Dowry
1. Dowry prohibited.- A Government servant shall not-
(a) give or take or abet the giving/taking the dowry.
(b) demand any dowry directly or indirectly from the parent or guardian of a bride/bridegroom.
Rule 13-A
2. "Dowry" defined.-Dowry means any property or valuable security given or agreed to be given either directly or indirectly -
(a) by one party to a marriage to the other party; or
(b) by the parents of either party to a marriage or by any other person either party to the marriage or to any other person at or before or any time after the marriage in connection with the marriage of the said parties.
It does not include dower or mahar under the Muslim personal law.
-Section 2, Dowry Prohibition Act, 1961 (Act 28 of 1961)
"Valuable Security" denotes a document which is or purports to be a document whereby any legal right is created/extended/transferred/restricted extinguished/released or whereby any person acknowledges that he lies under legal liability or has not a certain legal right.
- Section 30, Indian Penal Code (45 of 1860).
3. Wedding Gifts.- Voluntary gifts given at the time of marriage to the bride/bridegroom are permissible; but a signed list of such presents should be maintained. The presents should be of a customary nature and their value should be commensurate with the financial status of the giver.
- Section 3 (2) of Dowry Prohibition Act, 1961.
4. Consequences of violation.- Any violation of the Dowry Prohibition Act by a Government servant will constitute a good and sufficient reason for instituting disciplinary proceedings against him, in addition to such legal action as may be taken against him in accordance with the provisions of the Act.
5. Dowry Death. If a Government servant is involved in a case of "Dowry Death", it is a serious offence. For action to be taken, see under the subject "Suspension" in the Chapter "Discipline Rules".
दहेज
दहेज निषिद्ध है. - सरकारी कर्मचारी निम्न कार्य नहीं कर सकते है-
(a) न दहेज़ ले सकता है और न ही दे सकता है/ न दहेज़ लेने के लिए किसी को उकसा सकता है।
(b) दुल्हा /दुल्हन के माता-पिता अथवा संरक्षक से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से दहेज की मांग नहीं कर सकता है।
Rule 13-A.
2. "दहेज” क्या है.- दहेज का तात्पर्य किसी संपत्ति अथवा मूल्यवान प्रतिभूति प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से देने अथवा देने के लिए सहमत होने से है-
(a) विवाह हेतु एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को; अथवा
(b) कथित पक्षों को विवाह के संबंध में, किसी पक्ष के माता-पिता द्वारा अथवा किसी भी अन्य व्यक्ति द्वारा विवाह के किसी भी पक्ष को अथवा किसी भी व्यक्ति को विवाह के समय अथवा पहले अथवा विवाह के पश्चात किसी भी समय।
नोट :- इसमें मुस्लिम वैयक्तिक कानूनों के अंतर्गत दहेज अथवा महर, सम्मिलित नहीं है।
-Section 2, Dowry Prohibition Act, 1961 (Act 28 of 1961)
“मूल्यवान प्रतिभूति" का अर्थ अथवा अभिप्राय ऐसे दस्तावेज से है जिसे किसी कानून की वैधता से तैयार किया गया/निषिद्ध/हस्तांतरित/विस्तारित/समाप्त किया गया/जारी किया गया है, जिसके द्वारा कोई व्यक्ति यह स्वीकार करता है कि वह कानूनी देयताओं हेतु उत्तरदाई है अथवा कतिपय निश्चित कानूनी अधिकार नही है।
- Section 30, Indian Penal Code (45 of 1860).
3. विवाह उपहार- दुल्हा/दुल्हन को विवाह के समय स्वेच्छया दिया जाने वाले उपहार अनुमेय है; किंतु ऐसे उपहारों की एक हस्ताक्षरित सूची बनाकर रखनी चाहिए। उपहार, साधारण प्रकार का होना चाहिए और उनका मूल्य देने वाले की वित्तीय स्थिति के अनुरूप होना चाहिए।
-Section 3 (2) of Dowry Prohibition Act, 1961.
4. उल्लंघन का परिणाम. सरकारी कर्मचारी द्वारा दहेज निषिद्ध अधिनियम का किसी भी प्रकार उल्लंघन, उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने हेतु उचित और पर्याप्त कारण उत्पन्न करेगा, ऐसी कानूनी कार्यवाही के अतिरिक्त, अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार भी उसपर कार्रवाई की जा सकती है।
5. दहेज हत्या. - यदि सरकारी कर्मचारी "दहेज हत्या" में शामिल है, तो यह एक गंभीर अपराध है। इस पर कार्रवाई करने के लिए "अनुशासन नियमावली” के अनुच्छेद में "निलंबन" विषय को देखें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें