शुक्रवार, 5 नवंबर 2021

लोकतन्त्र के मूल्य (Values of Democracy) D.El.Ed.2nd Year S-1 Unit-3. B.S.E.B. Patna.

 


      लोकतन्त्रीय पद्धति को अपनाने वाले व्यक्तियों के जीवन-दर्शन के कुछ मूल्य होते हैं जिनका पालन करना लोकतन्त्र की सफलता के लिए आवश्यक है। ये मूल्य निम्नलिखित हैं:- 

(1) सहनशीलता (Tolerance)- लोकतन्त्र का मूल मन्त्र है- 'जियो और जीने दो' (Live and Let Live)। इस मन्त्र के पालन के लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति को सहनशील होना चाहिए। यह तभी सम्भव है जब हम दूसरे व्यक्तियों के उचित विचारों को स्वीकार करना सीखें। हमें अपने विचारों को दूसरे पर थोपना नहीं चाहिए। व्यक्ति को कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि मेरा विचार या कार्य सही है और दूसरों के विचार या कार्य गलत हैं। 

(2) व्यक्ति का आदर (Respect of Individual)- लोकतन्त्र इस आस्था पर आधारित है कि मानव व्यक्तित्व अनन्त मूल्य का है। लोकतन्त्र में व्यक्ति की गरिमा को महत्ता प्रदान की गई है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को दूसरे व्यक्तियों को सम्मान एवं आदर प्रदान करना चाहिए। साथ ही उसे दूसरे व्यक्तियों के विकास में बाधा नहीं डालनी चाहिए वरन् उनके विकास में सहयोग प्रदान करना चाहिए। 

(3) परिवर्तन में आस्था (Faith in Change)- परिवर्तन लोकतन्त्र का आवश्यक गुण है। अतः लोकतन्त्र में आस्था रखने वाला व्यक्ति परिवर्तन में विश्वास करता है। वह परिवर्तनों के साथ अनुकूलन भी करता है। वह परिवर्तन का अन्धानुकरण (Blind imitation) भी नहीं करता है वरन् वह अपनी जाँच-पड़ताल करके उन्हें स्वीकार करता है। 

(4) समझाने-बुझाने से परिवर्तन (Change Through Persuation)- लोकतन्त्र में परिवर्तन या कोई विचार दूसरों पर बलपूर्वक नहीं लादे जाते वरन् विचार-विमर्श या समझा-बुझाकर उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार किया जाता है। लोकतन्त्र में परिवर्तन को संवैधानिक एवं शान्तिपूर्वक उपायों के माध्यम से लाने पर बल दिया जाता है। 

(5) सेवा (Service)- लोकतन्त्र का आधार सेवा है। लोकतन्त्रीय समाज में प्रत्येक व्यक्ति को स्वेच्छा से जनता की सेवा के लिए अर्पित करना चाहिए। रायबर्न (Ryburn ) का मत है- 

“लोकतन्त्र ऐसी व्यवस्था है जिसमें समाज के समस्त व्यक्ति साथ-साथ रहते हैं। इसमें प्रत्येक व्यक्ति समाज की तथा समाज प्रत्येक  व्यक्ति की अधिक सेवा करता है।" 

       लेख के अन्त में हम जॉर्ज काउण्ट्स (George Counts) के शब्दों में कह सकते हैं– "लोकतन्त्र सामाजिक सम्बन्धों की एक व्यवस्था है जो व्यक्ति तथा सामूहिक हित की उन्नति के लिए कार्य करती है। एक शब्द में लोकतन्त्र वह समाज है जिसमें सामान्य नारी एवं पुरुष अपनी पूर्णता प्राप्त करने के लिए अभिवृद्धित होते हैं। अतः लोकतन्त्र जनता का, जनता द्वारा तथा जनता के लिए एक समाज है।" इस प्रकार लोकतन्त्र सहयोग, सहकारिता, सहिष्णुता एवं त्याग पर आधारित जनता का एक समाज हैं।

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