मंगलवार, 27 दिसंबर 2022

दर्द से भर गया वो मुझसे लिपटकर रोया।


 

दर्द से भर गया वो मुझसे लिपटकर रोया ।

भूल वो शर्म-ओ-हया आज फफककर रोया ।। 


इतना लाचार न पहले कभी उसे देखा 

गम छुपाने में था नाकाम वो हंसकर रोया ।।


कैसे अल्फ़ाज़ में बयाँ करूँ उसकी हालत ।

दर्द से भर के गले तक वो तड़पकर रोया ।


जिसको पत्थर बता रहा है सरेआम जहाँ ।

दिल ही दिल मोम का वो मर्द पिघलकर रोया ।।


घर में सबकी नज़र से बचके अपने कमरे में । 

दर-दरीचों को बंद कर वो सिसककर रोया ।।


इश्क में खुद को हार जिंदगी से उकता कर ।

माँ के आंचल से सूरमा वो दुबककर रोया ।


जिसने मुद्दत से मुहब्बत लिखी है। 

प्यार के नाम से घंटों वो सिहर कर रोया।।


साभार:- सोशल मीडिया

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