सवाल न करिए कि क्या किए जा रहे है।
हालात कुछ यूँ है कि फ़क़त लहू किए जा रहे है।।
किसी को तमन्ना हुई मेरे जनाजे की बहत।
मसलन तब से खुदकुशी किए जा रहे है।।
ये दुनिया अब फ़रेब लगने लगी है मुझे।
सो हम चेहरे पर दो चार चेहरे किए जा रहे है।।
मेरी शख़्सियत तो ना रही कभी ऐसी वैसी।
न जाने क्यूँ देख कर वो पर्दे किए जा रहे है।।
इब्तिदा से ही मुझसे हो कर कोई गुजरा नहीं।
तन्हाईयों में भी हम फ़क़त तन्हा किए जा रहे है।।
मुझको लगने लगा है डर मेहनती कुछ लड़के से बहत।
बाजारों में फंदे बेहद सस्ते किए जा रहे है।।
बिन दाद के लग रहा मुझे ये क्यूँ कामिल।
गूंगो में हम कीमती शेर ज़ाया किए जा रहे है।।
साभार:- सोशल मीडिया
🙏 sir thoda aapse baat karna chahte hain
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