Blindness is a New Feeling,
A New Experience,
A New State of Being.
Binod Bihari Mukharji
विनोद बिहारी मुखर्जी का जन्म 07 फरवरी 1904 को कोलकाता के "बेहाला" नगर में हुआ था। वे बाल्यकाल से ही नेत्र रोग से पीड़ित रहे किंतु अपने आत्मविश्वास से ही उन्होंने विद्या अध्ययन और कला उपासना पूर्ण की। विनोद बिहारी मुखर्जी ने चित्रकला के साथ-साथ भित्ति चित्रकला में भी ख्याति अर्जित की। उन्होंने शांति निकेतन के कला भवन, चीन भवन एवं हिंदी भवन में अनेकों भित्ति चित्र का निर्माण किया जो उनके जीवन के अनुभव एवं परिस्थितियों को दर्शाता है। चित्रकारी के साथ-साथ मुखर्जी ने अपने कला गुरु नंदलाल बोस एवं अन्य बंगाल शैली के कलाकारों पर लेख भी लिखें।
सन 1957 ईस्वी में इनके नेत्रों की शल्य चिकित्सा हुई जिससे वे अपने नेत्रों की ज्योति खो बैठे। कला फिल्म निर्माता सत्यजीत राय ने उन पर वृत्तचित्र बनाया जिसे इनर आई (Inner Eye) शीर्षक दिया। विनोद बिहारी मुखर्जी ने लेखन के साथ-साथ कोलाज (Collage) पद्धति एवं काष्ठ में भी कार्य किया। उपरोक्त सभी बातों से यह प्रतीत होता है कि वे आधुनिक काल में हो रहे परिवर्तनों से लगातार प्रभावित होते रहे। जया अप्पास्वामी ने उन्हें "भारतीय कला से आधुनिक कला का सेतुबंध माना है।"
विनोद बिहारी मुखर्जी ने अधिकतर जल रंग, तैल रंग एवं टेंपरा पद्धति में कार्य किया। इनके द्वारा निर्मित कलाकृतियां निम्न हैं:- T Lover, सामान्य व्यक्ति, औरतें, बालक, वृद्ध, इत्यादि। इनकी मृत्यु 11 नवंबर 1980 को हुई।
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