मंगलवार, 3 मई 2022

पटना जं. का इतिहास (History of Patna Junction)

 

Photo Credit:- Google

पटना जं. 

         वर्तमान के पटना जंक्शन की स्थापना 1862 ई. में की गई थी जिसका नाम बांकीपुर जंक्शन था। 1858 ई. में पटना रेल लाइन का निर्माण शुरू हुआ जो 1862 तक पूरा किया गया। इसके पूर्व कच्चे एवं निर्मित मालों का परिचालन जलमार्ग⛵ द्वारा किया जाता था।

      पटना जं. हावडा-दिल्ली मुख्य रेलमार्ग पर अवस्थित है तथा इसका परिचालन पूर्व रेलवे द्वारा किया जाता था, परन्तु बाद में पूर्व मध्य रेलवे की स्थापना के पश्चात यह इसके अन्तर्गत आ गया।

        पटना जं. न केवल प्राचीनतम जंक्शनों में से एक है बल्कि भारतवर्ष के सात व्यस्तम रेलवे जंक्शनों में से भी एक है, इससे इसके महत्व का पता चलता हैं।

      पटना शहर गंगा, सोन, पुनपुन एवं गंडक नदियों के संगम पर अवस्थित है तथा प्रमुख रूप से गंगा के दक्षिण में बसा हुआ शहर है।

        पटना का अस्तित्व 490 ई. पू. में माना जाता है। मगध के सम्राट के द्वारा इसकी स्थापना की गई थी तथा यह राजनिति एवं संस्कृति का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र बना रहा जहाँ चाणक्य, आर्यभट्ट, पाणिनी आदि विद्वान रहे।

      आधुनिक काल में बंगाल के विभाजन के पश्चात् पटना, बिहार एवं उड़ीसा की राजधानी बना। कालान्तर में 1936 में उड़ीसा का बिहार से अलग प्रान्त बन जाने पर यह बिहार की राजधानी बना  रहा। पटना अथवा प्राचीन पाटलिपुत्र का सबसे प्राचीन उल्लेख यूनानी यात्री एवं राजदूत मेगास्थनीज की “इंडिका” में मिलता है। अबुल फजल द्वारा लिखी गई अकबर कालीन “आइने-अकबरी" में भी इसका उल्लेख मिलता है जिसमें पटना स्थित कागज, पत्थर एवं शीशे के उद्योगों की चर्चा की गई है। 

     1704 ई. में पटना का नाम परिवर्तित कर 'अजीमाबाद' रखा गया। इन प्रमुख ऐतिहासिक महत्वपूर्ण बातों के अतिरिक्त अन्य ऐतिहासिक स्थलें भी हैं जो दर्शनीय है। पटना स्थित 'गोलघर' का निर्माण 1786 में वारेन हेसटिंग्स द्वारा अन्न भंडारण के लिए करवाया गया था जिससे दुर्भिक्ष (famine) से छुटकारा मिल सके। 

      पटना उच्च न्यायालय की स्थापना 03 फरवरी, 1916 ई. में की गई जो हाल के वर्ष 2015 में अपनी शताब्दी वर्ष मनाया। पटना संग्रहालय का निर्माण 03 अप्रैल 1917 को हुआ जो मुगल, राजपूत, स्थापत्य कला शैलियों का प्रतीक है। इस संग्रहालय में मौर्यकालीन विश्वविख्यात "यक्षिणी" की प्रस्तर मूर्ति स्थापित थी जिसे वर्तमान में बेली रोड पर स्थित बिहार संग्रहालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। इतना ही नहीं इसी संग्रहालय में 200 मिलियन वर्ष पुराना एक वृक्ष, जो पत्थर का हो गया हैं, रखा हुआ है जो इस संग्रहालय का अनूठा संग्रह है। इसमें भारत के प्रथम राष्ट्रपति बिहार निवासी देशरत्न डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं का संग्रह भी है। इस संग्रहालय में मौर्य,  कुषाण एवं गुप्तकालीन अवशेष प्रचुर मात्रा में पर्यटकों के लिए रखे गए है।


Patna Jn.


       The present-day Patna Junction was established in 1862 AD, whose name was Bankipur Junction.  In 1858 AD, the construction of Patna railway line started which was completed by 1862.  Prior to this, the movement of raw and manufactured goods was done by waterways.


     Patna Jn.  Howrah-Delhi is located on the main railway route and it was operated by Eastern Railway, but later it came under it after the establishment of East Central Railway.


      Patna Jn.  Not only is it one of the oldest junctions but also one of the seven busiest railway junctions in India, this shows its importance.


       The city of Patna is situated at the confluence of the Ganges, Son, Punpun and Gandak rivers and is mainly situated to the south of the Ganges.


        The existence of Patna in 490 BC.  is considered in.  It was established by the emperor of Magadha and it remained an important center of politics and culture where Chanakya, Aryabhatta, Panini etc. remained scholars.


     In the modern period, after the partition of Bengal, Patna became the capital of Bihar and Orissa.  Later, in 1936, when Orissa became a separate province from Bihar, it remained the capital of Bihar.  The earliest mention of Patna, or ancient Pataliputra, is found in the "Indica" of the Greek traveler and ambassador, Megasthenes.  It is also mentioned in Akbar's period "Ain-Akbari" written by Abul Fazl, in which the paper, stone and glass industries in Patna have been discussed.


       In 1704 AD, the name of Patna was changed to 'Azimabad'.  Apart from these major historical important things, there are other historical places which are worth visiting.  The 'Golghar' in Patna was built by Warren Hastings in 1786 for food storage to get rid of famine.


     Patna High Court was established on 03 February 1916 AD which celebrated its centenary year in the recent year 2015.  Patna Museum was built on 03 April 1917, which is a symbol of Mughal, Rajput, architectural styles.  In this museum, a stone statue of "Mauryan era" world famous "Yakshini" was installed, which has been shifted to the present-day Bihar Museum located on Bailey Road.  Not only this, a 200 million year old tree, which has turned into stone, is kept in this museum, which is a unique collection of this museum.  It also has a collection of items used by India's first President of Bihar, Desh Ratna Dr. Rajendra Prasad.  In this museum, relics of Maurya, Kushan and Gupta period are kept in abundance for tourists.

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