सोमवार, 27 सितंबर 2021

Brief History of Indian Art Origin and Develop (भारतीय कला की उत्पत्ति और विकास का संक्षिप्त इतिहास) हिंदी एवं English Notes.

Brief History of Indian Art Origin and Develop (भारतीय कला की उत्पत्ति और विकास का संक्षिप्त इतिहास) हिंदी एवं English Notes.



(2). आद्यऐतिहासिक काल (Medieval Age):- इस कालखण्ड में मानव द्वारा लिखी गई लिपि को पढ़ा नहीं जा सकता हैं किंतु लिखित साक्ष्य मिले हैं। इसके अंतर्गत हम सैंधव कालीन कला (Art of Indus Valley Civilization) 2300 - 1750 BC का अध्ययन करते हैं।

सैंधव कालीन कला (Art of Indus Valley Civilization)
           
       यह सभ्यता सिंधु नदी के तट पर मिली थी इसलिए इसे सिंधु सभ्यता कहते हैं। इसकी जानकारी के लिए पहली खुदाई हड़प्पा से हुई थी अतः इसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है। इसकी खोज सर जॉन मार्शल के निर्देशन में रायबहादुर दयाराम साहनी एवं राखल दास (आर० डी०) बनर्जी ने की थी। यहां पर दो प्रमुख नगर प्राप्त हुए हैं- मोहनजोदड़ो और हड़प्पा।
        सिंधु घाटी की कला में हमें ज्यादातर वास्तुकला एवं मूर्तिकला के साक्ष्य मिले हैं। यहां की लिपी चित्रात्मक (Pictograph) थी जिसे अभी तक पढ़ा नहीं गया है। जिस वजह से इस सभ्यता के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाती हैं। चित्रकला कि यदि बात की जाए तो लाल रंग के पात्र पर काले रंग से चित्रकारी की गई है। विषय स्पष्ट नहीं है क्योंकि ज्यामितीय रूपों का प्रयोग करके चित्र का निर्माण किया गया है। कहीं-कहीं चित्रकारी के लिए लाल रंगों का भी प्रयोग हमें दिखाई देता है।
           इस सभ्यता की सर्वश्रेष्ठ कृति मोहनजोदड़ो से प्राप्त नर्तकी की मूर्ति (The Dancing Girl) है जिसका आकार 10.5 CM (4.1 Inch) हैं। इसे कास्य से निर्मित किया गया है। वर्तमान में यह कलाकृति राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में सुरक्षित है। इसके अलावा मोहनजोदड़ो से ही पुजारी की प्रतिमा (Priest King Statue) जो को सेलखड़ी पत्थर से निर्मित हैं। इसका आकार 17.5 CM (06.95 Inch) हैं। यह प्रतिमा राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली में सुरक्षित हैं।
         वास्तुकला के अंतर्गत मोहनजोदड़ो से प्राप्त सबसे बड़ी इमारत विशाल अन्नागार है। जिसका आकार 45.71 मी० लंबा और 15.23 मी० चौड़ा है। इसके अलावा यहां से एक स्नानागार  भी प्राप्त हुआ है जिसका माप 11.88 मी० लंबा, 07.01 मी० चौड़ा और 2.43 मी० गहरा है।

         सिंधु घाटी की सभ्यता से अधिकतर मात्रा में पक्की मिट्टी के बर्तन प्राप्त हुए हैं इसी वजह से इसे पकाई मिट्टी के बर्तनों की सभ्यता भी कहा जाता है। इसके अलावा यहां बहुत से मृण्मूर्तियां प्राप्त हुई हैं।
जैसे:- मातृदेवी की प्रतिमा, मोहरे, खिलौने, इत्यादि।

सिंधु सभ्यता की विशेषताएं।
  • यह सभ्यता एक नगरीय (शहरी) सभ्यता थी। 
  • यहां की सड़के एक-दूसरे को समकोण पर काटती थी। 
  • नालियां ढकी हुई थी। 
  • अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि एवं व्यापार था। 
  • इनका समाज मातृसत्तात्मक था। 
  • इनकी लिपि चित्रात्मक थी जिसे पढ़ा नहीं जा सका है।
  • इनके मुहरों पर सर्वाधिक एक सींग वाले जानवर का चित्र बना हैं।
  • गाय के साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए हैं। 
  • सिंधु सभ्यता के लोग लोहा से परिचित नहीं थे। 
  • सिंधु सभ्यता के विनाश का सबसे बड़ा कारण बाढ़ को माना जाता है।

Brief History of Indian Art Origin and Develop



 (2). Medieval Age:- In this calbank, the script written by humans can not be read but written evidence has been received. Under this, we study Sandhav Carpet Art (ART of Indus Valley Civilization) 2300 - 1750 BC. 

Art of Indus Valley Civilization)

         This civilization was found on the coast of the Indus River, so it says Sindhu civilization. For its information, the first excavation was from Harappa, so it is also called Harappan civilization. It was discovered by Raiabahadur Dayaram Sahni and Rakhal Das (RD) Banerjee, directing Sir John Marshall. There are two major cities here - Mohanjodro and Harappa.
           In the art of the Indus Valley, we have mostly received evidence of architecture and sculpture. Here was the scriptical pictures (Pictograph) which has not yet been read. Because of which there is no detailed information about this civilization. If the painting is talked then the red color has been painting with black. The subject is not clear because the picture has been built using geometric forms. Somewhere, the use of red colors is also visible for painting.
       The best master of this civilization is the statue of dancer received from Mohanjodo (The Dancing Girl) is 10.5 cm (4.1 inch). It has been manufactured from a crowd. Currently this artwork is safe in the National Museum, New Delhi. Apart from this, the statue of the priest (priest king statue) from Mohanjodo is manufactured from the cell. Its size is 17.5 cm (06.95 inch). This statue National Museum is safe in New Delhi.
       
       Under the architecture, the biggest building obtained from Mohanjodo is a huge administrator. Whose size is 45.71 m 0 long and 15.23 m wide. Apart from this, a minor has also been received from which 11.88 m wide, 07.01 m wide and 2.43 m.
         
         Due to the fact that the pucca pottery of the Indus Valley is received, due to this, it is also called civilization of cooked pottery. Apart from this, many mrigons have been received here.
Such as: - Statue, Pieces, Toys, etc.

Features of Indus Civilization 
  • This civilization was a urban civilization. 
  • Here the streets used to bite each other on the rights. 
  • Drains were covered. The main basis of the economy was agriculture and trade. 
  • Their society was maternal. 
  • Their script was illustrative which could not be read. 
  • The most horny animals are made on their seals. 

  • The evidence of the cow has not been received. 
  • People of Indus Civilization were not familiar with iron. 
  • Floods are considered to be the biggest reason for the destruction of the Indus Civilization.

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