अभी लगेगा वक़्त तुम्हें,
गांधी की हस्ती मिटाने को।
सालों लगा दिए हैं तुमने,
इसके महत्व की सीमा घटाने को।
अभी लगेगा वक़्त......
वो हर बार वापस आता रहा,
हर ताकत से लड़ जाने को,
वो लूथर किंग बन लड़ता रहा,
अश्वेतों को हक़ दिलाने को।
अभी लगेगा वक़्त......
.
वो बन नेल्सन,
गिनता रहा अफ़्रीकी जेल दीवारों को।
जब इंदिरा ने ललकारा था,
प्रजातंत्र की बुनियादों को।
वो भागा-भागा आया,
जे.पी. बन इसे बचाने को।
अभी लगेगा वक़्त......
वो खड़ा हैं आज भी लिए कोई झंडा,
अपना हक मांगने को।
तुम्हारी सत्ता की गलियारों में,
उथल-पुथल है सुन उसकी बुलंद आवाजों को।
अभी लगेगा वक़्त तुम्हे,
गांधी की हस्ती मिटाने को।
सालों लगा दिए हैं तुमने,
इसके महत्व की सीमा घटाने को।
अभी लगेगा वक़्त......
साभार:- सोशल मीडिया
Edit & Modified:- विश्वजीत कुमार✍️
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें