जानबूझकर मैंने दिल में,
दर्द की नदियां पाली हैं।
जानबूझकर मैंने दिल में दर्द की नदियां पाली हैं।
कैसे जुदा उन्हें करता वो मेरे चाहने वाली हैं ।।
रात में तेरी छत पर दो-दो चांद चमकते देखे थे।
सुबह मुझे मालूम हुआ वो तेरे कान की बाली हैं।।
मीन सरीखे आँखें होंठों के नीचे काला तिल है।
घुटनों तक लहराती तेरी जुल्फें काली-काली हैं ।।
नजरें जब तेरे होठों पर पड़ती हैं टिक जाती हैं।
ऐसा लगता है कि मानो वो गुलाब की प्याली हैं ।।
मुझमें निवेश कोई प्यार का अपने मत करना।
दिल की जेबें प्यार के सिक्कों से अब मेरी खाली हैं।।
साभार:- सोशल मीडिया
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