कार्य केंद्रित शिक्षणशास्त्र की समझ (Understanding of work-oriented teaching)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में समाजिक रूप से उपयोगी उत्पादक कार्य SUPE (Socially Useful Productive Work) की अवधारणा को स्वीकार किया और इसे उद्देश्यपूर्ण एवं अर्थपूर्ण शारीरिक कार्य माना। इसमें यह सिफारिश की गई है कि इसे प्रचलित शिक्षा के सभी स्तरों पर एक महत्वपूर्ण घटक माना जाए और इसे अच्छी तरह से संगठित और व्यवस्थित कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया जाए।
इसमें उत्पादक कार्यक्रम को अपनाए जाने के लिए मुख्यतः 6 (छः) क्षेत्रों का सुझाव दिया गया है-
- स्वास्थ्य और स्वास्थ्य विज्ञान (Health and Health Sciences.)
- भोजन और पोषण (Food and nutrition.)
- आवास (Residence)
- कपड़े (Clothes)
- संस्कृति और मनोरंजन (Culture and Entertainment.)
- सामुदायिक कार्य एवं समाज सेवा (Community work and social service)
प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर पाठ्यक्रम में तीन मुख्य कारक होंगे:-
- पर्यावरण अध्ययन और उसका उपयोग
- सामग्री, उपकरण और उनके प्रयोगों के तरीके तथा अभ्यास
- बच्चों और उनके परिवारों की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति।
अपने आस-पास किये जाने वाले उत्पादक कार्य और सेवाओं में कार्यानुभव बहुत महत्वपूर्ण है। केवल एक बार ऐसा करने से यह तय नहीं किया जा सकता है कि बच्चे इसे पूरी तरह से समझ गए हैं या इस कला में महारत हासिल कर चुके हैं। सतत अभ्यास (Continuous Practice) से ही यह दक्षता (Efficiency), क्षमता उनमें आ सकती है।
कार्यानुभव की गतिविधियों और परियोजनाओं का वास्तविक चयन उसे स्थान विशेष के प्राकृतिक, भौतिक, मानव संसाधन तथा सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर किया जाना चाहिए। इन गतिविधियों और योजनाओं के चयन में विविधता होनी चाहिए। पर्यावरण संबंधी कुछ गतिविधियां निम्न है:-
- बच्चों द्वारा अपने घरों से स्कूल आते समय अपने चारों ओर दिखने वाले घरों, पेड़ो, दुकानो, आदि। का अवलोकन करना। यह प्रक्रिया उन्हें संवेदनशील बनाती है और वे स्वयं को उनसे संबंधित कर पाते हैं।
- बड़ों के साथ मिलकर पर्यावरण को स्वच्छ रखने में सहयोग करना। जैसे:- अपने आस-पास के जगहो एवं पार्कों से कचरा और पॉलिथीन एकत्रित कर उन्हें नष्ट करना, ठहरे हुए पानी की निकासी एवं खरपतवार को निकालना, आवारा पशुओं द्वारा अव्यवस्था फैलाने के संबंध में संबंधित संस्था को सूचित करना। इत्यादि।
- बगीचे एवं खेत में फसलों के पकने का अवलोकन करना। बच्चों की जिज्ञासाओं का समाधान उनसे प्रश्न पूछ कर करना।
- सांस्कृति एवं धार्मिक पर्वों के कार्यक्रम में सहभागिता एवं गतिविधियों का अवलोकन करना।
- अपने आसपास के पोस्ट ऑफिस, बैंक, हॉस्पिटल, इत्यादि। में चल रहे विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन करना।
- अपने घर के आसपास के पेड़ों के नाम और उनकी उपयोगिता जानना और उनकी देखभाल करना।
इसी प्रकार की और कौन-कौन सी गतिविधियां हो सकती है। उनकी एक सूची तैयार करें।
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