सोमवार, 31 जनवरी 2022

कभी तो चाय पे बुलाया करो।


कभी तो चाय पे बुलाया करो।

  

 कभी तो चाय पे बुलाया करो, 

नजरों को नजरों से मिलाया करो।

राज दिल में जो दबी है, 

ज़ुबां पे तो लाया करो।

कभी तो चाय पे बुलाया करो॥ 


हमें परवाह हैं तेरी, 

कभी तो ये ख्याल करो।

दबी निगाहों से ही सही, 

कभी तो इजहार करो।


झूठा ही सही, 

कभी यूँ भी मुस्कुराया करो 

कभी तो चाय पे बुलाया करो ॥ 


दूर जो बैठे हो तो, 

कभी फोन भी घुमाया करो। 

बात दिल की जो भी हो, 

यूँ ही बताया करो। 


याद करते हो तो,

कभी ख़याबो में भी आया करो।

कभी तो चाय पे बुलाया करो।।

आरे!! कभी हमें भी तो चाय पे बुलाया करो।।


विनित कुमार✍️



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