गुरुवार, 6 जनवरी 2022

विक्रमशिला महोत्सव भागलपुर, बिहार। Vikramshila Festival Bhagalpur, Bihar.

 


विक्रमशिला महोत्सव 

         धर्मपाल (783-820) द्वारा स्थापित नालंदा विश्वविद्यालय के ही समान विश्व प्रसिद्ध विक्रमशिला विश्वविद्यालय को 1203 ई. में मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी ने किला समझकर ध्वस्त कर दिया था। तिब्बती ग्रंथों यह विश्वविद्यालय श्रीमद्विक्रमशीलदेव - महाविहार के नाम से प्रसिद्ध था। वर्तमान में इसके भग्नावशेष बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव (अंतीचक) में स्थित हैं। यह विश्वविद्यालय तंत्रवाद की शिक्षा के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध था। इसके साथ ही यहाँ वेद, वेदांत, उपवेद, हेतु विद्या, सांख्य, योग, व्याकरण, तत्व मीमांसा, , तर्कशास्त्र, चिकित्सा, शिल्पशास्त्र और अभिधम्म का अध्ययन किया जाता था। 

        इस विश्वविद्यालय में देश-विदेश के प्रकांड विद्वान विचारों का आदान-प्रदान करने आया करते थे, जहाँ देश ही नहीं बल्कि चीन, तिब्बत, वर्मा, जापान, मलेशिया, श्रीलंका, जावा, सुमात्रा, आदि। देशों के सैकड़ों ज्ञान पिपासु छात्र अध्ययन करते थे।

      इस प्रकार शिक्षा-जगत् में प्राचीन काल से अपनी वैश्विक पहचान रखने वाले विक्रमशिला विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यटकीय महत्व को देखते हुए बिहार सरकार ने वर्ष 2007 में पहली बार तीन दिवसीय विक्रमशिला महोत्सव का आयोजन किया गया।

         प्रत्येक वर्ष पर्यटन विभाग तथा जिला प्रशासन भागलपुर के संयुक्त तत्वाधान में इस महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिससे इस प्राचीन विरासत को एक नया आयाम मिला। इस महोत्सव में देश-विदेश के पर्यटक बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें