सुबह में 04:00 बजे ही नींद खुल गई जबकि अलार्म सुबह 05:00 बजे का था। 30 Min. बिस्तर पर समय व्यतीत किया और अलार्म को बजने से पहले ही बंद कर दिया। ट्रेन का समय तो सुबह 06:53 का था इसीलिए आराम से सभी कार्य को संपन्न किये। फ्रेश होने के उपरांत ग्रीन टी🍵 बनाएं और हल्का नास्ता बैग में रख 06:10 में रूम से निकले क्योंकि फुलवारी शरीफ स्टेशन जाने में लगभग 30 Min. लगता है। 25 Min. में हम रेलवे स्टेशन के परिसर में थे। मॉर्निंग वॉक भी हो गया और हम स्टेशन भी आ गए।
हम चाहे फुलवारी शरीफ की तरह कितना भी,
शरीफ क्यों ना हो जाए।
मन🥰 तो हमेशा,
भगवानपुर में ही लगता हैं।
इसे आप जिस भी परिदृश्य में पढ़िये हकीकत से इसका कोई भी वास्ता नहीं है।😊
तय समय पर हाजीपुर एवं फिर वहां से ऑटो से भगवानपुर आ गए। ऑटो वाला 03 की सीट पर 04 लोगों को बैठा रहा था। इसे आप ऑटो वाले की बदनसीबी ही कहियें की उसके ऑटो में बैठे चारों लोग लोग हैवी वैट वाले ही थे। जिस वजह से परेशानी सबको हुई। मैंने तो अपना सफर यह गुनगुनाते हुए काट लिया कि,
जिंदगी एक सफर है सुहाना,
यहां कल क्या हो किसने जाना।
भगवानपुर में अपना सारा कार्य संपादित कर लगभग 03:00 बजे तक हम फ्री हो गए थे। उसके बाद मकसूदन जी को फ़ोन किये। मेरे आग्रह को स्वीकार कर आए और छोटी सी पार्टी🥂 आयोजित हो गई। पटना के लिए बस पकड़ने से पूर्व सोचे कि कुछ Soft-Dring होनी चाहिए। मेरा पसंदीदा Fizz उसके पास नहीं था उसने कहा- सर Sting लीजिये यह इससे ज्यादा बढ़िया है। मैंने कहां बढ़िया तो नहीं होगा लेकिन आप कहते हैं तो एक बार ट्राई करते हैं। Sting के साथ एक सेल्फी🤳 ली। बाद में समझ में नहीं आ रहा था कि हम Sting का प्रचार (PROMOTION) कर रहे हैं कि दुष्प्रचार।(VICIOUS PROPAGANDA).
......बाकी आप अपना विचार कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।
रोड के किनारे खड़े होकर हम इंतजार तो बस का कर रहे थे लेकिन आई एक ऑटो। उस में बैठा ड्राइवर बोला- पटना।
सहसा!!! हमें यकीन नहीं हुआ की यहां से Direct पटना, वह भी ऑटो से। मैंने एक बार एवं मकसूदन ने दो बार कंफर्म किया। ऑटो वाले ने हर बार यही कहां- हां!! भैया जी, हम पटना ही जाएंगे।
अचानक से मेरे आंखों के सामने कल रात में देखी गई फ़िल्म भूल भुलैया का दृश्य तैरने लगा। मूवी के एक दृश्य में अक्षय कुमार कहते हैं कि कुंभ से स्नान करके बनारस सीधे ऑटो से आ रहे है। ऑटो वाला उनसे 3000/- मांगा था। फिर मैंने मूवी का दृश्य बंद किया और ऑटो वाले से किराया कंफर्म किया। उसने वही किराया बताया जो कि बस से जाने पर लगता है। मैं सहज स्वीकृति प्रदान दे दी और ऑटो में बैठ गया।
भगवानपुर से पटना ऑटो का सफर बहुत ही रोमांचक रहा और और आज के दिन की बात करें तो वह और भी ज्यादा रोमांचक🥰 रहा था। जिसके बारे में चर्चा किसी और किसी लेख✍️ में....
धन्यवाद🙏
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