गुरुवार, 15 अप्रैल 2021

15 अप्रैल, विश्व कला दिवस ।

 


मैं हूं कला, 
मैं हूं कलाकार। 
जब भी करता हूं मैं सृजन, 
खींच लेता हूं सबका ध्यान। 

आओ देखो तुम भी,
 मेरा करामात
क्योंकि 
मैं हूं कला, 
मैं ही हूं कलाकार।

विश्वजीत कुमार✍️

           नमस्कार🙏आप सभी का हमारे Blog पर स्वागत है। आज हम बात करेंगे लियोनार्दो दा विंची के बारे में जिनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आज यानी 15 अप्रैल को विश्व कला दिवस का आयोजन किया जाता है। विश्व कला दिवस (World Art Day) ललित कलाओं का एक अंतरराष्ट्रीय त्यौहार है जिसे एक अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ आर्ट (IAA) ने दुनिया भर में रचनात्मक गतिविधियो के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए 15 अप्रैल 2012 को शुरू किया था।

        आज ही के दिन 15 अप्रैल 1452 को विश्व विख्यात कलाकार लियोनार्दो दा विंची का जन्म इटली के फ्लोरेंस नगर में हुआ था। ये चित्रकार होने के साथ-साथ एक स्थापत्यकार, मूर्तिकार, साहित्यकार, संगीतकार, वैज्ञानिक, इंजीनियर के साथ-साथ शायद दुनिया में कोई ऐसा कार्य नहीं हो जो कि विंची के द्वारा संपन्न नहीं किया जाता था। इन्हें अपने युग का आश्चर्य भी कहा गया है। विंची अपनी कला को वैज्ञानिक परीक्षण के बाद चित्रण करते थे अत्यधिक धीमी गति से चित्रण करने के कारण इसने माइकल एंजेलो की भांति अपने कई कार्य को अधूरे छोड़ दिए थे जिनमें एक विश्व प्रसिद्ध पेंटिंग मोनालिसा का भी नाम आता है।
Monalisa

     लियोनार्दो डा विंची ने शरीर में रक्त परिभ्रमण, युद्ध में काम आने वाली सशक्त गाड़ियां, हवाई-जहाज एवं पनडुब्बी के असंख्य रेखा-चित्र बनाए थे। उनके इस रेखा चित्र बनाने के कई वर्षों बाद इन सभी चीजों का आविष्कार हो सका। यानी आप सोच सकते हैं कि इन सभी चीजों की परिकल्पना उन्होंने अपने समय में ही कर लिए थे। इसने प्रारंभिक दौर में जो चित्र बनाएं उसमें ईसा की वंदना, शैलखंडों की राजकुमारी, श्वेत रोमयुक्त कोटवाली महिला प्रमुख है।

    विंची ने मिलान के सांता मारिया उपासना गृह में ईसा का अंतिम भोज (The Last Supper) भित्ति चित्र बनाया यह उनका प्रथम ऐसा चित्र था जिससे वह काफी प्रसिद्ध हो गए। इस चित्र में ईसा मसीह के शिष्यों के चेहरे पर प्रभावशाली ढंग से मनोवैज्ञानिक तनाव दर्शाया गया है।

The last-supper

      यदि इनकी सर्वश्रेष्ठ चित्र की बात की जाए तो वह है- विश्वविख्यात मोनालिसा का चित्र यह चित्र लगभग 1500 से 1504 के मध्य बनाया गया। इस चित्र के पृष्ठभूमि में लियोनार्डो के मनपसंद आयरिश के पुष्प दर्शाए गए हैं यह पेंटिंग 77 सें.मी. x 53 सें.मी. आकार की हैं। अभी वर्तमान में यह चित्र पेरिस के लुब्र संग्रहालय में सुरक्षित है। इनके द्वारा बनाया गया एक और प्रसिद्ध चित्र जिसका नाम है सल्वाटर मुंडी (Salvator Mundi) जिसे सेवियर ऑफ द वर्ल्ड के नाम से भी जाना जाता है वर्तमान में यह पेंटिंग लुवर अबू धाबी संग्रहालय संयुक्त अरब अमीरात में स्थित है। इसका मूल्य 450.3 मिलियन डॉलर यानी लगभग 3000 करोड़ रुपए में रखा गया था। 16 नवंबर 2007 को नीलाम हुई इस पेंटिंग को 500 साल पुराना बताया गया। कहां जाता है कि सल्वाटर मुंडी पेंटिंग पहले खो गई थी बाद में  फ्रांस के शाही परिवार को इस पेंटिंग के अधिकार मिले। इस पेंटिंग में ईसा मसीह को विश्व के उद्धारकर्ता के रूप में चित्रित किया गया है। यह पुनर्जागरण युग के स्वर्ण काल के ऐसे प्रसिद्ध चित्रकार थे जिनके चित्रों में छाया एवं प्रकाश का सबसे अच्छा प्रयोग दिखाई देता है।
 
02 मई 1519 को 67 वर्ष की आयु में इस महान कलाकार का देहांत हो गया।

CrazyArtPhotographers की पूरी टीम इस कलाकार के कला को नमन करती है और आप सभी को विश्व कला दिवस की शुभकामनाएं💐💐💐 भी प्रदान करती हैं।

विश्वजीत कुमार✍️





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