सोमवार, 20 सितंबर 2021

अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस (International Peace Day) 21 September.



             अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस (International Peace Day) प्रत्येक वर्ष 21 सितम्बर को विश्व के सभी देशों और लोगों के बीच स्वतंत्रता, शांति और अहिंसा स्थापित करने के लिए मनाया जाता है। संघर्ष, आतंक और अशांति के वर्तमान दौर में अमन की अहमियत का प्रचार-प्रसार करना बेहद जरूरी और प्रासंगिक है। इसलिए विश्व शांति, सौहार्द फ़ैलाने एवं युद्ध तथा हिंसा से दूर रहने के प्रति जागरुकता फ़ैलाने के उद्देश्य से वर्ष 1982 से शांति दिवस मनाए जाने की शुरुआत की गई थी।

         वर्ष 2001 तक सितम्बर महीने का तीसरे मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जाता था लेकिन इसमें बदलाव करते हुए वर्ष 2002 से इसके लिए 21 सितम्बर का दिन घोषित कर दिया गया। इस दिन न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में लगी शांति घंटी बजाई जाती है। इस घंटी के एक तरफ लिखा हुआ है कि विश्व में शांति सदैव बनी रहे। इस घंटी की खासियत यह है कि यह अफ्रीका को छोड़कर सभी महाद्वीपों के बच्चों द्वारा दान किए गए सिक्कों से बनाई गई है जिसे जापान के संयुक्त राष्ट्र संघ ने उपहार में दिया था। दुनिया के सबसे पहचानने योग्य प्रतीकों में से एक "जैतून की शाखा के साथ कबूतर" (ज़ैतून अँग्रेजी नाम ओलिव (olive), वानस्पतिक नाम 'ओलेआ एउरोपैआ', (Olea europaea); प्रजाति ओलिया, जाति थूरोपिया; कुल ओलियेसी; एक वृक्ष है, जिसका उत्पत्तिस्थान पश्चिम एशिया है। यह प्रसिद्ध है कि यूनान के ऐटिका (एथेंस) प्रांत की पहाड़ियों में, चूनेदार चट्टानों द्वारा बनी हुई मिट्टी में, ज़ैतून के वृक्ष सर्वप्रथम पैदा किए गए।)

            अप्रैल 1949 में पेरिस में विश्व शांति कांग्रेस के लिए प्रतीक के रूप में चुना गया था। यह विख्यात चित्रकार पिकासो के लिथोग्राफ, ला कोलोम्बे (द डव) से लिया गया है जो एक कबूतर की एक पारंपरिक, यथार्थवादी तस्वीर है। शांति के पक्षकार पिकासो ने अपने चौथे बच्चे का नाम 'पालोमा' रखा, जो कबूतर के लिए स्पेनिश शब्द है। 

         संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2021 के अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस की थीम रखी है- 

"Recovering Better for an Equitable and Sustainable World". 


एक न्यायसंगत और सतत विश्व के लिए बेहतर पुनर्प्राप्ति"।



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें