चम्पारण महोत्सव
चम्पारण शब्द दो शब्दों चम्पा और आरण्य से मिलकर बना है, जहाँ चम्पा एक फूल🌼 का सूचक है, वहीं आरण्य का अर्थ- जंगल🌳 होता है।
नेपाल की सीमा से लगे हुए बिहार राज्य के तिरहुत प्रमंडल के अन्तर्गत अवस्थित चम्पारण जिला एक ऐतिहासिक स्थल है। वर्तमान में चम्पारण पूर्वी चम्पारण (मोतिहारी) और पश्चिमी चम्पारण (बेतिया) के रूप में विभक्त है।
चम्पारण महोत्सव एक ऐसा महोत्सव है जो हमारी आजादी की संघर्ष गाथा को बयाँ करता है तथा अपनी आजादी🇮🇳 बनाये रखने की प्रेरणा देता है। यह महोत्सव संस्कृति, कला, परम्पराओं की प्रतिनिधि गतिविधिया तथा अपनी समृद्ध ऐतिहासिक गाथाओं को बयाँ करता है।
यह महोत्सव महान सम्राट अशोक के वैभवशाली राजनैतिक हस्तक्षेप का पाठ पढ़ाता है तथा राष्ट्र की एकता अखंडता को बरकरार रखने का जज्बा प्रदान करता है। यह बुद्ध के बताये मार्ग पर चलने तथा जीवन को संतुलित बनाने की प्रेरणा देता है।
केसरिया राष्ट्रीय महत्व का पुरातात्विक स्थल है। इसकी सतह पर राजनीति का पराक्रम अशोक की लाट (शिलालेख) के रूप में विराजमान है तो बोधिसत्व की करूणा इसके कण-कण और वातावरण में व्याप्त है। यह बापू की कर्मभूमि है। सत्य, अहिंसा के प्रणेता के रूप में सम्पूर्ण राष्ट्र को बापू के सत्याग्रह की याद दिलाता है।
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