अंगिका शब्द अंग से बना है। अंग प्रदेश (वर्तमान में भागलपुर के आस-पास का क्षेत्र) में बोली जाने वाली भाषा को अंगिका नाम दिया गया है, जो भारतीय आर्य भाषा है। बिहार में अंगिका भाषा भागलपुर, मुंगेर, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार एवं अररिया जिले में बोली जाती है। अंगिका मैथिली की ही एक उप बोली है, जिसे भागलपुरी के नाम से भी जाना जाता है। अंगिका भाषा का प्राचीनतम उल्लेख वामन जयादित्य द्वारा रचित ग्रंथ काभिकावृति में मिलता है।
जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन द्वारा इस भाषा को छिका छिकी की संज्ञा दी गयी। अंगिका का पहला नाटक नरेश पाण्डेय चकोर द्वारा लिखा गया था, जिसका नाम सर्वोदय समाज है। डॉ. तेज नारायण कुशवाहा ने अंगिका बोली का इतिहास लिखकर इस भाषा को लोकप्रिय बनाने में बहुमूल्य योगदान दिया है। अंगिका भाषा में निर्मित पहली फिल्म खगड़िया वाली भौजी वर्ष 2007 में प्रदर्शित की गई।
अंगिका भाषा की रचनाएँ
रचनाकार कृति
- नरेश पाण्डेय विशाखा
- परशुराम ठाकुर। भाग्य - रेखा
- अमरेन्द्र। ढोल बजै दै , बतुरू के तुतरु
- अभयकांत चौधरी हमरो जीवन के हिलकोर
- जगदीश पाठक। तीरथ जतरा
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