लोकतन्त्रीय शिक्षा के प्रमुख प्रवेश द्वार निम्नलिखित हैं:-
1. लोकतन्त्रीय शिक्षा का प्रमुख लक्ष्य समस्त लोगों का कल्याण है।
2. यह न्याययुक्त ढंग से प्रत्येक बच्चे की सेवा करती है। इस कार्य में वह बुद्ध-लब्धि, प्रजाती, धर्म, सामाजिक स्थिति, आर्थिक स्थिति पर ध्यान नहीं देती है।
3. यह व्यवहार में मूलभूत स्वतन्त्रताओं का आदर करती है।
4. यह उन आर्थिक, सामाजिक तथा राजनैतिक स्थितियों के संरक्षण से सम्बन्धित है जो स्वतन्त्रता के उपभोग के लिए अनिवार्य हैं।
5. यह समुदाय के सभी सदस्यों को शिक्षा की नीतियों तथा लक्ष्यों के निर्धारण में भाग लेने की गारण्टी प्रदान करती है।
6. यह कक्षा कक्ष, प्रशासन तथा छात्र क्रियाओं में लोकतान्त्रिक विधियों का प्रयोग करती है।
7. यह अनुभव के माध्यम से शिक्षण प्रदान करती है।
8. यह सभी लोगों की बुद्धि का प्रयोग करती है। साथ ही यह उनको मुक्ति प्रदान करती है।
लोकतन्त्र में शिक्षा
(Education in a Democracy)
लोकतन्त्र में व्यक्ति की गरिमा होती है। प्रत्येक का समान महत्त्व होता है। हर एक व्यक्ति अपनी योग्यता एवं क्षमता के अनुसार अग्रसर हो सकता है। उसके व्यक्तित्व का विकास केवल उसी के लिए नहीं वरन् पूरे राष्ट्र के लिए एक अर्थ रखता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को विकास के लिए पूरा अवसर मिलना चाहिए। इसलिए आज लोकतन्त्र में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मौलिक अधिकार का रूप ग्रहण करता जा रहा है। लोकतन्त्र में शिक्षा इस कारण भी प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक अनिवार्य शर्त है कि वह इसको प्राप्त करके एक नागरिक के रूप में मतदाता तथा विधायक के रूप में सफलतापूर्वक कार्य कर सके। साथ ही नागरिक के रूप में व्यक्ति को राजनैतिक दल के कार्यक्रमों को बुद्धिमत्ता के साथ संचालित करने के लिए तैयार करना चाहिए। लोकतन्त्र में शिक्षा द्वारा नागरिकों को अपनी जीविका कमाने के लिए तैयार करना आवश्यक है। साथ ही वह नागरिकों को सामाजिक तथा अन्य प्रक्रियाओं में भाग लेने के लिए तैयार करे। इसके लिए शिक्षा उनमें विभिन्न अभिवृत्तियों, कौशलों तथा संवेगात्मक स्थिरता का विकास करे।
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