शनिवार, 25 सितंबर 2021

आसान है क्या? एक कलाकार बन जाना !!! (Aashan hai Kya? Ek kalakar ban jana !!!)

आसान है क्या? एक कलाकार बन जाना !!!

रात-रात भर जागकर, चार्ट पेपर पर ड्राइंग बनाना।

शाम होते ही सीधे पटना जंक्शन, स्केचिंग करने पहुंच जाना।

सुबह उठकर, क्लासरूम की ओर दौड़ लगाना।

क्या ब्रेकफास्ट?? क्या लंच?? और क्या डिनर??, 

बस मैग्गी से ही काम चलाना।

आसान है क्या? एक कलाकार बन जाना!!!


एक खत्म हो तो दूसरे प्रोजेक्ट का, फिर से चले आना।

लाख पढ़ने पर भी पता नहीं क्यों, अच्छे नंबर नहीं आना।

हर दिन कैसे पी लें दारु, कोई ना कोई बहाना बनाना।

फिर रात-भर बैठकर, फ़ालतू का बतियाना।

आसान है क्या? एक कलाकार बन जाना!!!


टेंशन में बस चाय की चुस्कियां लगाना,

सुर ना होते हुए भी, गलत-सलत गुनगुनाना।

ख्यालों में क्लास की सबसे खुबसुरत लड़की का, बॉयफ्रेंड बन जाना।

फिर दोस्तों को उसके नाम की, बियर पिलाना।

आसान है क्या? एक कलाकार बन जाना!!!


मोटी-मोटी ड्राइंग की किताबों को, भले ही जोश में खरीद लाना।

पर स्केचिंग करने के नाम पर, एकदम से सहम जाना।

अंतिम समय में लाचार होकर, दोस्त के नोट्स से ही काम चलाना।

पांचो साल बस पास कर जाएँ, उसी का जुगाड़ लगाना।

आसान है क्या? एक कलाकार बन जाना!!!


जिंदगी की कश्मकश में, तालमेल बैठाना।

बी.एफ.ए. के बाद एम.एफ.ए. कैसे करें?, इसका जुगाड़ लगाना।

सारी डिग्रियां समेटने के बाद, नौकरी के पीछे पड़ जाना।

आसान है क्या? एक कलाकार बन जाना!!!


जिंदगी में मिलने वाली मुश्किलों को, हँसकर आत्मसात करते जाना।

जीवन तो है रंगीन, इसे और रंगीन बनाना।

जो पास में है उससे संतुष्ट हो, भविष्य के लिए नए दरवाजे तलाशना।

आसान है क्या? एक कलाकार बन जाना!!!


साभार:- सोशल मीडिया

Edit & Modified:- विश्वजीत कुमार

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3 टिप्‍पणियां:

  1. Asan nhi hai ek Kalakaar ban jana, nakamyabi ki saiya per, umiidon ki sej sajana.
    Naumidi ki lehron per, utsahon ki nauka chalana.
    Samaj k tane or apni ulzahono ko , sadagi se jhel jana.
    Irsa, chal ,Chadm, dwesh, kuritiyon ki andhi me, shanti or pyar k deep jalana.
    Bilkul vi asan nhi h kalakaar ban jana, apni Kala p apna sarwasya niyochawar Kar Jana or fir haste hue duniya ko alwida keh jana. Asan nhi h kalakaar ban jana.

    जवाब देंहटाएं
  2. बिल्कुल आसान नहीं था एक कलाकार बन जाना ,
    रात मे घरवालों से छुपकर, डिबरी की रौशनी मे घर के किसी कोने मे बैठकर,
    किसी रचना को कागज पर उतारना ।
    बिल्कुल आसान नहीं था एक कलाकार बन जाना ।
    स्कूल मे क्लास के दरमियाँ, अपने नोटबुक के पिछले पन्नों पर किसी की झील सी आंखों को तराशना,

    बिल्कुल आसान नहीं था एक कलाकार बन जाना ।

    शिक्षक द्वारा पकड़े जाने पर गर्व से दंड के लिए हाथ आगे बढ़ाना,
    ये सोचकर कि मैने कोई गलती नहीं की है।
    फिर पूरे क्लास की हय दृष्टि के बावजूद खुद का कॉलर ऊंचा रख पाना ,
    आसान नहीं था एक कलाकार बन जाना ।

    घरवालों से ताना सुनना ,
    पढ़ाई के नाम पर नींद का आना
    और पेंटिंग करते करते रात रात भर जग जाना ।
    आसान नहीं था एक कलाकार बन जाना ।

    घर मे डॉक्टर इंजीनियर का माहौल को भेदकर उनसे अलग सपनो और कल्पनाओं की दुनियाँ बसाना,
    "कला मे भी जीवन है" खुद असमंजस पड़े रहने के बावजूद भी इसके संभावनो को अभिभावक तक पुख्ता कर पाना ।
    आसान नहीं था एक कलाकार बन जाना ।

    डगमगाते कदमो से घर की दहलीज लांघना,
    मां का आंचल छोड़, किसी अनजान शहर को अपनाना ।

    आसान नहीं था एक कलाकार बन जाना ।

    अकेले जो घर और शहर से दूर ना गया हो उसका पटना मे रूम के लिए दर दर की ठोकर खाना ।
    घर का खाना खाकर सेहत बनाने वाला शुरुवाती दौर मे होटल पर निर्भर हो जाना ,
    फिर आगे चलकर विश्वजीत भाई की कविता का एक एक शब्द को सत्यापित कर अपना दुखरा सुना पाना ।
    आसान नहीं था एक कलाकार बन जाना ।

    बी एफ ए और एम एफ ए कर लेने के बाद भी हम क्या किये जीवन से निराश हो एक कोने मे बैठ जाना ,
    जब दूसरे दोस्त और भाई को कही कही सेट होता देख खुद को असफल महसूस कर जिंदगी से निराश हो जाना ।

    आसान नहीं था एक कलाकार बन जाना ।

    आस पड़ोस और रिश्तेदारों मे जब हमारी बात होती " आपका बेटा क्या करता है" यह परिवार द्वारा समझा पना ,
    ओ आपका पेंटिंग करता है पर वह करता क्या है जैसे बेहूदगी वाले प्रश्न पर आये गुस्से पर कंट्रोल कर पाना ।

    इस प्रैक्टिकल लाइफ मे इमोसनल दिल लेकर सबकी नज़र मे निकम्मा बने रहना ।

    सच मे आसान नही है इस दुनियाँ मे एक कलाकर बन जाना ।

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