सोमवार, 1 नवंबर 2021

अधिगमकर्त्ता एवं अधिगम प्रक्रिया का बोध (UNDERSTANDING THE LEARNER AND LEARNING PROCESS) S-1 D.El.Ed. 2nd Year B.S.E.B. Patna.


       अपने जन्म के समय शिशु असहाय अवस्था में रहता है। वह दूसरों पर निर्भर रहता है। कालांतर में वही शिशु अनेक चीजें सीख जाता है। सीखने की यह प्रक्रिया जीवन पर्यन्त चलती रहती है। अधिगम अर्थात् सीखना प्राणियों का एक जन्मजात गुण है ।

          अधिगम एक अत्यधिक व्यापक संकल्पना है। मनुष्य अपने जीवन के प्रारम्भ से लेकर अंत तक प्रतिपल कुछ-न-कुछ सीखता रहता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने साथ कुछ अनुवांशिक विशेषताएँ (Genetic features) लेकर जन्म लेता है। इन विशेषताओं में बुद्धि एक ऐसी विशेषता है जो उसे अपने चारों ओर फैले वातावरण के साथ अतः क्रियाएँ करते हुए उसकी समस्त क्रियाएँ और व्यवहारों में परिवर्तन करने की शक्ति प्रदान करती है। वस्तुतः मनुष्य की अपने परिवेश से प्रभावित होकर अपने वंशानुक्रम के गुणों के अनुरूप व्यवहार में परिवर्तन करने की क्रिया ही अधिगम है।
      शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य बालकों को सिखाना और सीखने की ओर अग्रसर करना है।

अधिगम का अर्थ

(MEANING OF LEARNING)

         अधिगम किसी स्थिति के प्रति सक्रिय प्रतिक्रिया है। जैसे:- एक बालक जलती हुई मोमबत्ती की लौ छूने से जल जाता है। उसके लिए यह पहला कटु अनुभव होता है। दूसरी बार वह जलती हुई मोमबत्ती से दूर रहता है। बालक यह सीख जाता है कि लौ को हाथ लगाया जाएगा तो अवश्य ही जलने की पीड़ा उठानी पड़ेगी। इसी प्रकार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अनुभवों के माध्यम से एक व्यक्ति के व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन होते रहते हैं। अनुभवों द्वारा व्यवहार में होने वाले इन परिवर्तनों को साधारण रूप में सीखने की संज्ञा दे दी जाती है। 

सीखने की प्रक्रिया की यह बहुत ही सरल व्याख्या है ।

      अधिगम पूर्व अनुभव द्वारा व्यवहार में प्रगतिशील परिवर्तन है। इस आधार पर कहा जा सकता है। अधिगम ही शिक्षा है। अधिगम और शिक्षा एक ही क्रिया की ओर संकेत करते हैं। दोनों क्रियाएँ जीवन में सदा और सर्वत्र चलती रहती है। बालक परिपक्वता की ओर बढ़ता हुआ, अपने अनुभवों का लाभ उठाता हुआ वातावरण के प्रति जो उपयुक्त प्रतिक्रिया करता है, वहीं अधिगम है।

अधिगम की परिभाषाएँ

(DEFINITIONS OF LEARNING)

      "ब्लेयर, जोन्स और सिम्पसन के अनुसार- व्यवहार में कोई परिवर्तन जो अनुभवों का परिणाम है और जिसके फलस्वरूप व्यक्ति आने वाली स्थितियों का भिन्न प्रकार से सामना करता है, अधिगम कहलाता है।"
"Any Change of behaviour which is a result of experience and which causes people to face late situation diffcutly may be called learning. 
"Blair, Jones and Simpson."

गेट्स व अन्य के अनुसार– "अनुभव और प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में परिवर्तन लाना ही अधिगम हैं।" 
"Learning in the modification of behaviour through experience and training. 
"Gates and Others"

स्किनर के अनुसार- "सीखना, व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है।" 
"Learning is a process of progressive behaviour adaptation." 
-Skinner

वुडवर्थ के अनुसार— "नवीन ज्ञान और नवीन प्रतिक्रियाओं के प्राप्त करने की प्रक्रिया सीखने की प्रक्रिया है।
"The process of acquring new knowledge and new responces in the process of learning." 
-Woodworth

क्रो एवं क्रो के अनुसार– "अधिगम, आदतों, ज्ञान एवं अभिवृत्तियों का अर्जन है।" 
"Learning in the acquisition of habits, knowledge and attitudes." 
-Crow and Crow

गिलफोर्ड के अनुसार– "व्यवहार के परिणामस्वरूप व्यवहार में किसी प्रकार का परिवर्तन ही अधिगम है।" 
"Learning is any change in behaviour, resulting from behaviour." -Gilford

अधिगम की प्रकृति

( NATURE OF LEARNING )

      उपर्युक्त परिभाषाओं के अवलोकन विश्लेषण तथा व्याख्या से स्पष्ट है कि अधिगम प्रक्रिया की प्रकृति में निम्न बातें निहित हैं-

1. अधिगम एक सक्रिय प्रक्रिया है।

2. अधिगम व्यक्ति की क्रियाशीलता पर निर्भर होता है।

3. अधिगम विकास की प्रक्रिया है, जहाँ व्यक्ति को स्व-प्रयास करना पड़ता है।

4. अधिगम व्यक्ति के वातावरण के अनुरूप व्यक्ति में परिवर्तन लाता है। ये परिवर्तन स्थायी या अस्थायी हो सकते हैं।

5. अधिगम सहज क्रिया (Reflex Action) नहीं है।

6. अधिगम चेतना का परिणाम भी हो सकता है या जैविक व सामाजिक समंजन के लिए भी हो सकता है।

7. अधिगम सकारात्मक व नकारात्मक दोनों हो सकता है।

8. अधिगम व्यवहार में परिवर्तन की मानवीय क्रिया है।

9. अधिगम प्रक्रिया उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है।

10. अधिगम वर्तमान व्यवहार में परिवर्तन या नए व्यवहार के ग्रहण के साथ-साथ वर्तमान व्यवहार पर प्रतिबन्ध भी लगाता है।

11. अधिगम व्यक्ति को आवश्यक समायोजन और ग्राह्यता (Adjustment and adapility) के लिए तैयार करता है।

12. अधिगम का क्षेत्र बहुत व्यापक होता है जिसमें मानव व्यवहार के सभी क्षेत्र (संज्ञानात्मक, भावात्मक तथा अनुभवात्मक) सम्मिलित होते हैं।

13. अधिगम सार्वभौमिक एवं निरन्तर प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया जीवन पर्यन्त चलती रहती है।

14. क्रो एवं क्रो के अनुसार कार्य करने के तरीके अधिगम में सम्मिलित है, परन्तु इन नए तरीकों को सीखने के साधनों की कोई सीमा नहीं होती। अतः अधिगम के विभिन्न तरीके और विधियाँ होती हैं।

15. परिपक्वता, थकान, बीमारी, नशे आदि। के कारण व्यवहार में परिवर्तन का अधिगम से कोई सम्बन्ध नहीं होता।

अधिगम की विशेषताएँ

(CHARACTERISTICS OF LEARNING)

      योकम सिम्पसन (Yokom Simpson) और मुर्सेल (Mursel) के अनुसार अधिगम की विशेषताएँ निम्नवत् हैं-

1. अधिगम परिवर्तन है। (Learning is change)

2. अधिगम सम्पूर्ण जीवन चलता है। (Learning is long-life) 

3.सीखना विकास है। (Learning is growth)

4. सीखना अनुकूलन है। (Learning is adjustment)

5. सीखना सार्वभौमिक है। (Learning is universal)

6. सीखना नया कार्य करना है। (Learning is doing something new)

7. सीखना अनुभवों का सगठन है। (Learning is organisation of experiences)

8. सीखना उद्देश्यपूर्ण है। (Learning is purposive)

9 . सीखना विवेकपूर्ण है। (Learning is understanding)

10. सीखना सक्रियता है। (Learning is activeness)

11. सीखना व्यक्तिगत व सामाजिक दोनों है। (Learning is both individual and social)

12. अधिगम खोज है। (Learning is discovery)

13. अधिगम वातावरण की उपज है। (Learning is a product of environment)

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