सोमवार, 13 जून 2022

जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी के मुख्य परीक्षा के अंतर्गत पेपर संख्या 04 "कला का इतिहास" का हिंदी नोट्स। Hindi Notes of Paper No. 04 "History of Art" under Main Examination of District Art and Culture Officer.

      बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में सभी 247 सफल उम्मीदवारों को बधाई एवं मेन्स के लिए शुभकामनाएं💐  इस Blogs के माध्यम हम मेंस के सभी विषयों के हिंदी नोट्स आपको प्रदान करते रहेंगे। नीचे दिए गए Link के माध्यम से आप सभी पोस्ट एक साथ प्राप्त कर सकते हैं।


BPSC Mains Notes click here


      आज के इस लेख में हम चर्चा करेंगे विज्ञापन से संबंधित एक महत्वपूर्ण terms टाइपोग्राफी के बारे में।


Typography

 

     टाइपोग्राफी को हिंदी में मुद्रण कला कहते हैं। किसी भी भाषा के शब्द को सुंदर तरीके से लिखने की कला जो पढ़ने एवं देखने में आकर्षक लगे उसे हम टाइपोग्राफी या मुद्रण कला कह सकते हैं।

Type का चुनाव:- वर्तमान में कंप्यूटर से तैयार डिजाइन के लिए विभिन्न प्रकार के टाइप प्राप्त होते हैं। यह टाइप का चुनाव की विज्ञापन को सुपाठ्य या आकर्षित बनाते है तथा संप्रेषित भी करते है।


लेआउट में प्रयुक्त टाइप:- 05 से 14 पॉइंट के अक्षरों का प्रयोग लेआउट बनाते समय किया जाता है। जिन्हें हम टेक्स्ट टाइप कहते हैं इनका प्रयोग बॉडी कॉपी, पत्रिका, समाचार पत्रों तथा पुस्तकों में किया जाता है। 14 से 72 पॉइंट के अक्षर को डिस्प्ले टाइप कहते हैं इनका प्रयोग मुख्य शीर्षक लिखने में किया जाता है। 72 से ऊपर बड़े अक्षरों को पोस्टर टाइप कहा जाता है।


 Note - सामान्यत: एक लाइन (-------) में 12 से 16 शब्द तथा 50 से 70 अक्षर अधिक सुपाठ्य माने जाते हैं।


क, ख, ग.... - 03 अक्षर 

कमल - 01 शब्द


टाइप के मापन:- टाइप मापन में पॉइंट पद्धति का प्रयोग किया जाता है। टाइप मापने की सबसे बड़ी इकाई 72 पॉइंट होती है।


टाइप बॉडी एवं टाइप फेस

  • अधिक चौड़े अक्षरों (M,W) को सेट वेथ कहा जाता है। 
  • कम चौड़े अक्षरों (I) को मेरोथ कहा जाता है।

      टाइपोग्राफी की खोज 18वीं शताब्दी (1737 ई०) में फ्रेंच टाइपोग्राफर पियरे सिमोन फेरनी सेन ने की थी।

     पॉइंट तथा पाईका विधि के माध्यम से टाइपोग्राफी की माप की जाती है जो हाथों से बने होते हैं जबकि कंप्यूटर से बने टाइप को मापने के लिए यूनिट (इकाई) का प्रयोग किया जाता है।

पॉइंट:- यह अक्षरों की ऊंचाई को मापता है। A 

पाईका:- यह शब्द के लाइनों को माप करता है। Bishwajeet


01 इंच में छ: पाईका होते हैं। 

01 पाइका में 12 पॉइंट 

01 इंच में 72 पॉइंट।


     हाथ से ढाले गए अक्षरों को हम 05 से 72 टाइप के अक्षर छाप सकते हैं जबकि डिजिटल तरीके से अक्षरों को हम 02 से 120 पॉइंट तक छाप सकते हैं।


अंतराल (Space) :- एक अक्षर एवं शब्द लिखने के उपरांत उसके बीच खाली जगह को हम अंतराल कहते हैं, अंतराल को चार भागों में बांटा गया है।

  1. अक्षर अंतराल 
  2. शब्द अंतराल 
  3. रेखा अंतराल 
  4. पैराग्राफ अंतराल
(1) अक्षर अंतराल:- इसे अंग्रेजी में लेटर स्पेस कहते हैं एक अक्षर के बाद दूसरे अक्षर लिखने में जो अंतराल होता है उसे अक्षर अंतराल कहा गया है। जैसे:- BISHWAJEET.

  •  कुछ चयनित अक्षरों के बीच में लगे अंतराल को कर्निग कहा जाता है जैसे:- WMY, WORLD.
  • साधारण अक्षरों के मध्य अंतराल को ट्रैकिंग कहा जाता है। जैसे:- EIVC.

(2) शब्द अंतराल:- इसे अंग्रेजी में Word Space कहते हैं। इसका एक और नाम क्वायड स्पेस है। यह 02 शब्दों के बीच लगे अंतराल को दिखाता है। जैसे:- BISHWAJEET KUMAR VERMA.

(3) रेखा अंतराल इसे अंग्रेजी में Line Space कहते हैं। इसका एक और नाम लीडिंग स्पेस है। यह दो लाइनों के बीच अंतराल को दिखाता है।

(4) पैराग्राफ अंतराल इसे अंग्रेजी में Paragraph Space कहते हैं यह पैराग्राफ के अंतराल को दिखाता है।


टाइप सेटिंग:- पृथक-पृथक अक्षरों को संयोजित करके एक लेख (मैटर) तैयार करने को टाइप सेटिंग कहते हैं। टाइप सेटिंग दो प्रकार की होती है- 

  1. हार्ड मेटल कंपोजिंग 
  2. कोल्ड मेटल कंपोजिंग 


हार्ड मेटल कंपोजिंग:- इसमें हाथ तथा मशीनों से टाइपो को संयोजित करके मुद्रण किया जाता है। 

कोल्ड मेटल कंपोजिंग:- इसमें कंप्यूटर का प्रयोग करके टाइपो को संयोजित किया जाता है।


Remember


  • प्रथम टाइप कंपोजिंग मशीन 1825 ईस्वी में आई थी।
  • प्रथम मोनोटाइप मशीन 1887 ई० में टालबर्ट लास्टर के द्वारा लगाया गया था। 
  • लाईनोटाइप मशीन 1886 ई० में मेजर ऐंथेलर के द्वारा लाया गया।
  • कोल्ड कंपोजिंग मशीन 1960 ई० इससे कंप्यूटर के द्वारा मुद्रण किया जा सकता था।

Typography


        Typography is called Mudran Kala (Art of printing) in Hindi. The art of writing words of any language in a beautiful way which is attractive to read and see can be called typography or printing art.

Selection of Type:- At present, various types are available for computer generated designs. The choice of type makes the advertisement legible or attractive and also communicates it.

Type used in layout:- 05 to 14 point letters are used while making the layout. What we call text types are used in body copy, magazines, newspapers and books. Characters of 14 to 72 points are called display type and are used to write the main title. Capital letters above 72 are called poster type.

Note - Generally, 12 to 16 words and 50 to 70 letters in a line (-------) are considered more legible.


A, B, C... - 03 letters 

Lotus – 01 word.

Measurement of type:- Point method is used in type measurement. The largest unit of type is 72 points.

Type Body & Type face

  • Wider letters (M,W) are called Set width. 
  • The less wide letters (I) are called Meroth.
       Typography was invented in the 18th century (1737 AD) by the French typographer Pierre Simon Ferny Sen.

Typography is measured through the point and pica method, which are made by hand, while units are used to measure computer-made type.

Point:- It measures the height of letters. A 

Pica:- It measures the lines of the word. Bishwajeet


There are six pica in 1 inch. 
12 points in 01 pica 
72 points in 01 inch.

    We can print hand molded letters from 05 to 72 points whereas Digitally we can print letters from 02 to 120 points.

Space:- After writing a letter and a word, the empty space between them is called space, the space is divided into four parts.

  1. letter spacing 
  2. Word gap 
  3. Line interval
  4. Pragraph spacing
(1) Letter spacing:- The gap that occurs in writing one letter after another is called letter spacing. 

Like:- BISHWAJEET.

  • The space between some selected letters is called karning like:- WMY, WORLD.
  • The Space between simple letters is called Tracking. Like:- EIVC.
(2) Word Space:- Its another name is Quad space. It shows the gap between 02 words. Like:- BISHWAJEET KUMAR VERMA.

(3) Line Space: Another name for this is Leading space. It shows the Space between two lines.

(4) Paragraph space: It shows the gap of the paragraph.

Type setting:- Preparing an article (Matter) by combining separate letters is called type setting. There are two types of type setting - 

  1. Hard metal composing
  2. Cold metal compositing 


1. Hard Metal Composing:- In this, printing is done by combining typos by hand and machines. 

2. Cold Metal Composing:- In this, typos are combined using a computer.

Remember

  • The first type composing machine came in 1825 AD.
  • The first monotype machine was installed by Tolbert Laster in 1887. 
  • Linotype machine was brought by Major Antheler in 1886.
  • Cold Composing Machine 1960 AD With this, printing could be done through computer.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें