभक्त होना नितान्त आवश्यक है। जिस देश में बालक, वृद्धि, नारियाँ और युवक अपने राष्ट्र की बलिवेदी पर अपने स्वार्थों को चढ़ाकर उस पर तन, मन, धन न्यौछावर कर देते हैं, वही देश शक्तिशाली होता है।


Ans.-

राष्ट्र कल्याण - मानव कर्तव्य 

            जिस देश के निवासी, बच्चे, युवक, नारियां निःस्वार्थ भाव के साथ देश की उन्नति को अपनी उन्नति मानते हैं और इसी भावना से कार्य करते हैं, वह देश निश्चित रूप से विश्व का गौरवशाली देश बनता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें