मंगलवार, 27 जुलाई 2021

नाग पंचमी🐍 की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐💐

 

          आप सभी मगध क्षेत्रवासियों को नाग-पंचमी🐍 की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐 

         ऐसे नाग-पंचमी का त्यौहार शुक्रवार 13 अगस्त को हैं लेकिन मगध एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में इसे आज (सावन के पहले पंचमी) मनाया जा रहा है जब मैंने इसके पीछे शोध किया तो पता चला के आज से बरसों पहले किसी मिथिला के ब्राम्हण के द्वारा इसे सावन के पहले पंचमी को मनाने की योजना बनाई गई थी इसके पीछे उनका तर्क था कि नाग-पंचमी के दिन कटहल और आम खाया जाता है और जो नाग-पंचमी पिछले पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है उस दिन तक कटहल और आम नहीं रहेगा इसीलिए कटहल और आम को खाने के लिए इसे आज के दिन मनाया जाने लगा। तब से यह परंपरा निरंतर चली आ रही है।

          एक और चीज हमें यहां देखने को मिला और वह है नीम का पत्ता। सुबह जब मॉर्निंग वॉक को निकले थे तो देखा कि हजारों युवक नीम के पेड़ पर चढ़कर उसका पत्ता तोड़ रहे हैं जब मैंने उन लोगों से इसकी वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि इसे घर में लगाना है। घर में क्यों लगाना है? इसका शाब्दिक अर्थ किसी को नहीं पता था। जब बड़े बुजुर्गों से पूछा तो उन्होंने भी कुछ स्पष्ट उत्तर नहीं दिया।

         हां, लेकिन इतना जरूर कहा कि इसको लगाने एवं इसके पत्ते को पीसकर पीने की भी आज परंपरा है। मुझे लगा कि चलिए कारण कोई भी हो लेकिन स्वास्थ्य के लिए यह अति उत्तम है। उन सभी के आग्रह पर ना इच्छा होते हुए भी मुझे नीम के पत्ता को घर में लगाना एवं इसके जूस को पीना भी पड़ा। खैर स्वास्थ्य के लिए यह उत्तम है।


2 टिप्‍पणियां:

  1. इसको घर में इसलिए लगाया जाता है की बारिश के दिनों में बहुत सारे कीट - पतंग घर में आ जाते हैं,इससे रक्षा के लिए , एक और चीज होता है ,वो होता है, घर के बाहरी दीवारों को गोबर के लेप से घेर देना , शायद उसका भी कारण यही है।

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