शनिवार, 14 मई 2022

मिडिल क्लास के लड़कों की प्रेम💓 कहानी✍️



       हम मिडिल क्लास लड़के कभी अपनी मोहब्बत💓 को जता नही पाते है, हमारे लिए मोहब्बत का पहला सबक हमें अपनी माई (माँ) से गाली के रूप में मिलता है। दिन भर उs हम को गरियाते अउरो मारते रहेगी लेकिन जैसे ही बाबू जी (पापा जी) जूता उठा कर हमे मारने आयेंगे तो हमारे और बाबू जी के जूते के बीच में दीवार🧱 बन कर खड़ी हो जायेगी, गजब का रिश्ता होता है माई-बेटा का। अप्पर क्लास वाले शायद इसे कभी नहीं समझ पाएंगे। 


      हम मिडिल क्लास लड़के कभी भी अपने माई से बता नही पाते है कि हम उनसे कितनी मोहब्बत💓 करते है लेकिन माई ने अगर कोई व्रत किया हो या माई की तबीयत सही ना हो तो हमारी सारी मोहब्बत छलक-छलक🥰 कर बाहर आने लगती है। उसके लाख मना करने के बावजूद भी घर में झाड़ू लगाने से लेकर बर्तन धोने तक और खाना बनाने तक का सारा काम हम अकेले संभाल लेते हैं तब हमें एहसास होता है कि माई एक दिन में केतना कार्य करती हैं। हमें कोई हाथ पकड़ कर खाना बनाना नहीं सिखाता है लेकिन जैसे ही कभी जरूरत हो या हम घर से बाहर जाते है तो प्याज काटने के समय से लेकर बरतन धोते समय तक हम अपनी माई को अपने दिमाग में कुछ इस तरह बैठा लेते है जैसे कि हमारी माई मां सरस्वती बन कर हमें गाइड कर रही हो कि चलो अब इतना पानी डालो चावल में, दाल को तीन सिटी के बाद उतार देना, सब्जी में इतना नमक डालो।


       लोग कहते हैं कि हम बच्चे बहुत ज्यादा शरारती एवं नालायक़ होते हैं। हां ठीक है ना, कि हम लड़के नालायक होते है, उसकी सबसे बड़ी वजह भी हमारी माई ही होती है। बहुत बीमार हो, लाख काम हो लेकिन एक बार लड़के ने आवाज लगा दी कि माई रे!!! भूख लगा है..... तब खाना दस मिनट में तैयार। कपडे धोने से लेकर खाना खाने तक, रात में सोने से लेकर सुबह उठने तक, माई एक गाइड बन कर हमेशा सपोर्ट में खड़ी रहती है। बाबू जी का तो एक ही काम रहता है कि वो हमको कायदे से ताना दे सके और उनका ताना सुन कर हम जब मुंह फुला☹️ कर किनारे बैठ जाया करते थे तो अक्सर हमें राजा बेटा कह के माई ने ही तो खाना खिलाया है।


       पहली क्लास के परिणाम से लेकर स्नातक के बैक पेपर तक। महाविद्यालय में पसंद आई लड़की👩 से लेकर उसके ब्रेकअप💔 तक। नौकरी के लिए तैयारी करते समय बार-बार रिजल्ट नहीं आने पर उत्पन्न तनाव को लेकर। प्राइवेट सेक्टर में काम करते समय वर्क लोड को लेकर। मैने हर वो बात माई को बताई है जिसे जानने का हक उन्हें है, मेरी सारी परेशानियों को बड़े हल्के में वो ले कर मुस्करा देती है और एक कैरियर काउन्सलर की भांति मेरे उज्ज्वल भविष्य का मार्गदर्शन करती है। माई ज्यादा पढ़ी-लिखी तो नहीं है लेकिन दुनियादारी🌏 के ज्ञान में उन्हें कोई नहीं हरा सकता।


पता नही, कैसे? माई इतनी समझदार होती है।


     माई का कोई दिन नही होता माई तो वो है जिससे हमारा हर दिन शुरू होता है।


प्रणाम माई🙏

1 टिप्पणी: