बहुत ही कठिन हालातों से गुजर कर मिलती है कामयाबी और लोग एक पल में ही कह देते हैं इसकी किस्मत ही अच्छी थी.... मिडिल क्लास के सबसे निचले पायदान पर मौजूद लड़के सरकारी नौकरी की आस लगाए बैठे लाखों आकांक्षीयो की कहानी जो B.Ed. MBA, इंजीनियरिंग, मेडिकल एवं अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी करने में असमर्थ हैं। वो सरकारी जॉब पाने की ओर रुख करते हैं।
उन्हें उनके घरवालों से सिर्फ महीने का मकान किराया, घर के खेत में उपजी धान का चावल एवं गेहूं का आटा, माँ के हाथ का बना आचार, गैस भराने के लिए एवं लुसेंट किताब खरीदने के रुपए ही मिल सकता है।
उनके सामने इन सीमित संसाधनों से महीने निकालने की चुनौती पहले बनी रहती है। इस दौरान खाना बनाने में कितना कम समय खर्च हो इसका भी ध्यान रखना होता है। दाल भात एवं आलु का चोखा जिसे संक्षेप में वह D.V.C. कहते हैं एक ही समय में कैसे बनता है ये सिर्फ इनको पता है। ये उनका पसंदीदा Food Flavor होता हैं।
खाना जल गया हो या सब्जी में नमक कम हो या फिर चावल पका ही न हो, खाते समय सभी का स्वागत🙏 ऐसे किया जाता है मानो किसानों की मेहनत को कद्र करने का ठेका इन्हें ही मिला हो।
मां बाप के दर्द😓 को अपने सपनों🤩 में सहेजना कोई इनसे सीखे। सीखे, इनसे सीखे।
जिस समय नए जमाने के लड़के को बाइक, आइफोन, नई फिल्म, इत्यादि। के आने का इंतजार रहता है उस समय इन्हें खान सर का क्लास, प्रतियोगिता दर्पण, वैकेंसी, रिजल्ट आदि। का इंतजार रहता है।
जहां आज भी समाज में हमे जात-पात, धर्म, संप्रदायिकता का जहर🐍 विद्यमान है वहीं इनके कमरे में एक ही थाली में विभिन्न जाति एवं धर्मों का हाथ निवाले को उठाने के लिए एक साथ मिलता है। इससे बढ़िया समाजिक सौहार्द का उदाहरण कहीं और मिल ही नहीं सकता।
कुल मिलाकर इनका एक ही लक्ष्य है परीक्षा को पास कर मां-बाप को वो सबकुछ देना जिसके लिए वो एक दिन तरसे थे।
मुझे गर्व💪 है कि मैं भी ऐसे लड़कों में से हूं जो अपने सपनो को मंज़िल तक ले जाने में सफल होते है।
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