शनिवार, 17 जुलाई 2021

दिल्ली मेट्रो पर शायरी। Delhi Metro Par Shyari.

 


मैं ठहरा रहा, 

बोटेनिकल गार्डन की तरह। 


वो मेट्रो सी गुजरती रही, 

मेरे दिलो💓 से होकर।


विश्वजीत कुमार✍️


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