सोमवार, 30 मई 2022

मनोवैज्ञानिक विकास (Psychological Development)

 


मनोवैज्ञानिक विकास

(Psychological Development)  


         शिक्षा तथा मनोविज्ञान को जोड़ने वाली प्रमुख कड़ी मानव व्यवहार है तथा शिक्षा मनोविज्ञान का सीधा संबंध शिक्षण में अधिगम क्रियाकलापों से ही बनता है। 

   मनोविज्ञान के सिद्धांतों, नियमों, विधियों का उपयोग शिक्षा में क्षेत्र में व्यापक प्रयोग किया जाता है। 


        शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक होती है, क्योंकि शैक्षिक वातावरण में अधिगमकर्ता के व्यवहार का वैज्ञानिक विधियों, नियमों तथा सिद्धांतों के माध्यम से अध्ययन किया जाता है। 


बी. एफ. स्किनर (Burrhus Frederic Skinner) के अनुसार:-  शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है। जिसका संबंध अध्ययन तथा सीखने से है। मनोविज्ञान के क्षेत्र में उन सभी ज्ञान और विधियों को शामिल किया जाता है। जो सीखने की प्रक्रिया से अधिक अच्छी प्रकार समझने और अधिक कुशलता से निर्देशित करने के लिए आवश्यक है। 


कॉलेस्निक (W.B. Kolesnik):- मनोविज्ञान के सिद्धांतों व परिणामों का शिक्षा में अनुप्रयोग करना शिक्षा मनोविज्ञान है। 


एलिस क्रो (Alice Crow):- शिक्षा मनोविज्ञान मानव प्रतिक्रियाओं के वैज्ञानिक रूप से व्युत्पन्न सिद्धांतों के अनुप्रयोग का प्रतिनिधित्व करता हैं जो शिक्षण और सोखने को प्रभावित करते हैं। 


क्रो एंड को (Crow and Crow):- शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक अधिगम के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता है। 


जे. एम. स्टीफन (J. M. Stephon):- शिक्षा मनोविज्ञान बालक के शैक्षिक विकास का क्रमबद्ध अध्ययन है।


थार्नडाइक (Thorndike):- शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षा से संबंधित संपूर्ण व्यवहार और व्यक्तित्व आ जाता है।


        मनोविज्ञान के ज्ञान द्वारा शिक्षक बालक की व्यक्तिगत विभिन्नताओं का ज्ञान प्राप्त करता है। उचित शिक्षण विधियों का चयन करता है तथा कक्षा-कक्ष में अनुशासन स्थापित करता है। 


जर्मन दार्शनिक हरबर्ट (Herbert) को 'वैज्ञानिक शिक्षा शास्त्र' का जन्मदाता माना जाता है।

           शिक्षा मनोविज्ञान को सर्वप्रथम आधार प्रदान करने का श्रेय पेस्टोलॉजी द्वारा किया गया। यह विधायक (constitutive) और नियामक (regulative) दोनों प्रकार का विज्ञान है। विधायक विज्ञान तथ्यों पर जबकि नियामक विज्ञान मूल्यांकन पर आधारित होता है।


       शिक्षा का स्वरूप संश्लेषणात्मक होता है, जबकि शिक्षा मनोविज्ञान का स्वरूप विश्लेषणात्मक माना जाता है।


Note 👉 शिक्षा मनोविज्ञान एक वस्तुपरक विज्ञान (Material science) है।

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