शुक्रवार, 7 जनवरी 2022

वाणावर महोत्सव जहानाबाद बिहार। Vanavar Festival Jehanabad Bihar.

 

वाणावर महोत्सव

        पर्यटन के मानचित्र पर यदि देखा जाये तो यह जहानाबाद जिले का गौरवशाली अतीत है। वाणावर को इतिहास में बराबर के नाम से भी जाना जाता है। 

     वाणावर पहाड़ी समूह प्राचीन मगध साम्राज्य के गौरवमयी विरासत का ही एक प्रतीक है, जिसके अन्तर्गत वाणावर एवं नागार्जुनी पहाड़ियाँ सम्मिलित हैं। वैसे तो इन पहाड़ी समूह में मूर्तिशिल्प, भित्तिचित्र एवं ललितकला के नायाब नमूने मिलते हैं परन्तु इस पहाड़ी समूह का सर्वप्रमुख आकर्षण यहाँ की गुफाएँ हैं। इसी गुफा के समीप सिद्धेश्वरनाथ मन्दिर के दक्षिण में पतालगंगा नामक जलाशय स्थित है। ग्रेनाइट की शैलों से निर्मित ये गुफाएँ लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व बनायी गयी थीं, जिनका अलंकरण एवं उच्च कोटि की पॉलिस इसके बिल्कुल नवीन होने का एहसास दिलाते हैं।


        सावन के महीने में यहाँ एक माह तक श्रावणी मेला लगता है जिसमें लाखों की संख्या में लोग आते हैं। सर्दी में कड़ाके की ठंड के बीच भी तीन चार माह तक विदेशी पर्यटकों और बौद्ध उपासकों से वाणवर का यह पहाड़ी इलाका गुलजार रहता है। श्रीलंका, म्यांमार, अमेरिका, जापान, भूटान, सिक्किम, चीन, आदि। देशों से बौद्ध उपासक यहाँ आते हैं। 
       वाणावर महोत्सव के माध्यम से ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों को प्रसिद्धि मिली। प्रारम्भ में यह महोत्सव दो दिनों तक ही चला, लेकिन महीनों चले प्रचार-प्रसार का नतीजा रहा कि, बोधगया और राजगीर आने वाले पर्यटकों का ध्यान इस ओर गया। सही मायने में इसके बाद से ही विदेशी पर्यटकों के यहाँ आने का सिलसिला शुरू हुआ।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें