पितृ पक्ष मेला कृष्ण पक्ष की प्रथम तिथि से अमावस्या तक अर्थात् शारदीय नवरात्र से एक पखवाड़ा पूर्व पन्द्रह दिनों की अवधि के लिए इस मेले का आयोजन होता है, जिसे पितृ पक्ष के नाम से जाना जाता है। बंगाल में इसे महालया के नाम से भी जाना जाता है। इस मेले में देश-विदेश से आकर हिन्दू धर्मावलम्बी अपने पूर्वजों को स्मरण कर उनके मोक्ष हेतु श्राद्ध (पिण्डदान) करते हैं।
ऐसी मान्यता है कि यहाँ पिण्डदान करने से दिवंगत आत्मा को स्वर्ग मिलता है। यह पिण्डदान फल्गु नदी के किनारे विष्णुपद मन्दिर में किया जाता है। वैसे तो गया में पिण्ड दान वर्ष भर होता है परन्तु पितृ पक्ष में किये गये पिण्ड दान का विशेष महत्व है।
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