- बिहार का प्रथम हिन्दी समाचार पत्र बिहार बंधु था जो केशवराम भट्ट के द्वारा वर्ष 1872 में पटना से प्रकाशित हुआ।
- गुरु प्रसाद सेन के द्वारा वर्ष 1875 में बिहार के पहले अंग्रेजी समाचार पत्र द बिहार हेराल्ड का प्रकाशन किया गया।
- पृथक बिहार के निर्माण में पत्रिका द बिहारी (वर्ष 1906 से प्रारंभ) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इसका प्रकाशन महेश प्रसाद द्वारा किया गया।
- बिहार का पहला हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सर्व हितैषी वर्ष 1880 में पटना से प्रकाशित हुआ।
- वर्ष 1917 में द बिहारी के स्थान पर सर्चलाइट का प्रकाशन प्रारम्भ हुआ, जिसके प्रथम संपादक सैयद हैदर हुसैन थे। सर्चलाइट ने सविनय अवज्ञा आंदोलन तथा भारत छोड़ो आंदोलन में भारतीयों के पक्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- दरभंगा से आर्यावर्त समाचार पत्र का प्रकाशन होता था।
- बिहार राज्य का पहला उर्दू समाचार पत्र नुरुल अन्वार था, जिसे आरा से मोहम्मद हाशिम द्वारा प्रकाशित किया जाता था।
- दरभंगा से एक साहित्यिक पत्रिका किरण का प्रकाशन होता था।
- असहयोग आंदोलन के दौरान मजहरूल हक द्वारा पटना से द मदरलैण्ड का प्रकाशन प्रारम्भ किया गया।
- बिहार के साहित्यकार एवं पत्रकार प्रो. अमलेंदु शेखर पाठक को मैथिली साहित्य में वर्ष 2017 के बाल साहित्य पुरस्कार हेतु चुना गया है। उन्हें यह पुरस्कार चर्चित उपन्यास लालगाछी हेतु प्रदान किया गया है।
- चंदन कुमार झा का चयन उनके कविता संग्रह धरतीस अकास धरि के लिए युवा पुरस्कार प्रदान किया गया।
- मिथिला चित्रकला की कलाकार श्रीमती बौआ देवी को वर्ष 2017 में पदम श्री पुरस्कार प्रदान किया गया है। ये मिथिला चित्रकला से लगभग 60 वर्षों से जुड़ी हुई हैं।
- 2021 में दुलारी देवी को बिहार की मशहूर लोककला मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। कर्पूरी देवी और महासुंदरी देवी के यहां बर्तन धोने व झाड़ू-पोंछा करने के दौरान ही उन्होंने पेंटिंग सीखना शुरु किया था। उनका जीवन और इस मुकाम तक पहुंचना किसी कहानी के जैसा ही है।
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