मंगलवार, 2 नवंबर 2021

लोकतन्त्र का संप्रत्यय (Concept of Democracy) S-1 Unit-3. B.S.E.B. Patna.

 लोकतन्त्र का संप्रत्यय 
(Concept of Democracy)

       लोकतन्त्र, जनतन्त्र अथवा प्रजातन्त्र का अर्थ जनता का शासन है। लोकतन्त्र अंग्रेजी शब्द 'डेमोक्रेसी' (Democracy) का हिन्दी अनुवाद है। डेमोक्रेसी शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों 'डेमो' (Demos) और क्रेटोस या क्रेशिया (Kratos or Kratia) से बना है। डेमो का अर्थ है- जनता (People) और क्रेटोस या क्रेशिया का अर्थ है- शक्ति (Power)। इस प्रकार डेमोक्रेसी का अर्थ है- जनता की शक्ति। 

       अतः लोकतन्त्र से तात्पर्य उस शासन प्रणाली से है जिसमें शासन-शक्ति एक व्यक्ति या वर्ग विशेष में निहित न रहकर जनसाधारण में निहित होती है। वर्तमान में लोकतन्त्र को मात्र शासनतन्त्र के रूप में नहीं देखा जाता है, वरन् इसको विभिन्न रूपों-शासन व्यवस्था, समाज व्यवस्था, आर्थिक व्यवस्था, जीवन दर्शन आदि के रूप में में देखा जाता है। 

(अ) लोकतन्त्र शासन-व्यवस्था के रूप में (Democracy as a Form of Government):- शासन के रूप में लोकतन्त्र की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:- 

1. लोकतन्त्रीय शासन में जनता का प्रतिनिधित्व होता है। इसका आधार दैवीय न होकर लौकिक होता है। 

2. लोकतन्त्र जनता के सार्वजनिक हितों का संरक्षण करता है। 

3. लोकतन्त्र में सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी होती है। 

         लोकतन्त्रीय शासन-व्यवस्था को और अधिक स्पष्ट रूप में समझने के लिए हम कुछ परिभाषाओं की चर्चा करते हैं।

1. अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln) के अनुसार- “लोकतन्त्र शासन का वह रूप है जिसमें शासन जनता का जनता के लिए तथा जनता द्वारा होता हैं।" 

2. सीले (Seeley) के अनुसार- “लोकतन्त्रीय शासन वह है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का भाग होता है।" 

3. ब्राइस (Lord Bryce) के अनुसार- “लोकतन्त्र शासन का वह रूप है जिसमें राज्य की शासन-शक्ति किसी वर्ग विशेष अथवा वर्गों में निहित न होकर सम्पूर्ण समाज के सदस्यों में निहित होती हैं।"

4. डायसी के अनुसार- "लोकतन्त्र शासन का वह रूप है जिसमें शासक समुदाय सम्पूर्ण राष्ट्र का अपेक्षाकृत एक बड़ा भाग हो।" 

(ब) लोकतन्त्र एक सामाजिक व्यवस्था के रूप में (Democracy as a Social Order):- इस दृष्टि से लोकतन्त्र एक समाज है । ऐसे लोकतन्त्रों में प्रत्येक व्यक्ति को जाति , धर्म , लिंग के भेदभाव बिना सामाजिक जीवन में समानता की स्थिति प्राप्त होती है। 

5. हर्नशा (Hearnshaw) के अनुसार- “लोकतन्त्रीय समाज वह है जिसमें समानता के विचार की प्रबलता हो तथा उसमें समानता का सिद्धान्त प्रचलित हो।"

 6. डायसी (Dicey) के अनुसार- "लोकतन्त्र वह समाज है जिसमें अधिकारों की साधारण समानता तथा स्थिति की, विचारों की भावनाओं की तथा आदर्शों की समानता पायी जाती हो।" 

7. वुल्फ (Wolff) के अनुसार- “एक लोकतन्त्रीय समाज स्वतन्त्र, समान, सक्रिय तथा बुद्धिमान नागरिकों का वह समाज है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन का मार्ग स्वयं निर्धारित करता है और चाहता है कि दूसरे व्यक्ति भी अपने जीवन का मार्ग स्वयं निर्धारित करें।" 

(स) लोकतन्त्र आर्थिक व्यवस्था के रूप में (Democracy as a Economic Order):- आर्थिक लोकतन्त्र में प्रत्येक व्यक्ति को जीवनयापन के लिए न्यूनतम आर्थिक उपलब्धियों पर बल दिया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें बेरोजगारी के उन्मूलन, उचित वेतन, कार्य एवं अवकाश के अधिकार पर बल दिया जाता है। साथ ही इसमें राजनीतिक स्वतन्त्रता के लिए आर्थिक विषमता को दूर करने पर बल दिया जाता है। आर्थिक लोकतन्त्र इस विश्वास पर आधारित होता है कि आर्थिक समानता के न्याय के अभाव में राजनीतिक लोकतन्त्र कोरी कल्पना है। 

(द) लोकतन्त्र जीवन दर्शन के रूप में (Democracy as a Philosophy of Life):- लोकतन्त्र जीवन का एक दृष्टिकोण है । इसमें प्रत्येक व्यक्ति को अपने ढंग से रहने, सोचने आदि की स्वतन्त्रता रहती है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति को संस्कृति की छूट के साथ मूल अधिकार भी प्राप्त होते हैं। 

राधाकृष्णन् आयोग के प्रतिवेदन के अनुसार, "लोकतन्त्र जीवन का एक ढंग है, न कि मात्र राजनीतिक व्यवस्था। वह प्रजाति, धर्म, लिंग, व्यवसाय या आर्थिक स्थिति के भेदभाव के बिना समाज के सभी नागरिकों को समान स्वतन्त्रता तथा अधिकार प्रदान करने के सिद्धान्त पर आधारित है।" 

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